ईरान में लगातार हिजाब विरोधी प्रदर्शन लगातार जारी है। प्रदर्शनों में कई लोगों की जाने भी जा चुकी हैं। सैंकड़ों लोग घायल हैं लेकिन सरकार और प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हो रहे हैं। बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए ईरानी सरकार ने कई जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिया है। जहां इंटरनेट बंद नहीं किया […]
Read Moreइंदौर। युद्ध मानवजाति के लिए केवल विनाश लेकर आता है, यह किसी के लिए भी हितकारी नहीं। संसाधनों पर वर्चस्व और मुनाफ़े की हवस के साम्राज्यवादी मंसूबे हमेशा से विश्व में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व और मानवता के लिए खतरा रहे हैं। शस्त्रों की सौदागर ताकतें अपने स्वार्थ के लिए तनाव और युद्धों को बढ़ावा देती हैं। […]
Read Moreरूस और यूक्रेन दोनों जुड़वा देश रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूक्रेन सोवियत संघ में शामिल हुआ। सन 1990 में रूस से अलग होने के बाद से ही अमेरिका यूक्रेन सहित सोवियत संघ से अलग हुए देशों में अपनी कठपुतली सरकारें बिठाने का षड्यंत्र करता रहा है। इस क्षेत्र में अमेरिका की बढ़ती […]
Read Moreकुमार प्रशांत सलेम नानजुंदैया सुब्बाराव या सुब्बारावजी या देश भर के अनेकों के लिए सिर्फ़ भाईजी का अवसान एक ऐसे सिपाही का अवसान है जिससे हमारे मन भले शोक से भरे हों, लेकिन कामना है कि हम सबके दिल नए संकल्प से भर जाएं. सुब्बारावजी आज़ादी के सिपाही थे लेकिन वे उन सिपाहियों में नहीं […]
Read Moreभारतीय-मुस्लिम अंतरसंबंधों से गंगा-जमुनी तहजीब उपजी. देश में साम्प्रदायिक राष्ट्रवाद के उदय और उसके द्वारा अतीत की चुनिंदा घटनाओं की संकीर्ण व्याख्या किए जाने के कारण राजाओं को धर्म के चश्मे से देखा जाने लगा. मुस्लिम राजाओं के बारे में जो कुछ कहा गया वह अर्धसत्य था. अंग्रेजों ने इतिहास का साम्प्रदायिकीकरण किया और मुसलमानों […]
Read Moreअफगानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी के नतीजे में वहां तालिबान सत्ता में आ गए हैं. अफगानिस्तान का घटनाक्रम चिंता पैदा करने वाला है. वहां के अल्पसंख्यकों और मुसलमानों ने देश से किसी भी तरह भाग निकलने के जिस तरह के प्रयास किए वे दुःखद और दिल को हिला देने वाले थे. इस घटनाक्रम ने […]
Read Moreअफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापिसी ने उनके पिछले शासनकाल की यादें ताजा कर दी हैं. उस दौरान तालिबान ने शरिया का अपना संस्करण लागू किया था और महिलाओं का भयावह दमन किया था. उन्होंने पुरूषों को भी नहीं छोड़ा था. पुरूषों के लिए एक विशेष तरह की पोशाक और दाढ़ी अनिवार्य बना दी […]
Read Moreसोनिया यादव उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण मतदाता बीएसपी के जाटव और सपा के यादवों के बाद चुनाव का एक महत्वपूर्ण कारक हैं। ऐसे में क़रीब 14 साल बाद अब एक बार फिर बीएसपी दलित और ब्राह्मण ‘सोशल इंजीनियरिंग’ के जरिए अपने सियासी समीकरणों को सुधारना चाहती हैं। “राज्य में बीजेपी की सरकार के दौरान ब्राह्मणों […]
Read Moreलंबे समय तक भाजपा की छवि ऊंची जातियों की पार्टी की थी. कल्याण सिंह, उमा भारती और विनय कटियार जैसे लोगों ने उसे ओबीसी की पार्टी भी बनाने में मदद की. कल्याण सिंह एक प्रमुख ओबीसी नेता थे जिनकी पैठ उनके स्वयं के लोध समुदाय के अतिरिक्त उत्तरप्रदेश की अन्य गैर-यादव ओबीसी जातियों जैसे मल्लाह, […]
Read Moreप्रशांत पद्मनाभन तर्कवादी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की 8वीं पुण्यतिथि के बाद प्रशांत पद्मनाभन ने उनकी विरासत को याद करते हुए लिखा है कि “वैज्ञानिक मनोवृत्ति” क्या होती है और कैसे इसका विकास किया जा सकता है। तर्कवादी सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की 8वीं पुण्यतिथि के बाद प्रशांत पद्मनाभन ने उनकी विरासत को याद करते हुए लिखा […]
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