छत्तीसगढ़ में मुख्य मंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सुनियोजित प्रबंधन के चलते कोरोना को काफी हद तक नियंत्रम में रखने में कामयाबी हासिल हुई है । अब प्रदेश में गिनती के ही कोरोना पजिटिव रह गए हैं । पूरे देश में इसकी सराहना हो रही है । जहां एक ओर कोरोना पर नियंत्रण के तमाम उपाय किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर इसके बरक्स पीलिया का बढ़ता प्रकोप एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है । कोरोना के साथ साथ पीलिया छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बड़ी तेजी से पांव पसार रहा है । राजधानी के हर ज़ोन से पीलिया के पैलने की खबरें आ रही हैं ।जहां एक ओर कोरोना को अत्याधिक प्राथमिकता दी जा रही है, हालांकि ये ज़रूरी भी है , वहीं पीलिया के नियंत्रण में उतनी तत्परता और गंभीरता नहीं बरती जा रही है जिसके चलते रोज ब रोज पीलिया के मरीजों की संख्या में तेजी से इजीफा हो रहा है जो अत्यंत चिंता का विषय है । ।
ध्यान देने वाली बात ये है कि कोरोना के चलते एम्स सहित राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों की जनरल ओपीडी बंद कर दी गई है । सामान्य बीमारियों के लिए आमजन पहले से ही काफी परेशानी से जूझ रहा है । निजि नसिंग होम व क्लीनिक भी आपातकालीन स्थिति में बहुत ज़रूरी केस ही ले रहे हैं । आम जन के लिए महीने भर से सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद होने से इलाज बंद है जिसके चलते नियमित बीमारियों के इलाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । ऐसे में पीलिया की दस्तक से पूरी राजधानी में दहशत फैल रही है । एक ओर जहां विश्व के अधिकांश विकसित देश पीलिया मलेरिया जैसी बीमारियों से निजात पा डुके हैं हम अभी भी इससे पूरी तरह मुक्त नहीं हो सके हैं । हमारे देश में अभी भी पीलिया से पूरी तरह मुक्ति नहीं पाई जा सकी है और देखा जाए तो लगभग हर साल राजधानी में पीलिया का कहर सामने आता ही है । इस साल तो कोरोना एक भयंकर त्रासदी के रूप में चुनौती बनकर खड़ा हो गया है । आज पूरा विश्व इस महामारी से निजात पाने से पहले इस पर काबू करने की कोशिश में लगा हुआ है
निश्चित रूप से यह गर्व की बात है कि कोरोना नियंत्रण में छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है । इन्हीं प्रयासों की बदौलत आज जब छत्तीसगढ़ में कोरोना का संकट काफी नियंत्रित है । इसी तारतम्य में तेजी से फैलते पीलिया के संक्रमण को काबू में रखना भी ज़रूरी हो जाता है । मगर जैसा कि ऊपर कहा गया राजधानी के तमाम सरकारी अस्पतालों में जनरल ओपीडी बंद होने से पीलिया के नियंत्रण में काफी परेशानी हो रही है । खबरों के मुताबिक जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज तेजी से ठीक हो रहे हैं और अब तो महज 5-6 ही कोरोना एक्टिव मरीज रह गए हैं वहीं पीलिया शहर के 600 से अधिक लोगों को अपनी चपेट में लेने के बाद पड़ोस के नगर निगम बिरगांव तक पहुंच चुका है। पीलिया मरीजों की तेजी से बढ़ती तादात से राजधानी में हड़कंप मचा हुआ है । स्थानीय निकाय भले ही नगर के पीलिया प्रभावित इलाकों की पाइप लाइन बदलने की कायवाही कर रहा है मगर एक ओर गर्मी के चलते साफ पीने के पानी की समस्या तेजी से गहराती जा रही है तो दूसरी ओर लॉक डॉउन के चलते साफ पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो रही है । स्वास्थ्य अमला सरकारी अस्पतालों में सामान्य मरीजों की अनदेखी के चलते काफी परेशानियों से जूझ रहा है। आम जन भी स्वास्थ्य परीक्षण के लिए दर दर भटकने को मजबूर है ।
दरअसल कोरोना महामारी की गंभीरता के चलते विगत लगभग एक माह से एम्स व अन्य सरकारी अस्पतालों में जनरल ओपीडी बंद की जा चुकी है । अब जबकि प्रदेश में कोरोना के उंगलियों में गिने जा सकने लायक मरीज बाकी रह गए हैं तो फिलहाल पीलिया के बढ़ते प्रकोप और खतरे को प्राथमिकता देना जरूरी हो जाता है । अतः यह उचित होगा कि सभी सरकारी अस्पतालों की ओपीडी विशेष वार्ड की व्यवस्था के साथ पीलिया के मरीजों के लिए खोल दी जाए । आज जब कोरोना इस तरह काबू में है तो उसके मुकाबले तेजी से पांव पसार रहे पीलिया को प्राथमिकता देने में ही बुद्दिमानी होगी। निश्चित रूप से महामारी कोरोना को गंभीरता से लेना ज़रूरी है और इसके लिए विशेष प्रबंध करना भी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए मगर पीलिया के बढ़ते प्रकोप के बेकाबू हो जाने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता ।
इस दोहरे संकट के समय कोरोना के मरीजों को सुरक्षा व सुविधा के साथ देखभाल व उपचार मुहैया करवाने के लिए सुरक्षित वार्डों की व्यवस्था के साथ ही पीलिया के मरीजों के लिए भी यथोचित प्रबंध करना आवश्यक है । कहीं ऐसा न हो कि कोरोना पर विजय पाने के एवज में हम पीलिया के फैलाव को रोक पाने में असफल हो जाएं और हमें तेजी से पांव पसार रहे पीलिया के चलते जान माल का बड़ा नुकसान उठाना पड़ जाए । जनता के हित में बेहतर यही होगा कि कोरोना के साथ साथ पीलिया को भी नियंत्रित करने के लिए सरकारी अस्पतालों को समुचित प्रबंधन के साथ जनरल ओपीडी शुरु करने हेतु तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए ।