ऐश्वर्या राज उस दौर में समाज में कई महिला विरोधी सामाजिक कुरीतियां चरम पर थी, जैसे जातीय पहचान के आधार पर छुआछूत, सतीप्रथा, बाल-विवाह, शिक्षा व्यवस्था में सामाजिक भेदभाव आदि। इन रूढ़ियों को तोड़कर महिलओं के हित में कई रास्ते बनाने का श्रेय सावित्रीबाई फूले को जाता है। उन्हें महिलाओं और दलितों को शिक्षित करने […]
Read Moreनव वर्ष की पूर्व संध्या पर कृषि कानूनों और इसके किसानों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला ने इंडियन करेंट्स (Indian Currents) के अनुज ग्रोवर को एक साक्षात्कार दिया है। वे सरकार के साथ वार्ता कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल है। इस साक्षात्कार का हिंदी […]
Read Moreनोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा है कि राजनीतिक दलों के पास व्यक्तिगत हितों को साधने के लिए निश्चित तौर पर अच्छे कारण हैं, लेकिन सांप्रदायिकता को खारिज करना साझा मूल्य होना चाहिए जिसके बिना ‘हम टैगोर और नेताजी के योग्य उत्तराधिकारी नहीं बन पाएंगे.’ नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा है कि […]
Read Moreभारत का संविधान हम सब को अपने धर्म में आस्था रखने, उसका आचरण करने और उसका प्रचार करने का हक़ देता है. यदि कोई नागरिक किसी भी धर्म का पालन करना नहीं चाहता तो इसका अधिकार भी उसे है. इन दिनों देश एक कठिन दौर से गुज़र रहा है. कोरोना महामरी का तांडव जारी है, […]
Read Moreनवीन कुमार दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों और सरकार के गतिरोध के बीच पूरे देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का इंतजार था कि वो इस गतिरोध खत्म करने का क्या मंत्र देते हैं। तो क्या ऐसा हुआ? क्या वह किसानों में कोई विश्वास जता पाए? क्या उन्होंने कोई नई बात की? क्या […]
Read Moreइंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट की चर्चा में बात करते हुए प्रोफेस बसु ने राजनीतिक सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक मुद्दों पर विस्तार से बात की.वर्ल्ड बैंक के पूर्व चीफ इकनॉमिस्ट और भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रोफेसर कौशिक बसु का कहना है कि पिछले 70 साल में भारत ने जो कमाया था वो अब गंवा […]
Read Moreभारत सरकार ने कहा है कि वह एमएसपी को बनाए रखेगी। लेकिन मौखिक या लिखित आश्वासन का मतलब कुछ भी नहीं है, क्योंकि वे बाध्यकारी नहीं हैं। एमएसपी को एक क़ानूनी जामा पहनाना चाहिये, जिसमें एमएसपी से नीचे खरीदने वाले व्यापारियों के लिए दंड का प्रावधान होI भारत में आंदोलनकारी किसान अपने कृषि उत्पादों के लिए एमएसपी […]
Read Moreगायत्री यादव मानवीय इतिहास में सत्ता और शोषण और दमन के पहली खेप की शिकार औरतें रहीं। राज्य का अस्तित्व या समुदाय के भीतर किसी व्यक्ति के प्रभुत्व का विचार लैंगिक आधार पर ग़ैर-बराबरी स्थापित करके प्रभावी हुआ। किसी भी तरह के शोषण की पहली भोक्ता औरतें थी। अमरीकी इतिहासकार जर्डा लर्नर अपनी किताब […]
Read Moreअमेय प्रताप सिंह – उर्वी टेम्बे क्या भारत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत अपने कानूनी दायित्वों का उल्लंघन किए बिना अपने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की वैध गारंटी दे सकता है? क्या हैं समर्थन मूल्य और कृषि सब्सिडी से संबंधित ये कानून और भारत की प्रतिबद्धताएं क्या हैं? एमएसपी जैसे उपायों को लागू […]
Read Moreबेडों की उपलब्धता के मामले में 167 देशों की सूची में भारत 155वें स्थान पर है। हर 10 हज़ार जनसंख्या पर सिर्फ़ 5 बेड हैं। इस मामले में भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान में भी भारत से बेहतर स्थिति है। दुनिया में युगांडा, सेनेगल, अफ़ग़ानिस्तान, बुर्किना फासो, नेपाल और ग्वाटेमाला सहित सिर्फ़ 12 देश ही हैं जहाँ […]
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