18 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मनाए गये किसान महिला दिवस के अवसर पर टिकरी बॉर्डर पर हज़ारों महिलाओं की तरफ़ से मोदी सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया गया और आइएमएफ-डबलयूटीओ का पुतला जलाया गया। इस सभा में पंजाब, हरियाणा, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की महिलाओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर हुई रैली में पंजाब किसान यूनियन की प्रमुख नेता जसबीर कौर नत, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ (AIPWA) की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य प्रफ़ेसर सुधा चौधरी (राजस्थान), ऑल इंडिया स्टूडेंट असोसीएशन (aisa) नेता गीता कुमारी (हरियाणा), ट्रेड यून्यन नेता कॉमरेड लेखा अदुवि (कर्नाटक), पंजाबी थिएटर और फ़िल्मों की जानी मानी अभिनेत्री अनीता शबदीश, लोकायत नेता (कर्नाटक) ने सभा को संबोधित किया।
महिला नेताओं का कहना था: जब कनाडा के प्रधानमंत्री ने मोदी सरकार को किसानों की मांगों का अनुपालन करने की नेक सलाह दी, तब मोदी सरकार इसे देश के नीतिगत मामलों में एक अवैध दख़ल बताती है, लेकिन जब IMF के प्रवक्ता इन कृषि कानूनों का खुले तौर पर समर्थन करते हैं, तो उन्हें बहुत उपयोगी बताते हुए, मोदी सरकार बहुत खुश होती है। लेकिन हम, भारत की किसान महिलाएँ, आज यह पुतला जला कर आईएमएफ, डबलयूटीओ और विश्व बैंक जैसे बहुराष्ट्रीय निगमों के कठपुतली संगठनों को चेतावनी देते हैं कि यदि वे भारत के आंतरिक और नीतिगत मामलों में दख़ल करना बंद नहीं करते हैं, तो अंबानी अडानी के कार्यालयों की तरह, इन संगठनों के दफ़्तरों के घेराव का निर्णय भी लिया जा सकता है।
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने चेतावनी दी कि यदि मोदी सरकार ने अपना अहंवाद और अपनी ज़िद छोड़ कर, जल्द ही इन कॉर्प्रॉट समर्थक कृषि क़ानूनों को रद्द ना किया, तो 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाली ट्रैक्टर परेड सहित इस देश की लाखों महिलाएँ, देश के हर गाँव-शहर, हर गली मोहल्ले में, हर घर में पहुँच के भाजपा-आरएसएस को बेनक़ाब करने के लिए एक अभियान आरंभ करेंगी।
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