हिन्दी के मूर्धन्य कथाकार-उपन्यासकार शैलेश मटियानी(14 अक्टूबर 1931 – 24 अप्रैल 2001 )- अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना में को जन्मे थे. शैलेश मटियानी का रचनाकर्म बहुत बड़ा है. उन्होंने तीस से अधिक उपन्यास लिखे और लगभग दो दर्ज़न कहानी संग्रह प्रकशित किये. आंचलिक रंगों में पगी विषयवस्तु की विविधता उनकी रचनाओं में अटी पड़ी है. […]
Read Moreकांचा इलैया शेफर्ड आज भारत में जातीय चेतना एक अलग स्तर पर पहुंच चुकी है. हर बात पर नज़र रखी जा रही है. न सिर्फ भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी जाति की नई व्याख्याएं प्रस्तुत की जा रही हैं. क्या भविष्य में स्थितियां बदलेंगी? पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और संगीतकार-गायक एसपी बालासुब्रमण्यम को भारत का सर्वोच्च […]
Read Moreअजय कुमार अपर क्लास एलीट कल्चर से सजे धजे तनिष्क एड के प्रेम संदेश पर ट्विटर ने नहीं बल्कि भारत के कड़वी हक़ीक़त ने हमला बोला है! टाटा ग्रुप ने वही किया जो नहीं करना चाहिए था। असल सवाल यही है कि अगर करोड़ों और अरबों की संपत्ति से जुड़े टाटा ग्रुप के लोग ऐसे […]
Read Moreसुप्रीम कोर्ट ने सितंबर महीने के आख़िर में सुनवाई के दौरान जम्मू कश्मीर प्रशासन से कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हमेशा के लिए हिरासत में नहीं रखा जा सकता है। महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ्ती की ताज़ा याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अपने रुख की जानकारी देने के लिए […]
Read Moreकविता छोटी सी उम्र में ही बूचड़खाने में काम कर चुके शैलेश मटियानी के लिए संघर्ष जीवन में कभी कम नहीं हुए लेकिन इनके साथ ही उनकी विलक्षण लेखकीय यात्रा चलती रही. राजेंद्र यादव अक्सर कहते थे, ‘मटियानी हमारे बीच वह अकेला लेखक है जिसके पास दस से भी अधिक नायाब और बेहतरीन ही नहीं, […]
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