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वीपी मेनन : जो न होते तो भारत का नक्शा भी ऐसा नहीं होता

अनुराग भारद्वाज सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ मिलकर वीपी मेनन ने भारत की आजादी के समय मौजूद 550 से ज्यादा रियासतों का एकीकरण किया था.वीपी मेनन ब्रिटिश इंडिया सरकार में बतौर क्लर्क भर्ती हुए थे और बाद में वे आईसीएस के पद तक पहुंचे. उनके जिस कार्यकाल को याद रखा जाता है वह तब का…

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Covid-19: वैक्सीन आने के बाद भी प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने में आएंगी बड़ी चुनौतियां

प्रबीर पुरकायस्थ हो सकता है बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश पैसे के दम से कतार में आगे आकर या सिर्फ़ अपने लिए उत्पादन क्षमताओं का इस्तेमाल कर वैक्सीन की समस्याओं से निजात पा लें, लेकिन बाकी दुनिया का क्या होगा? जैसे-जैसे दुनिया में कोरोना बढ़ता जा रहा है, कुछ देश इसके खिलाफ़ हार मानते जा रहे…

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कृषि विधेयकों के खिलाफ आखिरकार विपक्ष एकजुट हुआ है, लेकिन इतना ही काफी नहीं है

ज़ैनब सिकंदर ट्विटर पर निडरता के साथ अपनी बात रखने भर से काम नहीं चलने वाला. विपक्ष को बिहार और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सीएए-विरोधी आंदोलन से सीख लेनी चाहिए.केवल मतदाता ही मोदी एंड कंपनी से यह कहने में सक्षम हैं- ‘नहीं, आप ये सरासर गलत कर रहे हैं.’ लेकिन ऐसा तभी…

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प्रेम के मामले में इस जनजाति जितना परिपक्व होने में हमें एक सदी और लग सकती है

पुलकित भारद्वाज 39 वर्षीय लक्ष्मी देवी गरासिया की. वे राजस्थान के सिरोही ज़िले के आबू रोड ब्लॉक में पड़ने वाले घणका गांव में रहती हैं. उनके साथ रहते हैं उन्हीं के हमउम्र गोविंद गरासिया. देसी अंदाज में कहें तो लक्ष्मी देवी और गोविंद गरासिया ने बीस दिवाली के दीए साथ में जलाए हैं, बीस बार…

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नूरजहां : जिसने अपने भाई के साथ सियासी जंग में मुग़लों को मोहरे के तौर पर इस्तेमाल किया

अनुराग भारद्वाज इतिहासकार बड़े निर्मम रहे हैं. कहा जाता है कि उन्होंने नूरजहां को उसका उचित श्रेय नहीं दिया वरना यह भी कहा जा सकता था कि छह महान मुग़लों और एक मुग़लिया रानी ने दुनिया भर में सल्तनत का परचम लहराया. नूरजहां जितनी ख़ूबसूरत थी, उतनी ही क़ाबिल भी. 16 साल तक उसने जहांगीर…

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सुप्रीम कोर्ट का पतन संयोगवश नहीं, सोच समझ कर बनाई गई रणनीति का हिस्सा – जस्टिस ए. पी. शाह

जस्टिस अजीत प्रकाश शाह ने जस्टिस सुरेश शाह मेमोरियल लेक्चर देते हुए एक आलेख पढ़ा, ‘सुप्रीम कोर्ट का पतन, भूली हुई आज़ादी और घटे हुए अधिकार’। उसके मुख्य अंशों का अनुवाद पढ़ें– मुझे लगता है कि हमारे समय की सबसे ज़्यादा परेशान करने वाली घटना है-सुप्रीम कोर्ट का पतन। इसके एक पूर्व जज के नाते…

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क्या बीजेपी की आईटी सेल अपना असर खोने लगी है?

अंजलि मिश्रा सोशल मीडिया पर हर तरह के जोड़-तोड़ के लिए मशहूर बीजेपी की आईटी सेल इस समय वहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही बचाव नहीं कर पा रही है. नरेंद्र मोदी के वीडियोज पर एकतरफा प्रतिक्रियाओं की भरमार होना कोई नई बात नहीं है लेकिन इस बार इनका पलड़ा उनके पक्ष में न…

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पेरियार : जिन्हें एशिया का सुकरात कहा जाता है

अनुराग भारद्वाज पेरियार को राजा राममोहन राय, दयानंद सरस्वती और विनोबा भावे सरीखे समाज सुधारकों की पांत में रखा जाता है. लेकिन वे एक मंझे हुए राजनेता भी थे पेरियार महात्मा गांधी के सिद्धांतों से प्रभावित होकर कांग्रेस में शामिल हुए थे. बाद में पेरियार ने 1938 में जस्टिस पार्टी का गठन किया. फिर 1944…

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चीनी कंपनी ज़ेनहुआ के पास हैं 24 लाख लोगों के डेटा, निशाने पर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया भी

प्रमोद मल्लिक चीन पर डेटा चुराने का आरोप पहले भी लग चुका है। पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अमेरिका में पढ़ रहे या शोध कर रहे एक हज़ार चीनियों के वीज़ा रदद् कर दिए। इन लोगों पर आरोप है कि वे वहां शोध कार्य चुराने के मकसद से गए है। वे वहां के…

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स्वामी अग्निवेशः एक सेक्युलर और योद्धा संन्यासी का जाना

उर्मिलेश तमाम विवादों या आरोपों के बावजूद लोकतांत्रिक और सेक्युलर खेमे में शायद ही किसी को इस बात पर असहमति हो कि अग्निवेश एक सेक्युलर स्वामी थे, एक योद्धा स्वामी! आज के दौर में स्वामी कहलाने वाले कई लोग ‘कारपोरेट व्यापारी’ बन गये या सत्ता के ‘धर्माधिकारी’। पर स्वामी अग्निवेश ने वह रास्ता कभी नहीं…

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