श्रद्धांजलि दिवस: । केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 25 दिनों से जारी किसानों के आंदोलन के दौरान अब तक मारे गये 40 किसानों को आज श्रद्धांजलि दी गई । 22 राज्यों में हुई 90 हजार से ज्यादा सभाएं, 50 लाख से ज्यादा लोगों की भागीदारी हुई । इसके पश्चातकिसानों ने तीनों कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को दोहराते हुए देशवासियों से अपील की है कि किसान दिवस 23 दिसंबर को वे भी किसानों के समर्थन में एक वक्त का अन्न त्याग दें ।इसके साथ ही 27 दिसंबर रविवार को प्रधानमंत्री की मन की बात के दौरान लगातार थाली बजाएं।
दिल्ली में चल रहे धरने में शहीद हुए 40 किसानों की श्रद्धांजलि सभा और 22 राज्यों में, 90 हजार विरोध सभाओं में 50 लाख से ज्यादा लोगों की भागीदारी के साथ बनायी गयी। एआईकेएससीसी ने कहा कि मोदी सरकार, खेती को कारपोरेट, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों तथा विदेशी निवेशकों के विकास का आधार समझकर बुनियादी गलती कर रही है। सरकार को 70 करोड़ किसानों की जो खेती पर जीवन चलाने के लिए निर्भर हैं मदद करनी चाहिए, विदेशी निवेशकों की नहीं।
आज से 24 घंटे की क्रमिक भूख हड़ताल की जा रही है। स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि वे सभी प्रदर्शन स्थलों पर 24 घंटे का ‘रिले हंगर स्ट्राइक’ शुरू करेंगे.।
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाला ने कहा कि आगामी 27 दिसंबर को जब प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ शुरू करें, सभी देशवासी अपने-अपने घरों में थाली बजाना शुरू करें, जब तक वे बोलते रहें तब तक बजाते रहें.