विविध

मोहम्मद अली : जिनका बड़बोलापन शायद दुनिया से उनका प्रतिशोध था-प्रियदर्शन

January 18, 2021

मोहम्मद अली में कई चीज़ें थीं जिनसे समझदार आदमी को नाक-भौं सिकोड़नी चाहिए. लेकिन इन सभी पर वह सच्चाई भारी थी जिससे लड़ते हुए वे अपने मुकाम तक पहुंचे जहां मोहम्मद अली और पेले मुक्केबाज़ी और फुटबॉल में अपनी तरह का अश्वेत आंदोलन रहे वहीं, ध्यानचंद और जेसी ओवंस ने बर्लिन ओलंपिक में हिटलर का […]

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रैदास के बेगमपुरा में किताबों के लंगर भी होते, काश!

January 12, 2021

संदीप राउज़ी आपको कैसा लगेगा अगर मूंगफली की उम्मीद में बढ़ी आपकी अंजुरी बादाम से भर जाए! आप चाय की तलाश में हैं और आपको गरमागरम दूध का न्योता मिल जाए। प्यास लगी हो और लोग ठेठ मक्‍खन वाली छाछ लिए आपकी सिफ़ारिश कर रहे हों।  टीकरी बॉर्डर पर जमे किसान जत्थों के बीच घूमते […]

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आख़िर लोग वाट्सऐप क्यों छोड़ रहे हैं?

January 11, 2021

राज कुमार वाट्सऐप ने नयी प्राइवेसी पॉलिसी जारी की है। जो 8 फरवरी 2021 से लागू हो जाएगी। आप इस पॉलिसी से सहमत हैं या नहीं ये बात कोई मायने नहीं रखती है। अगर आप वाट्सऐप का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको इसे स्वीकार करना ही होगा और सहमति देनी होगी। अगर आप नयी […]

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नगेन्द्रनाथ गुप्त: एक पुरखा पत्रकार का बाइस्कोप

January 7, 2021

अरविंद मोहन करीब पौने दो सौ साल पहले जन्मे नगेन्द्रनाथ गुप्त देश के पहले बड़े पत्रकारों में एक थे और उन्होंने 1857 के बाद से लेकर गांधी के उदय के पूर्व का काफी कुछ देखा और बताया है. वे ट्रिब्यून के यशस्वी सम्पादक थे तो रवीन्द्रनाथ के दोस्त और विवेकानन्द के क्लासमेट. उनके संस्‍मरणों की […]

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क्यों और कैसे सरकार का भोंपू बन गया मीडिया? – जस्टिस मार्कंडेय काटजू

January 2, 2021

मीडिया को जातिवाद और सांप्रदायिकता जैसी सामंती ताकतों पर हमला करना चाहिए, धार्मिक कट्टरता की निंदा करनी चाहिए और हमारे समाज का ध्रुवीकरण करने के प्रयास का जमकर विरोध करना चाहिए। मीडिया को लोगों में वैज्ञानिक सोच-विचारों, सामाजिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देना चाहिए और लोगों के सामने वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के […]

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साल 2020: लोकतंत्र पर हमले भी होते रहे और प्रतिरोध भी जारी रहा

December 30, 2020

अनिल जैन  विदा ले रहे साल 2020 में कोरोना महामारी को छोड़ दें तो सबसे बडा ट्रेंड क्या माना जाए? कुछ लोग कोरोना को रोकने के नाम पर लगे देशव्यापी लॉकडाउन को 2020 की सबसे बड़ी त्रासद घटना बता सकते हैं। कुछ लोग लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक घर वापसी को साल की सबसे बड़ी […]

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दिल्ली को घेरे बैठे किसान, गाँव-कस्बों के गरीबों में पनप रहा है राशन विद्रोह!

December 28, 2020

एक आंदोलन जिसकी गूंज भारत के कोने-कोने से आ रही है! एक आंदोलन जो बताता है कि देश का अन्नदाता दाने-दाने को मोहताज हो रहा है! एक आंदोलन जो यह जाहिर करने के लिए काफी है कि अब हदें पार हो रही हैं! देश में इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन की धमक पूरी दुनिया […]

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पिता तुल्य दोस्त को, शहर के नूर को अलविदा

December 26, 2020

प्रवीण शेखर  किसी आत्मीय को खो देना और उस विछोह को महसूस करते हुए कुछ कह पाना आसान हरगिज़ नहीं होता. शुक्रवार की शाम को क़ब्रिस्तान से लौटे प्रवीन के लिए भी यह सब कुछ याद करना यक़ीनन ख़ासा तकलीफ़देह रहा होगा. – सं. अलविदा! मेरे सरपरस्त.मेरे SRF चले गए. हमारे शहर के, हमारी तहज़ीब […]

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विश्व भारती शताब्दी समारोहः मोदी के भाषण पर तृणमूल की तीखी प्रतिक्रिया

December 24, 2020

विश्व भारती 1921 में रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में है. वर्ष 1951 में विश्व भारती को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था और उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में शुमार किया गया था. प्रधानमंत्री इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होते हैं. प्रदानमंत्री मोदी ने विश्व भारती विश्वविद्यालय  के शताब्दी वर्ष समारोह […]

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटीः सर सैयद के इंतहाई जुनून के 100 साल

December 22, 2020

दुनियाभर में अपनी तालीम के लिए मशहूर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आज 100 साल की हो गई। यूनिवर्सिटी बनाने वाले सर सैयद में एक अलग ही जुनून था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का इतिहास बड़ा रोचक है । 1920 में जब कॉलेज को यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया, तब पहली चांसलर बेगम सुल्ताना को बनाया गया। वाइस […]

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