मेरा जीवन ही मेरा सन्देश है – महात्मा गाँधी के इस प्रसिध्द कथन का वास्तविक तात्पर्य क्या है? क्या इस का आशय उनकी निजी जीवन शैली से है अर्थात् अपरिग्रह प्रेरित न्यूनतम आवश्यकताओं पर आधारित सादा जीवन-शैली से अथवा इस कथन को उनके सार्वजनिक जीवन के सन्दर्भ में व्याख्यायित किया जाना चाहिए। महात्मा गांधी […]
Read More1947 में भारत के लोगों ने वतन को आज़ाद कराने के लिए अंग्रेज़ों को उखाड़ फेंका था। अब उनके प्रतीक प्राचीन समय के राजा नहीं हैं, बल्कि वे हैं जिन्होंने आधुनिक भारत का निर्माण किया था। जब सामराजी राजनीतिक सिद्धांतकार जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को “हिंदू”, “मुस्लिम” और ब्रिटिश काल में बांटा था तो […]
Read Moreआज यानी 28 सितम्बर को शहीद भगत सिंह का जन्मदिन है। एक सवाल कौंधता है। भगत सिंह के विचारों में इतनी स्पष्टता कैसे आई? किताबों से? किताबों से उनका गहरा लगाव था। भगत सिंह के मित्रों में से एक शिव वर्मा ने लिखा है कि भगत सिंह हमेशा एक छोटा पुस्तकालय लिए चलते थे। भगत […]
Read Moreहिमांशु शेखर मनमोहन सिंह ने एक बार कहा था कि इतिहास उनके साथ थोड़ी नरमी बरतेगा. ऐसे में यह जानना रोचक है कि अब उन्हें कैसे याद किया जा रहा है? आज जब देश में आर्थिक मंदी की मार बढ़ती जा रही है, खासकर कोरोना संकट के बाद जब जीपीडी में ऐतिहासिक सिकुड़न की चर्चा […]
Read Moreविप्लव अवस्थी राजद्रोह का यह कानून अंग्रेजों के जमाने का है। तब अंग्रेज इस कानून का इस्तेमाल उन भारतीयों के ख़िलाफ़ करते थे, जो अंग्रेजों की बात मानने से इनकार कर देते थे। ये कानून 1870 में वजूद में आया था। बाल गंगाधर तिलक और महात्मा गांधी को भी राजद्रोह का आरोपी बनाया गया था। […]
Read Moreसरकार ने संसद को बताया कि लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी श्रमिक सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए, उनके पास इसके आंकड़े नहीं हैं लेकिन 22 सितंबर 2020 को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने जानकारी दी कि मार्च से जून 2020 के दौरान 81,385 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 29,415 […]
Read Moreप्रबुद्ध सिंह जब किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य नहीं मिलता है तो क्या उसी अनुपात में यह भूमिहीन किसानों (एक बार फिर से इसमें अधिकतर दलित और आदिवासी आबादी शामिल है) की आय पर प्रतिकूल असर डालने वाला साबित नहीं होता है? जब एक बार खेतीबाड़ी के “संपूर्ण पतन” के चलते ग्रामीण आय पूरी […]
Read Moreअजय कुमार नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो 2016 के आंकड़ों के मुताबिक यूएपीए से जुड़े तकरीबन 67 फ़ीसदी मामलों में आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया। यानी बहुत दिनों तक जेल की सलाखों के अंदर रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। हमारे देश का संविधान कहता है कि राज्य नागरिकों की सुरक्षा के लिए काम […]
Read Moreउत्तर प्रदेश का कार्मिक विभाग प्रस्ताव ला रहा है कि समूह ‘ख’ व ‘ग’ की भर्ती अब 5 साल के लिए संविदा पर होगी. पांच साल के दौरान जो छंटनी से बच जाएंगे उन्हें स्थायी किया जाएगा. अगर यह ख़बर सही है तो इस पर व्यापक बहस होनी चाहिए. अख़बार में छपी ख़बर के अनुसार उत्तर प्रदेश […]
Read Moreनाइश हसन 18 वर्ष की आयु में लड़की का विवाह करने का अर्थ है कि हम उसे उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित कर रहे हैं। क्या हम लड़कियों को मात्र 12वीं तक ही पढ़ाना चाहते हैं? शिक्षित भारत बनने के लिए बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त होना बहुत जरूरी है। विज्ञान, तकनीकी, व संचार […]
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