विकास बहुगुणा इन दिनों समाज के एक बड़े तबके में बुद्धिजीवी निंदा और कटाक्ष का विषय हैं ‘एक वक्त था, जब मूर्ख होना गाली था. अब बुद्धिजीवी होना गाली है…. बात गाली तक होती तब भी ठीक था. समाज में बुद्धिजीवियों से नफरत इस तरह है कि उन्हें मिटाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं.’एक व्यंग्य में […]
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