कुछ दशक पहले तक साम्राज्यवादी ताकतें ‘मुक्त दुनिया बनाम एकाधिकारवादी शासन व्यवस्था (समाजवाद)’ की बात करतीं थीं....
आलेख
प्रमोद रंजन “2018 में जब केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आरक्षण रोस्टर में बदलाव...
“मोदी सरकार की यही ख़ूबी है। उनकी समर्थक जनता हर फ़ैसला का समर्थन करती है। वरना 23...
नामवर सिंह के जन्मदिवस पर पूर्व प्रकाशित लेखः साहित्य अकादमी पुरस्कार, शलाका सम्मान (हिंदी अकादमी, दिल्ली), ,...
अयोध्या का राम मंदिर और तिरुअनंतपुरम का पद्मनाभस्वामी मंदिर अलग-अलग कारणों से पिछले हप्ते समाचारों की सुर्ख़ियों...
अजय कुमार केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और उसकी संपत्तियों के अधिकारी को लेकर 13 जुलाई...
सत्यम श्रीवास्तव अब गर्भ गृह में भी पुरुषों का कब्ज़ा होगा। यह ‘साभ्यतिक और सांस्कृतिक शिफ्ट’ है। कौन कहता...
By Akshit Sangomla अपने नागरिकों की निगरानी एक बुरी नजीर है और हो सकता है कि यह इस...
एम. के. भद्रकुमार हमारा नेतृत्व इस संकट के समय में भी घुमा फिराकर बातें कर रहा है,...
एम. के. भद्रकुमार यदि आज एक जनमत संग्रह होता है, तो तुर्की के लोग निस्संदेह एर्दोगन...