पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केन्द्र लरकार की नई कृषि नीति को सिरे से खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रेस से बात करते हुए केंद्र सरकार की जोरदार मुखालफत की। उन्होंने कहा, ‘केंद्र, राज्यों को विश्वास में लिए बगैर फैसले कर और उन्हें थोप रहा है। यह […]
Read Moreआज अमेरीका में हिंसा चरम पर है । इसका कारण है वहां गहरे जड़ जमाई नस्लवादी सोच, हालांकि अमेरिका में लोगों की सोच काफी बदली है मगर विगत कुछ बरसों में नस्लवादी घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है । अमेरिका में अश्वेत लोगों को बराबरी का हक दिलाने में मार्टिन लूथर किंग का बड़ा […]
Read Moreधर्मवीर भारती का उपन्यास ‘गुनाहों का देवता’ वैसे बड़ा फिल्मी नाम है,(बाद में इस नाम से दो बंबइया फिल्में और एक टीवी सीरियल भी बना) मगर अपनी किशोरावस्था में जब इसे पढ़ा था,तब यह अहसास नहीं था।तब पढ़कर कम से कम मुझे लगा था कि ऐसी भाषा कोई मनुष्य नहीं लिख सकता,देवता ही लिख सकता […]
Read Moreइस महामारी और उसकी आशंका के सहारे परिसरों को वीरान किया जा सकता है और छात्रों को उनकी स्क्रीन के हवाले करके और किसी भी साथ संग से वंचित किया जा सकता है। विश्वविद्यालय का अगर कोई अर्थ है तो वह इस साथ संग और नज़दीकियों में है जो परिसरों में बनती हैं। एक तरफ़ […]
Read Moreजेल में बंद वरवरा राव शुक्रवार शाम बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. महामारी के दौर में भी अदालत ने उन्हें वे रियायत देने की ज़रूरत नहीं समझी है, जो अन्य बुज़ुर्ग क़ैदियों को दी जाती हैं. वरवरा राव 28 मई की शाम महाराष्ट्र की तालोजा जेल में बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाना […]
Read Moreरिचर्ड महापात्रा ग्रामीण क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करते समय मुझे बहुत से ऐसे प्रवासी मजदूर मिले हैं, जो अक्सर कहते हैं, “परेशान होकर हम शहरों में आए हैं. हम गांव में थोपी गई जाति व्यवस्था के कारण अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं.” ऐसा नहीं है कि केवल गांव ही “महान भारतीय जाति व्यवस्था” का […]
Read Moreयह तथ्य बहुत कम याद दिलाया जाता है कि न सिर्फ़ जवाहरलाल बल्कि उनके पिता मोतीलाल का भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद और उनके संगठन से अत्यंत स्नेह का रिश्ता था। अलावा इसके कि इन दोनों ने क्रांतिकारियों को लगातार आर्थिक मदद दी, राजनीतिक रूप से भी उन्होंने ख़ुद को इनसे पूरी तरह नहीं अलग किया। […]
Read Moreकोरोना जैसी वैश्विक आपदा और देशव्यापी लॉकडाउन की स्थिति में राष्ट्रीय सरकार का गठन किया जाना चाहिए, और इसके पक्ष में कुछ बेहद ठोस तर्क हैं. सरकार बनाने के लिए वर्तमान में बहुमत का क्या मतलब है. पहला कि सत्ताधारी दल को कभी भी कुल आबादी का बहुमत नहीं होता है. चुनाव में कुल मतदान […]
Read Moreबहुत ही जल्दी हर किसी को इस पैकेज की हक़ीक़त समझ में आती गयी कि इस पैकेज में जो कुछ पैसे दिख रहे थे, वह सही मायने में अल्पावधि में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत थोड़ी सी रक़म थी।- — (डॉ. टी एम थॉमस इसाक , वित्त मंत्री केरल) वैश्विक अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय […]
Read Moreउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस बात से बहुत नाराज़गी है कि दूसरे राज्यों ने ‘उनके लोगों’ की ठीक से देखभाल नहीं की और इस कारण उन्हें इतनी तबाही झेलनी पड़ी. ख़ुद उनकी सरकार ने लोगों का ख़याल कैसे रखा, कैसे महामारी के बहाने ‘अपने लोगों’ के स्वास्थ्य संरक्षण के नाम पर मालिकाना रवैया अख़्तियार कर लिया […]
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