सरकार और भाजपा का कहना था कि डाक्यूमेन्ट्री पूर्वाग्रह से ग्रस्त है, निष्पक्ष और तटस्थ नहीं है और उसमें औपनिवेशिक मानसिकता साफ नजर आती है. यह भी कहा गया कि यह फिल्म घृणित प्रचार का हिस्सा है. उस समय ब्रिटेन के विदेश विभाग ने गुजरात कत्लेआम की जांच करवाई थी. यह डाक्यूमेन्ट्री इसी जांच की रिपोर्ट […]
Read Moreवरिष्ठ आलोचक जयप्रकाश ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में सामयिक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय हालात के बरक्स प्रभाकर चौबे की रचनात्मकता का प्रभावी विश्लेषण करते हुए उनकी दृढ़ वैचारिकता, आत्मीयता, नागरिक बोध और समान्यवशीलता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बड़ी पूंजी के आगमन ने विचार और तर्क की शक्ति छीनकर व्यक्ति को एक उदासीन नागरिक में बदल […]
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