रविकान्त ‘मुझे फाँसी हो जाने के बाद मेरे क्रांतिकारी विचारों की सुगंध हमारे इस मनोहर देश के वातावरण में व्याप्त हो जाएगी। वह नौजवानों को मदहोश करेगी और वे आज़ादी और क्रांति के लिए पागल हो उठेंगे। नौजवानों का यह पागलपन ही ब्रिटिश साम्राज्यवादियों को विनाश के कगार पर पहुँचा देगा। यह मेरा दृढ़ विश्वास […]
Read Moreसंस्कृति हमें दृष्टि देती है, साध्य देती है। सभी धर्म संस्कृति की देन हैं। संस्कृति संस्थाएं देती है, परिवार संस्था, विवाह संस्था। अलग-अलग काल खण्डों, वर्गों में अलग-अलग परम्पराएं देती है। संस्कृति मनुष्यों को आदर्श देती है; आदर्श परिवार, आदर्श व्यक्ति। भाषा-भूषा, धर्म व भोजन और उच्चतर स्तर पर साहित्य, कला, संगीत ये सभी संस्कृति […]
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