आर्थिक मोर्चे पर संकट से जूझ रही सरकार के सामने आगे और भी मुश्किलें आने वाली हैं। लोगों की नौकरियाँ ख़त्म होने की रिपोर्टों के बीच अब नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर जीडीपी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। उन्होंने कहा है कि भारत की विकास दर […]
Read Moreजाने-माने मार्क्सवादी इतिहासकार का कहना है कि अपने विषय को वास्तविक रूप से पेश किये जाने को लेकर प्रतिबद्ध सभी इतिहासकारों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से इसे तत्काल वापस लेने की मांग को उठाने में शामिल हो जाना चाहिए। यह लेख इस साल मार्च में जाने-माने मार्क्सवादी इतिहासकार प्रोफ़ेसर इरफ़ान हबीब के लिखे एक लेख […]
Read Moreभोपाल/ हमारे समय में परिस्थितियाँ बदलती रहती है। बदली हुई परिस्थितियों में चुनौतियाँ आती रहती है। उन चुनौतियों के समाधान को लेकर हम प्रेमचंद या किसी और रचनाकार के साहित्य के माध्यम से साहित्य या सामाजिक शोध को अपनाते है। किसी भी शोध के लिये बेहतर, सम्यक एवं सही दृष्टि का होना बहुत जरूरी होता […]
Read Moreअरविंद पोरवाल 26 जुलाई, 2021 को अपनी महान क्रांति की 68वीं वर्षगांठ मना रहा क्यूबा 1959 के बाद से अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। गत 11 जुलाई को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी क्यूबा की सड़कों पर उतर आए जो मुख्य रूप से भोजन, बिजली और दवाओं की कमी तथा महामारी के कारण […]
Read Moreपिछले कुछ दशकों से ‘लव जिहाद’ के नाम पर समाज को धार्मिक आधार पर ध्रुवीकृत किया जा रहा है और महिलाओं और लड़कियों को उनकी जिंदगी के बारे में स्वयं निर्णय लेने से रोका जा रहा है. साम्प्रदायिक राजनीति अपने पितृ सत्तात्मक एजेंडे को आक्रामक ढंग से लागू कर रही है। कानपुर में एक हिन्दू […]
Read Moreविकास बहुगुणा इन दिनों समाज के एक बड़े तबके में बुद्धिजीवी निंदा और कटाक्ष का विषय हैं ‘एक वक्त था, जब मूर्ख होना गाली था. अब बुद्धिजीवी होना गाली है…. बात गाली तक होती तब भी ठीक था. समाज में बुद्धिजीवियों से नफरत इस तरह है कि उन्हें मिटाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं.’एक व्यंग्य में […]
Read Moreअनिल जैन इंदिरा गांधी और आचार्य विनोबा भावे को लिखे देवरस के पत्रों से यह तो जाहिर होता ही है कि आरएसएस आधिकारिक तौर पर आपातकाल विरोधी संघर्ष में शामिल नहीं था। हाल ही में आपातकाल की 46वीं बरसी के मौके पर कई लोगों ने मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए भारतीय लोकतंत्र के उस त्रासद […]
Read Moreपी. रमण अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षणों एवं विभिन्न अध्ययनों में कोविड-19 की पहली लहर से निपटने के मामले में नरेंद्र मोदी के प्रदर्शन को कमजोर पाया गया था। दूसरी लहर के प्रबंधन का मूल्यांकन और भी बदतर रहने वाला है। राजनीतिक वैज्ञानिकों और लोकतंत्र के पहरुओं ने लोकलुभावन एवं निर्वाचित निरंकुशों के प्रदर्शन पर व्यापक अध्ययन का […]
Read Moreकोविड महामारी के भारत में दस्तक देने के बाद इस बीमारी का इलाज खोज निकालने का दावा करने वालों में बाबा रामदेव शायद सबसे पहले व्यक्ति थे. बाबाओं के क्लब के अग्रणी सदस्य बाबा रामदेव, सत्ता प्रतिष्ठानों के नज़दीक हैं. उन्होंने अपने गुरु से योग सीखा और योग शिक्षक से रूप में लोकप्रियता हासिल की. […]
Read Moreभरत डोगरा भारत में स्वास्थ्य संकट और मौतों के लिए अकेले महामारी जिम्मेदार नहीं है। स्वास्थ्य पर अपर्याप्त बजट आवंटन ने हमारी स्वास्थ्य प्रणाली को कुचल कर रख दिया है। करीब दो महीने से भारत के लोगों को बेहद दुखद और चिंतनीय हालात का सामना करना पड़ा है। अस्पतालों में कोविड मरीजों के ऑक्सीजन की […]
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