Day: August 7, 2020

प्रकाश झा की वेब सीरीज़- परीक्षाः बदलाव भले ना आए, लेकिन चर्चा तो हो

August 7, 2020

उर्मिला कोरी आपकी फिल्म डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो रही है, इसको लेकर आपर कितने खुश हैं ? किसी भी रिलीज से आदमी खुश होता है. फिल्म रिलीज हो रही है।यही बड़ी बात है मौजूदा जो हालात हैं उसमें. हां, थिएटर को मिस कर रहा हूं क्योंकि हमारा मुख्य उद्देश्य थिएटर ही होता है. आपकी […]

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नई शिक्षा नीति कहीं आरक्षण को खत्म करने का ऐलान तो नहीं?

August 7, 2020

गौरव गुलमोहर नई शिक्षा नीति, 2020 आरक्षण के सवाल पर मौन है। कहीं यह आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस ऐलान की परिणति तो नहीं जिसमें उन्होंने आरक्षण की समीक्षा पर बात कही थी। आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े आरक्षण विरोधी मंच गाहे बगाहे आरक्षण को ख़त्म करने की बात उठाते रहे हैं। […]

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भीष्म साहनी जयंती 8 अगस्त पर उनकी कहानी- चीफ की दावत

August 7, 2020

प्रेमचंद की तरह भीष्म साहनी ने भी समाज को उसी बारीकी से देखा-समझा था लेकिन, यह प्रेमचंद से आगे का समाज था इसलिए उनकी लेखनी ने विरोधाभासों को ज्यादा पकड़ा ।उनकी जयंती 8 अगस्त पर पढ़ें उनकी कहानी- चीफ की दावत आज मिस्टर शामनाथ के घर चीफ की दावत थी। शामनाथ और उनकी धर्मपत्नी को […]

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केन्द्रीय विश्वविद्यालय: वर्चस्वशाली जातियों के नए ठिकाने ?- सुभाष गाताडे

August 7, 2020

अगर हम प्रोफेसरों के पदों की बात करें तो यूजीसी के मुताबिक अनुसूचित जाति से आने वाले प्रत्याशियों के लिए आरक्षित 82.82 फीसदी पद, अनुसूचित जनजाति तबके से आने वाले तबकों के लिए आरक्षित 93.98 फीसदी पद और अन्य पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित 99.95 फीसदी पद आज भी खाली पड़े हैं। असोसिएट प्रोफेसर के […]

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छत्तीसगढ़ सरकार छह मानवाधिकारवादियों को एक-एक लाख मुआवज़ा दे- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

August 7, 2020

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा “हमारी दृढ़ राय है कि पुलिस द्वारा इन लोगों के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज किए जाने के कारण वे निश्चित ही मानसिक रूप से परेशान और प्रताड़ित हुए हैं और उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है. छत्तीसगढ़ सरकार को इसका मुआवजा देना चाहिए. अतः मुख्य सचिव के जरिये छत्तीसगढ़ सरकार […]

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अल्काजी: एक बड़े पर्दे का गिरना – मंगलेश डबराल

August 7, 2020

अल्काजी 95 वर्ष की भरपूर उम्र में दुनिया को छोड़ कर गए हैं। लेकिन जाना हमेशा के लिए एक विशाल नाट्य-दृश्य के पर्दे का गिरना है जो अब कभी खुलेगा नहीं।  ‘ऐसे किले जब टूटते हैं तो अन्दर से भरभराकर टूटते हैं!’ सन 1972 में जब यह वाक्य दिल्ली के पुराने किले के ऐतिहासिक अवशेषों […]

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