विविध

कोरोना तीसरी लहर से जीडीपी का अनुमान और गिर सकता है: अभिजीत बनर्जी

August 6, 2021

आर्थिक मोर्चे पर संकट से जूझ रही सरकार के सामने आगे और भी मुश्किलें आने वाली हैं। लोगों की नौकरियाँ ख़त्म होने की रिपोर्टों के बीच अब नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर जीडीपी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। उन्होंने कहा है कि भारत की विकास दर […]

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यूजीसी फ़्रेमवर्क- भारतीय इतिहास का एक सांप्रदायिक व्यंग्यचित्र: इरफ़ान हबीब

August 3, 2021

जाने-माने मार्क्सवादी इतिहासकार का कहना है कि अपने विषय को वास्तविक रूप से पेश किये जाने को लेकर प्रतिबद्ध सभी इतिहासकारों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से इसे तत्काल वापस लेने की मांग को उठाने में शामिल हो जाना चाहिए। यह लेख इस साल मार्च में जाने-माने मार्क्सवादी इतिहासकार प्रोफ़ेसर इरफ़ान हबीब के लिखे एक लेख […]

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प्रवासी भारतीय साहित्य एवं संस्कृति शोध केन्द्र’ द्वारा “प्रेमचंद के साहित्य में शोध की नई दृष्टि” विषय पर वेबिनार का आयोजन

July 31, 2021

भोपाल/ हमारे समय में परिस्थितियाँ बदलती रहती है। बदली हुई परिस्थितियों में चुनौतियाँ आती रहती है। उन चुनौतियों के समाधान को लेकर हम प्रेमचंद या किसी और रचनाकार के साहित्य के माध्यम से साहित्य या सामाजिक शोध को अपनाते है। किसी भी शोध के लिये बेहतर, सम्यक एवं सही दृष्टि का होना बहुत जरूरी होता […]

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क्यूबा को अस्थिर करने के ताज़ा साम्राज्यवादी प्रयास

July 26, 2021

अरविंद पोरवाल 26 जुलाई, 2021 को अपनी महान क्रांति की 68वीं वर्षगांठ मना रहा क्यूबा 1959 के बाद से अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। गत  11 जुलाई को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी क्यूबा की सड़कों पर उतर आए जो मुख्य रूप से भोजन, बिजली और दवाओं की कमी तथा महामारी के कारण […]

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साम्प्रदायिक राष्ट्रवाद और अन्तर्धार्मिक विवाह – राम पुनियानी

July 15, 2021

पिछले कुछ दशकों से ‘लव जिहाद’ के नाम पर समाज को धार्मिक आधार पर ध्रुवीकृत किया जा रहा है और महिलाओं और लड़कियों को उनकी जिंदगी के बारे में स्वयं निर्णय लेने से रोका जा रहा है. साम्प्रदायिक राजनीति अपने पितृ सत्तात्मक एजेंडे को आक्रामक ढंग से लागू कर रही है। कानपुर में एक हिन्दू […]

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भारत में बुद्धिजीवियों के लिए इतनी नफरत क्यों दिखने लगी है?

July 4, 2021

विकास बहुगुणा  इन दिनों समाज के एक बड़े तबके में बुद्धिजीवी निंदा और कटाक्ष का विषय हैं  ‘एक वक्त था, जब मूर्ख होना गाली था. अब बुद्धिजीवी होना गाली है…. बात गाली तक होती तब भी ठीक था. समाज में बुद्धिजीवियों से नफरत इस तरह है कि उन्हें मिटाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं.’एक व्यंग्य में […]

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कई दस्तावेज़ी सबूत हैं कि आरएसएस ने आपातकाल का समर्थन किया था!

June 29, 2021

अनिल जैन इंदिरा गांधी और आचार्य विनोबा भावे को लिखे देवरस के पत्रों से यह तो जाहिर होता ही है कि आरएसएस आधिकारिक तौर पर आपातकाल विरोधी संघर्ष में शामिल नहीं था। हाल ही में आपातकाल की 46वीं बरसी के मौके पर कई लोगों ने मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए भारतीय लोकतंत्र के उस त्रासद […]

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मोदी अकेले नहीं : सभी ‘दक्षिण-पंथी सत्तावादी’ कोविड-19 से निपटने में बुरी तरह विफल साबित हुए

June 8, 2021

पी. रमण अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षणों एवं विभिन्न अध्ययनों में कोविड-19 की पहली लहर से निपटने के मामले में नरेंद्र मोदी के प्रदर्शन को कमजोर पाया गया था। दूसरी लहर के प्रबंधन का मूल्यांकन और भी बदतर रहने वाला है। राजनीतिक वैज्ञानिकों और लोकतंत्र के पहरुओं ने लोकलुभावन एवं निर्वाचित निरंकुशों के प्रदर्शन पर व्यापक अध्ययन का […]

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कोविड-19 से मुकाबला और वैज्ञानिक दृष्टिकोण –राम पुनियानी

May 31, 2021

कोविड महामारी के भारत में दस्तक देने के बाद इस बीमारी का इलाज खोज निकालने का दावा करने वालों में बाबा रामदेव शायद सबसे पहले व्यक्ति थे. बाबाओं के क्लब के अग्रणी सदस्य बाबा रामदेव, सत्ता प्रतिष्ठानों के नज़दीक हैं. उन्होंने अपने गुरु से योग सीखा और योग शिक्षक से रूप में लोकप्रियता हासिल की. […]

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एक कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणाली महामारी से नहीं निपट सकती है

May 29, 2021

भरत डोगरा भारत में स्वास्थ्य संकट और मौतों के लिए अकेले महामारी जिम्मेदार नहीं है। स्वास्थ्य पर अपर्याप्त बजट आवंटन ने हमारी स्वास्थ्य प्रणाली को कुचल कर रख दिया है। करीब दो महीने से भारत के लोगों को बेहद दुखद और चिंतनीय हालात का सामना करना पड़ा है। अस्पतालों में कोविड मरीजों के ऑक्सीजन की […]

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