विविध

इस्लाम और धर्म स्वातंत्र्यः फ्रांस एवं ऑस्ट्रिया में जिहादी हमलों के सन्दर्भ में – इरफ़ान इंजीनियर

December 21, 2020

यह एक सामान्य धारणा है कि इस्लाम एक पिछड़ा हुआ धर्म है जो प्राचीन नहीं तो कम-से-कम मध्यकालीन मान्यताओं से अब भी चिपका हुआ है. इस्लाम की सोच परम्परावादी ही नहीं बल्कि कट्टर है और वह अपने अनुयायियों को असहिष्णु और हिंसक बनाता है. यह भी माना जाता है कि इस्लाम की आधुनिक मूल्यों और […]

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पटेल की मूर्ति लगवाई तो किसानों की सुनते क्यों नहीं?

December 16, 2020

रविकान्त दो बड़े सफल किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले सरदार पटेल को पूजने और उनकी विरासत पर दावा करने वाले आज सत्ता में हैं। सरदार पटेल और महात्मा गांधी की ज़मीन गुजरात से आने वाले प्रधानमंत्री और गृह मंत्री किसानों के आंदोलन पर खामोश हैं। किसानों के प्रति सरकार की संवेदनहीनता और बेरहमी ब्रिटिश […]

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भारत को काम करने वाला सामाजिक लोकतंत्र बनाने के लिए राज्य पूंजीवाद को खत्म करना होगा

December 13, 2020

टी एन नायनन अगर भारत को एक गतिशील सामाजिक लोकतंत्र बनना है, तो उसे अनुशासित टैक्स व्यवस्था तैयार करके कॉर्पोरेट की ताकत पर लगाम लगाते हुए सरकारी पूंजीवाद की राह पकड़ने से बचना होगा. भारत में कौन-सी व्यवस्था चल रही है? सामाजिक लोकतंत्र की या लोकतांत्रिक समाजवाद की? आपको यह शब्दों का खेल लग सकता […]

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लड़ते-खपते किसान पर क्यों चुप हैं अपने-अपने मोहल्लों के भगवान?

December 12, 2020

नवीन कुमार ऑस्ट्रेलिया में भारत के एक मुकाबले के बाद कप्तान विराट कोहली ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहे होते हैं। दर्शक दीर्घा में बैठी एक महिला जोर से चिल्लाती है- “विराट कोहली तुम कहां हो? किसान एकता जिंदाबाद.. भारतीय किसानों का समर्थन करो.. वर्ना तुम टॉयलेट पेपर से ज्यादा कुछ नहीं..।” इस टिप्पणी को […]

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वर्तमान किसान आंदोलन: एक नयी राजनीति की अंगड़ाई

December 11, 2020

सुधीर कुमार सुथार किसान आंदोलन का योगदान इससे तय नहीं होगा की उन्होंने क्या हासिल किया, अपितु उन्होंने लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जो बहादुरी दिखाई उससे होगा। पिछले कुछ समय से किसान आंदोलन लगातार इस बात के लिए प्रयासरत हैं कि वे केवल खेती से सम्बंधित मुद्दों और जुड़े लोगों को […]

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ख़ास बात : पिंजरा तोड़ की एक्टिविस्ट और जेल में बंद नताशा के पिता महावीर नरवाल से

December 8, 2020

खुशबू शर्मा जब मैंने पहली बार नताशा की गिरफ्तारी के बाद उनके पिता महावीर नरवाल से फेसबुक के ज़रिये बात की तो उनका पहला वाक्य यह था-“ख़ुशबू, आप उसी यूनिवर्सिटी में पढ़ती हैं न जहां मेरी बेटी नताशा पढ़ती हैं?” इस वाक्य में गर्व था ही साथ ही एक अपनापन भी। उसी दौरान नताशा और […]

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किसानों ने सड़क पर ही बना ली है सरकार, सचिवालय से ऐसे मोदी सरकार को भेज रहे हैं संदेश

November 30, 2020

हरीश मानव  केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में पांच दिन से दिल्ली की सीमाआें पर डटे आंदोलनकारी किसान अब बड़े सुनियोजित ढंग से अपने हकों की लड़ाई को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के बैनर के लिए 100 से अधिक किसान संगठनों ने सड़क पर ही बकाया अपना प्रोटेस्ट सेक्रेट्रिएट […]

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असदुद्दीन ओवैसी : “मुसलमानों में गहरी बेचैनी है”

November 29, 2020

भावना विज-अरोड़ा से ओवैसी की बातचीत-  हाल में बिहार विधानसभा चुनावों में पांच सीटें जीतने के बाद सुर्खियों में छाए 51 वर्षीय असदुद्दीन ओवैसी की राजनीति के बारे में कुछ भी लुकाछिपा नहीं है। हमेशा सुर्खियों में रहने को आतुर, हैदराबाद से चार बार के सांसद  भावना विज अरोड़ा से कहते हैं कि इफ्तार पार्टियां करने, मौलानाओं का सम्मान करने […]

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आज के माहौल में हमें दरगाह क्यों जाना चाहिये? – जस्टिस मार्कंडेय काटजू

November 28, 2020

दरगाहों पर जाकर केवल ऐसे सूफी संतों का सम्मान किया जाता है, उनकी पूजा नहीं की जाती है। मैं नास्तिक हूँ और किसी भी चीज़ की पूजा नहीं करता, लेकिन मैं अक्सर दरगाहों (जैसे अजमेर दरगाह, निज़ामुद्दीन चिश्ती दरगाह, आदि) में जाता हूँ उन सूफियों का सम्मान करने लिए जिन्होंने समाज में प्रेम, सहिष्णुता, भाईचारा […]

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परवीन शाकिर ने अपने अंदर की लड़की को मरने नहीं दिया

November 26, 2020

अब्दुल्लाह ज़कारिया नदीम ऐसा नहीं कि परवीन ने सिर्फ़ इश्क़ और रूमान को ही अपनी नज़्मों का मौज़ू’ बनाया है, अपनी ज़मीन और उससे जुड़े हुए मसाइल को भी क़लम-बंद किया है। सिंध की बेटी का सवाल ‘‘फ़र्ज़ंद-ए-ज़मीन’’ ‘‘शहज़ादी का अलमिया’’ और ‘‘बहार अभी बहार पर है’’ जैसी नज़्में भी लिखी हैं जो सियासी और […]

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