आलेख

क्रीमी लेयर से आरक्षण पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने वाली है मोदी सरकार!

July 5, 2020

प्रीति सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि आरक्षण ख़त्म करने की बात बेवक़ूफ़ी है, लेकिन हमारी सरकार उसे ऐसा ज़रूर बना देगी कि आरक्षण रहने या न रहने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसके लिए केंद्र ने कई क़दम उठाने की कोशिश की, जिसमें विश्वविद्यालयों […]

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गांधी रास्ता भी हैं, संकल्प भी – कुमार प्रशांत

July 2, 2020

मोहनदास करमचंद गांधी एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय ‘अपराधी’ हैं, जिसने अपने हर अपराध का साक्ष्य इकट्ठा कर हमें सौंप दिया है. हमें जब, जहां, जैसी जरूरत होती है, हम उसका इस्तेमाल कर उन्हें सजा दे देते हैं. फिर हम खुद से ही पूछते रह जाते हैं कि हमने यह क्या किया? गांधी हर बार किसी व्यक्ति […]

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मनु को इतिहास तक सीमित करने का सवाल – सुभाष गाताडे

July 1, 2020

कितने लोगों ने डॉ. अम्बेडकर की अगुवाई में छेड़े गए पहले ‘दलित विद्रोह’ अर्थात महाड़ सत्याग्रह (1927) के बारे में पढ़ा होगा और यह जाना होगा कि किस तरह उसके पहले चरण में (19-20 मार्च) को महाड़ नामक जगह पर स्थित चवदार तालाब पर हजारों की तादाद में लोग पहुंचे थे और उन्होंने वहां पानी […]

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हम मिनियापोलिस की घटना से आहत हैं, हमें तमिलनाडु नहीं दिखता

June 30, 2020

प्रीति सिंह जब पिछड़े वर्ग या अनुसूचित वर्ग के लोगों के संवैधानिक हकों पर डकैती पड़ती है तो सवर्ण समाज को खुशी महसूस होती है. उन्हें इस बात का अहसास नहीं हो पाता कि ताकतवर तबका उनके भी हकों को लूट रहा है. तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में मोबाइल फोन कारोबारी जयराज और उनके बेटे […]

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पुलिस सुधार से रुक जाएगी पुलिस हिंसा? – अपूर्वानंद

June 29, 2020

तमिलनाडु में बाप-बेटे की मौत के मामले के बाद एक बार फिर पुलिसिया उत्पीड़न पर बहस शुरू हो गई है। इसी तरह, उत्तर प्रदेश में नागरिकता के नए क़ानून का विरोध करने वालों पर, जिनमें ज़्यादातर मुसलमान थे, पुलिस की ज़्यादती और अत्याचार की चर्चा हुई थी। लेकिन सवाल पुलिस के रवैये को लेकर है कि […]

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दुनिया की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा चीन –

June 24, 2020

एल. एस. हरदेनिया जब चीन में क्रांति हो रही थी उस दौरान उसे विश्व की जनता का जबरदस्त समर्थन प्राप्त था। उस समय चीन के बारे में कहा जाता था कि वहां के निवासी अफीम का नशा करके सुप्त अवस्था में पड़े रहते हैं। उस समय चीन की आर्थिक स्थिति इतनी जर्जर थी कि कहा […]

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क्यों पढ़ना चाहिए आज भी प्रेमचंद को ?- विश्वनाथ त्रिपाठी

June 24, 2020

साहित्य या रचनाकृति जो है वह तो मूल रुप से कलाकृति होती है और वह सौंदर्य की चीज़ होती है. सौंदर्य के बारे में कीट्स ने कहा है कि ‘ए थिंग ऑफ़ ब्यूटी इज़ ज्वाय फॉर एवर ’. तो जब हम प्रेमचंद या किसी और बड़े कलाकार के बारे में बात करते हैं जो वह […]

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झारखंड: कोल ब्लॉक नीलामी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट गई प्रदेश सरकार

June 23, 2020

केंद्र सरकार द्वारा कोल ब्लॉक की नीलामी किए जाने के फैसले के खिलाफ झारखंड सरकार  ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केंद्र की मोदी सरकार ने वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोल ब्‍लॉक को वर्चुअल नीलामी के लिए लॉन्च किया है। रांची: ‘केंद्र की सरकार द्वारा झारखंड में कोल ब्लॉक नीलामी के खिलाफ हमने सुप्रीम […]

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वह झूठा तो है लेकिन मेरा अपना झूठा है — अपूर्वानंद

June 22, 2020

राजनीति में झूठ बोलने से क्या जनता को कोई दिक़्क़त नहीं है? अमेरिका में तो मीडिया ने ट्रम्प के झूठ की लंबी फेहरिस्त तक छापी है। इस पर शोध हुए हैं कि उनके लगातार झूठ बोलने और ग़लत तथ्यों की जानकारी देने की ख़बरें छपने के बावजूद जनता और झूठ क्यों माँगती है।  अंग्रेज़ी पढ़ा लिखा हत्यारा […]

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संसद की बहसों की गंभीरता से लिया गया होता तो चीन को लेकर गफलत न होती

June 21, 2020

प्रीति सिंह सांसदों ने सीमा पर चीन की घुसपैठ और उसकी नीयत को लेकर बार-बार सवाल उठाए हैं. मुश्किल ये है कि संसद में हुई बहसों को गंभीरता से लेने का चलन खत्म हो चुका है. ये लापरवाही सिर्फ सरकार की ही नहीं मीडिया की भी है, क्योंकि ऐसी बहस और सवाल कभी उभरकर सामने […]

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