बेनसन नीतिपुडी उग्र जातिवादियों के लिए ये तस्वीरें जाति की सर्वोच्चता के संकेत, तो उदार जातिवादियों को यह रक्षक होने एहसास देती हैं, जो उनमें नैतिक बड़प्पन का भाव जगाता है.दलित जुड़ाव सिर्फ एकतरफा नहीं होना चाहिए. राज्य विश्वविद्यालयों में दलित छात्रों से बात कीजिए कि कैसे सरकार उनके अकादमिक करिअर में मदद कर सकती […]
Read Moreयह ट्रोल्स के बारे में चिल्लाना बंद करने और प्रतिरोध स्थापित करने का समय है. भारत को इसकी जरूरत है.ट्रोल्स-सेना चढ़ आई है, खतरा है कि कहीं ये ट्रोल्स-सेना हमारे गणतंत्र को रौंद ना डाले. यह सेना सार्वजनिक बहस-मुबाहिसे को पतन के गर्त में ढकेल चुकी है, इसने सामाजिक दायरे में होने वाली बतकहियों में […]
Read Moreचीनी सेना की गतिविधियों पर नजर रखने वाले एक सैटेलाइट इमेजरी विशेषज्ञ ने कुछ तस्वीरें ट्वीट करते हुए दावा किया है कि चीन ने भूटान के अंदर पिछले एक साल में नए गांव बसा लिए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में सौ वर्ग किलोमीटर में ये गांव बसाए गए हैं, जो भारत के लिए […]
Read Moreदिल्ली । साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान ’स्वयं प्रकाश स्मृति न्यास’ ने सुप्रसिद्ध साहित्यकार स्वयं प्रकाश की स्मृति में दिए जाने वाले वार्षिक सम्मान की घोषणा कर दी है। न्यास के अध्यक्ष प्रो मोहन श्रोत्रिय ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मान में इस बार कहानी विधा के लिए सुपरिचित कथाकार […]
Read Moreनई दिल्ली । ‘भारतीय साहित्य की अवधारणा भारत से जुड़ी है । भारत एक बहुनस्लीय, बहुधर्मी तथा बहुभाषी देश है । भारतीय साहित्य के संबंध सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन, तिब्बत तथा दक्षिणी एशिया से भी जुड़े हैं ।’ उक्त विचार हिंदी के सुपरिचित आलोचक एवं काशी […]
Read Moreचित्तौड़गढ़। हिंदी साहित्य के अतीत और वर्तमान को पहचानने और विश्लेषित करने की कोई भी कोशिश, लघु-पत्रिकाओं की दुनिया पर नजर डाले बिना, पूरी नहीं हो सकती। युवा अध्येता और दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के सहायक आचार्य डॉ राजीव रंजन गिरि ने कहा कि छोटे छोटे शहरों-कस्बों से निकलती रहीं लघु पत्रिकाओं ने साहित्य के […]
Read More– हरनाम सिंह और विनीत तिवारी सन 1947 में हम आजाद जरूर हुए लेकिन अंग्रेजी साम्राज्यवाद और दुनिया के साम्राज्यवाद ने अप्रत्यक्ष तरह से शुरू से ही हम पर और हमारी विदेश नीति पर यह दबाव बनाए रखा कि कहीं हम सही अर्थों में लोकतांत्रिक और समाजवादी देश न बन जाएँ। नेहरू के युग और […]
Read Moreइप्टा ने अपने संस्थापक सदस्य ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्मों के तत्कालीन और वर्तमान संदर्भों के बीच सेतु बनाने के लिए पाँच कड़ियों में उनकी छह फिल्मों पर विशेषज्ञों के साथ ऑनलाइन चर्चा आयोजित की। इसकी पाँचवीं और अंतिम कड़ी में इप्टा की पहली फिल्म ‘धरती के लाल’ पर केंद्रित परिचर्चा का ऑनलाइन आयोजन हुआ। […]
Read Moreवरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह, पहुंची दिल्ली के नांगल गांव में 9 साल की दलित बच्ची के साथ हुई बर्बर हिंसा के विरोध में चल रहे विरोध प्रदर्शन में, जिसे हटाने के लिए दिल्ली पुलिस दबाव बना रही है। वाल्मीकि समाज की बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार और फिर लाश को जलाने की बर्बर […]
Read Moreदिल्ली। ‘हम भी इस घृणा, नफरत, छोटेपन और ओछेपन से बाहर निकल आएंगे और हम उस सफर को जारी रख सकेंगे जो मनुष्यता का सच्चा सफर है। किन्तु प्रेमचंद की बातों को याद रखें कि इंसान होने का भरपूर आनंद तभी ले पाएंगे जब यह आनंद समूचे समाज और समूह को मिले।’ महान कथाकार प्रेमचंद […]
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