विविध

हिजाब आंदोलनःईरान सरकार ने इंटरनेट किया बंद तो एलन मस्क ने उठाया बड़ा कदम

September 25, 2022

ईरान में लगातार हिजाब विरोधी प्रदर्शन लगातार जारी है। प्रदर्शनों में कई लोगों की जाने भी जा चुकी हैं। सैंकड़ों लोग घायल हैं लेकिन सरकार और प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हो रहे हैं। बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए ईरानी सरकार ने कई जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिया है। जहां इंटरनेट बंद नहीं किया […]

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अंतरराष्ट्रीय युद्ध विरोधी दिवस पर परिचर्चाः विश्व शांति के लिए साम्राज्यवाद का अंत आवश्यक

September 7, 2022

इंदौर। युद्ध मानवजाति के लिए केवल विनाश लेकर आता है, यह किसी के लिए भी हितकारी नहीं। संसाधनों पर वर्चस्व और मुनाफ़े की हवस के साम्राज्यवादी मंसूबे हमेशा से विश्व में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व और मानवता के लिए खतरा रहे हैं। शस्त्रों की सौदागर ताकतें अपने स्वार्थ के लिए तनाव और युद्धों को बढ़ावा देती हैं। […]

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रूस और यूक्रेन के बीच विवादः असर,आशंकाएं और संभावनाएं – डॉक्टर अजय पटनायक

February 24, 2022

रूस और यूक्रेन दोनों जुड़वा देश रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूक्रेन सोवियत संघ में शामिल हुआ। सन 1990 में रूस से अलग होने के बाद से ही अमेरिका यूक्रेन सहित सोवियत संघ से अलग हुए देशों में अपनी कठपुतली सरकारें बिठाने का षड्यंत्र करता रहा है। इस क्षेत्र में अमेरिका की बढ़ती […]

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चंबल के 400 डकैतों को सरेंडर कराने वाले सुब्बाराव को आप कितना जानते हैं

October 28, 2021

कुमार प्रशांत सलेम नानजुंदैया सुब्बाराव या सुब्बारावजी या देश भर के अनेकों के लिए सिर्फ़ भाईजी का अवसान एक ऐसे सिपाही का अवसान है जिससे हमारे मन भले शोक से भरे हों, लेकिन कामना है कि हम सबके दिल नए संकल्प से भर जाएं. सुब्बारावजी आज़ादी के सिपाही थे लेकिन वे उन सिपाहियों में नहीं […]

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क्या गंगा-जमुनी तहजीब कल्पना मात्र है? -राम पुनियानी 

October 16, 2021

भारतीय-मुस्लिम अंतरसंबंधों से गंगा-जमुनी तहजीब उपजी. देश में साम्प्रदायिक राष्ट्रवाद के उदय और उसके द्वारा अतीत की चुनिंदा घटनाओं की संकीर्ण व्याख्या किए जाने के कारण राजाओं को धर्म के चश्मे से देखा जाने लगा. मुस्लिम राजाओं के बारे में जो कुछ कहा गया वह अर्धसत्य था. अंग्रेजों ने इतिहास का साम्प्रदायिकीकरण किया और मुसलमानों […]

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तेल की राजनीति, तालिबान और इस्लामोफोबिया का भारत पर प्रभाव -राम पुनियानी

September 24, 2021

अफगानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी के नतीजे में वहां तालिबान सत्ता में आ गए हैं. अफगानिस्तान का घटनाक्रम चिंता पैदा करने वाला है. वहां के अल्पसंख्यकों और मुसलमानों ने देश से किसी भी तरह भाग निकलने के जिस तरह के प्रयास किए वे दुःखद और दिल को हिला देने वाले थे. इस घटनाक्रम ने […]

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क्या सभी कट्टरपंथी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे होते हैं? -राम पुनियानी

September 11, 2021

अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापिसी ने उनके पिछले शासनकाल की यादें ताजा कर दी हैं. उस दौरान तालिबान ने शरिया का अपना संस्करण लागू किया था और महिलाओं का भयावह दमन किया था. उन्होंने पुरूषों को भी नहीं छोड़ा था. पुरूषों के लिए एक विशेष तरह की पोशाक और दाढ़ी अनिवार्य बना दी […]

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बहुजनहित की बात करने वाली मायावती अचानक ब्राह्मणों के मान-सम्मान लिए क्यों आवाज़ उठा रही हैं?

September 9, 2021

सोनिया यादव उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण मतदाता बीएसपी के जाटव और सपा के यादवों के बाद चुनाव का एक महत्वपूर्ण कारक हैं। ऐसे में क़रीब 14 साल बाद अब एक बार फिर बीएसपी दलित और ब्राह्मण ‘सोशल इंजीनियरिंग’ के जरिए अपने सियासी समीकरणों को सुधारना चाहती हैं। “राज्य में बीजेपी की सरकार के दौरान ब्राह्मणों […]

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कल्याण सिंह, संघ और ओबीसी राजनीति – राम पुनियानी

August 28, 2021

लंबे समय तक भाजपा की छवि ऊंची जातियों की पार्टी की थी. कल्याण सिंह, उमा भारती और विनय कटियार जैसे लोगों ने उसे ओबीसी की पार्टी भी बनाने में मदद की. कल्याण सिंह एक प्रमुख ओबीसी नेता थे जिनकी पैठ उनके स्वयं के लोध समुदाय के अतिरिक्त उत्तरप्रदेश की अन्य गैर-यादव ओबीसी जातियों जैसे मल्लाह, […]

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“वैज्ञानिक मनोवृत्ति” विकसित करने का कर्तव्य

August 23, 2021

प्रशांत पद्मनाभन तर्कवादी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की 8वीं पुण्यतिथि के बाद प्रशांत पद्मनाभन ने उनकी विरासत को याद करते हुए लिखा है कि “वैज्ञानिक मनोवृत्ति” क्या होती है और कैसे इसका विकास किया जा सकता है। तर्कवादी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की 8वीं पुण्यतिथि के बाद प्रशांत पद्मनाभन ने उनकी विरासत को याद करते हुए लिखा […]

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