यह एक सामान्य धारणा है कि इस्लाम एक पिछड़ा हुआ धर्म है जो प्राचीन नहीं तो कम-से-कम मध्यकालीन मान्यताओं से अब भी चिपका हुआ है. इस्लाम की सोच परम्परावादी ही नहीं बल्कि कट्टर है और वह अपने अनुयायियों को असहिष्णु और हिंसक बनाता है. यह भी माना जाता है कि इस्लाम की आधुनिक मूल्यों और […]
Read Moreरविकान्त दो बड़े सफल किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले सरदार पटेल को पूजने और उनकी विरासत पर दावा करने वाले आज सत्ता में हैं। सरदार पटेल और महात्मा गांधी की ज़मीन गुजरात से आने वाले प्रधानमंत्री और गृह मंत्री किसानों के आंदोलन पर खामोश हैं। किसानों के प्रति सरकार की संवेदनहीनता और बेरहमी ब्रिटिश […]
Read Moreटी एन नायनन अगर भारत को एक गतिशील सामाजिक लोकतंत्र बनना है, तो उसे अनुशासित टैक्स व्यवस्था तैयार करके कॉर्पोरेट की ताकत पर लगाम लगाते हुए सरकारी पूंजीवाद की राह पकड़ने से बचना होगा. भारत में कौन-सी व्यवस्था चल रही है? सामाजिक लोकतंत्र की या लोकतांत्रिक समाजवाद की? आपको यह शब्दों का खेल लग सकता […]
Read Moreनवीन कुमार ऑस्ट्रेलिया में भारत के एक मुकाबले के बाद कप्तान विराट कोहली ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहे होते हैं। दर्शक दीर्घा में बैठी एक महिला जोर से चिल्लाती है- “विराट कोहली तुम कहां हो? किसान एकता जिंदाबाद.. भारतीय किसानों का समर्थन करो.. वर्ना तुम टॉयलेट पेपर से ज्यादा कुछ नहीं..।” इस टिप्पणी को […]
Read Moreसुधीर कुमार सुथार किसान आंदोलन का योगदान इससे तय नहीं होगा की उन्होंने क्या हासिल किया, अपितु उन्होंने लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जो बहादुरी दिखाई उससे होगा। पिछले कुछ समय से किसान आंदोलन लगातार इस बात के लिए प्रयासरत हैं कि वे केवल खेती से सम्बंधित मुद्दों और जुड़े लोगों को […]
Read Moreखुशबू शर्मा जब मैंने पहली बार नताशा की गिरफ्तारी के बाद उनके पिता महावीर नरवाल से फेसबुक के ज़रिये बात की तो उनका पहला वाक्य यह था-“ख़ुशबू, आप उसी यूनिवर्सिटी में पढ़ती हैं न जहां मेरी बेटी नताशा पढ़ती हैं?” इस वाक्य में गर्व था ही साथ ही एक अपनापन भी। उसी दौरान नताशा और […]
Read Moreहरीश मानव केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में पांच दिन से दिल्ली की सीमाआें पर डटे आंदोलनकारी किसान अब बड़े सुनियोजित ढंग से अपने हकों की लड़ाई को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के बैनर के लिए 100 से अधिक किसान संगठनों ने सड़क पर ही बकाया अपना प्रोटेस्ट सेक्रेट्रिएट […]
Read Moreभावना विज-अरोड़ा से ओवैसी की बातचीत- हाल में बिहार विधानसभा चुनावों में पांच सीटें जीतने के बाद सुर्खियों में छाए 51 वर्षीय असदुद्दीन ओवैसी की राजनीति के बारे में कुछ भी लुकाछिपा नहीं है। हमेशा सुर्खियों में रहने को आतुर, हैदराबाद से चार बार के सांसद भावना विज अरोड़ा से कहते हैं कि इफ्तार पार्टियां करने, मौलानाओं का सम्मान करने […]
Read Moreदरगाहों पर जाकर केवल ऐसे सूफी संतों का सम्मान किया जाता है, उनकी पूजा नहीं की जाती है। मैं नास्तिक हूँ और किसी भी चीज़ की पूजा नहीं करता, लेकिन मैं अक्सर दरगाहों (जैसे अजमेर दरगाह, निज़ामुद्दीन चिश्ती दरगाह, आदि) में जाता हूँ उन सूफियों का सम्मान करने लिए जिन्होंने समाज में प्रेम, सहिष्णुता, भाईचारा […]
Read Moreअब्दुल्लाह ज़कारिया नदीम ऐसा नहीं कि परवीन ने सिर्फ़ इश्क़ और रूमान को ही अपनी नज़्मों का मौज़ू’ बनाया है, अपनी ज़मीन और उससे जुड़े हुए मसाइल को भी क़लम-बंद किया है। सिंध की बेटी का सवाल ‘‘फ़र्ज़ंद-ए-ज़मीन’’ ‘‘शहज़ादी का अलमिया’’ और ‘‘बहार अभी बहार पर है’’ जैसी नज़्में भी लिखी हैं जो सियासी और […]
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