कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इकोनॉमी सीरीज का आखिरी वीडियो जारी किया है। राहुल गांधी ने वीडियो ट्वीट करते हुए आर्थिक हालात को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए हुए लिखा कि अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लॉकडाउन योजना को बर्बाद करने वाली योजना कहा।
इकोनॉमी सीरीज के आखिरी वीडियो में राहुल गांधी ने असंगठित क्षेत्र का मुद्दा उठाया है। वीडियो में राहुल गांधी ने कहा, ”कोरोना के नाम पर जो किया वो असंगठित क्षेत्र पर तीसरा हमला था। गरीब लोग रोज, छोटे उद्योगों से जुड़े लोग रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं। जब आपने बिना किसी नोटिस के लॉकडाउन किया, आपने इनके ऊपर आक्रमण किया। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि 21 दिन की लड़ाई होगी, असंगठित क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी 21 दिन में ही टूट गई।”
उन्होंने आगे कहा, ”लॉक डाउन के बाद खोलने का समय आया, कांग्रेस पार्टी ने एक बार नहीं अनेक बार सरकार से कहा कि गरीबों की मदद करनी ही पड़ेगी। न्याय योजना जैसी एक योजना लागू करनी पड़ेगी, बैंक खाते में सीधे पैसा डालना ही पड़ेगा। नहीं किया गया। हमने कहा कि छोटे और लघु उद्योगों के लिए एक पैकेज तैयार कीजिए, उनको बचाने की जरूरत है। बिना इस पैसे के यह नहीं बचेंगे। उल्टा सरकार ने 15-20 अमीर लोगों का लाखों करोड़ का टैक्स माफ किया।”
राहुल गांधी बोले, “लॉकडाउन कोरोना पर आक्रमण नहीं था, लॉकडाउन हिंदुस्तान के गरीबों पर आक्रमण था। हमारे युवाओं के भविष्य पर आक्रमण था। लॉकडाउन मजदूर किसान और छोटे व्यापारियों पर आक्रमण था। हमारी असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था। हमें इस बात को समझना होगा, इस आक्रमण के खिलाफ हम सबको खड़ा होना होगा।”
इससे पहले जारी किए गए वीडियो में जीडीपी और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था। राहुल ने कहा कि जीडीपी में ऐतिहासिक गिरावट का एक बड़ा कारण मोदी सरकार का गब्बर सिंह टैक्स है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र के लिए दूसरा बड़ा आक्रमण है और इसके दोषपूर्ण कार्यान्वयन ने अर्थव्यवस्था का सर्वनाश कर दिया।
सीरीज के तीसरे वीडियो में राहुल गांधी ने कहा कि जीएसटी यूपीए सरकार का आइडिया था। एक टैक्स, सरल टैक्स और साधारण, लेकिन एनडीए ने इसे जटिल बनाकर रख दिया। राहुल ने कहा कि एनडीए सरकार द्वारा लागू जीएसटी में चार अलग-अलग टैक्स हैं. 28 प्रतिशत तक टैक्स है और बड़ा जटिल है। समझने को बहुत मुश्किल टैक्स है।