पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी सृजन पीठ, भिलाई, छत्तीसगढ़ द्वारा 20 अगस्त को इंडियन काफी हाउस , सेक्टर 10, भिलाई में हरिशंकर परसाई जन्मशताब्दी समारोह का आयोजन किया गया| आयोजन के मुख्य अतिथि डॉ रमेश तिवारी थे एवं अध्यक्षता बक्शी सृजन पीठ के अध्यक्ष श्री ललित वर्मा ने की।इस अभिनव आयोजन में व्यंग्य पुरोधा हरिशंकर परसाई के साथ ही छत्तीसगढ़ के चार मूर्धन्य व्यंग्यकारों को उनके योगदान के लिए याद करते हुए छत्तीसगढ़ में व्यंग्य के पर्याय प्रभाकर चौबे पर जीवेश प्रभाकर ने, त्रिभुवन पांडे पर विनोद साव ने, विनोद शंकर शुक्ल पर श्रीमती स्नेहलता पाठक ने एवं लतीफ घोंघी पर ईश्वर शर्मा ने उन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने विचार रखे|
सर्वप्रथम बख्शी सृजनपीठ के अध्यक्ष श्री ललित कुमार जी ने संस्था के उद्देश्यों व उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया।उन्होंने बताया कि संस्था नवोदित लेखकों को प्रेरित व प्रशिक्षित करती है।
इस अवसर पर नई दिल्ली से पधारे प्रख्यात व्यंग्य आलोचक व शिक्षाविद डॉ रमेश तिवारी जी ने इस अभिनव आयोजन के लिए बक्शी सृजनपीठ को बधाई दी। उन्होंने परसाई जी के विभिन्न व्यंग्यों जैसे वैष्णव की फिसलन, कंधे श्रवण कुमार के ,टॉर्च बेचने वाले, पगडंडियों का जमाना , गर्दिश के दिन , यह जो आदमी है ना आदि का उल्लेख किया । उन्होंने बताया कि किस तरह परसाई जी ने समाज में व्याप्त विसंगतियों पर करारा प्रहार किया है ।
इस अवसर पर रायपुर से आए कथाकार और संपादक जीवेश प्रभाकर ने अपने पिता प्रभाकर चौबे के व्यक्तित्व व कृतित्व पर अपनी बात रखी । उन्होंने बताया कि वे एक पिता के रूप में और एक लेखक के रूप में प्रभाकर चौबे के व्यक्तित्व पर अपनी बात रखी।
देश के जाने-माने व्यंग्यकार श्री विनोद साव जी ने व्यंग्यकार त्रिभुवन पांडे जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला । उन्होंने अपने उद्बोधन में उनकी प्रमुख रचनाएं भगवान विष्णु की भारत यात्रा और पंपापुर की कथा का उल्लेख किया । साथ ही उन्होंने हरिशंकर परसाई लतीफ घोंघी व अन्य वरिष्ठ व्यंग्यकारों के साथ अपने संस्मरण भी साझा किए ।
छत्तीसगढ़ की पहली महिला व्यंग्यकार डॉ स्नेहलता पाठक जी ने व्यंग्यकार विनोद शंकर शुक्ल के व्यक्तित्व व कृतित्व पर अपनी बात रखी और अपने अनुभव साझा किए। महासमुंद से आए वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री ईश्वर शर्मा जी ने व्यंग्यकार लतीफ घोंघी जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला । उन्होंने उनकी जीवन यात्रा व रचना यात्रा के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम का संचालन रायपुर से पधारे व्यंग्यकार राजशेखर चौबे ने किया तथा राजनांदगांव से पधारे वरिष्ठ व्यंग्यकार कुबेर सिंह साहू ने आभार प्रदर्शन किया ।
इस महत्वपूर्ण आयोजन के अवसर पर रायपुर, दुर्ग ,भिलाई , राजनांदगांव, महासमुंद एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों के साहित्यकार व सुधिजन उपस्थित थे ।