मोहित ग्रोवर
बंदिश बैंडिट्स अमेजन प्राइम पर आई हुई एक सीरीज़ है, जो पूरी तरह से म्यूजिक पर बेस्ड है. इसमें शास्त्रीय संगीत का कलेवर है और कुछ नए किस्म के गानों का मिक्सचर भी है. राजस्थान में पूरा सेट है और उसी के एक संगीत घराने की कहानी है.
देश में जब हाल ही में नई शिक्षा नीति लागू की गई तो उस पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि देश को ‘भेड़चाल’ की आदत से दूर ले जाना है. भेड़चाल यानी जो फॉर्मूला हिट हुआ, उसी फॉर्मूले पर हर कोई चलने लगता है. ये सिर्फ शिक्षा नहीं बल्कि हर पहलू में देखने को मिलता है और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री इसका सबसे सटीक उदाहरण है. देश में जबसे वेबसीरीज़ का चलन शुरू हुआ है, तभी से ये भेड़चाल ही सामने दिख रही है और हर कोई ‘पिक्चर की पिक्चर’ बनाए जा रहा है.
अमेज़न प्राइम पर हाल ही में आई वेबसीरीज़ ‘बंदिश बैंडिट्स’ ने इसी भेड़चाल के फॉर्मूले को तोड़ दिया. और इस बात को साबित किया कि ऐसा करके भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जा सकता है. बंदिश बैंडिट्स कई मायनों में अबतक की सबसे बेहतरीन हिन्दी वेबसीरीज़ है, जो हर पैमाने पर खरा उतरती है. वो भी तब जब उसने लीक से हटकर चलने का फैसला किया और अब सबकुछ डिजिटल पर ही है.
किस लीक पर चल रही वेबसीरीज़ इंडस्ट्री?
पिछले दो-तीन साल में भारत में वेबसीरीज़ का चलन बढ़ा है और हाल ही में लॉकडाउन के संकट ने इसे और बढ़ावा दिया है. इसी बढ़ावे के बीच नेटफ्लिक्स ने एंट्री ली थी और सेक्रेड गेम्स ने हर किसी को हैरान कर दिया था. मसाला मूवी और स्टारडम की ढाई घंटे की फिल्म देखने वाली हिन्दी ऑडियंस के लिए ये सब नया था, यही कारण रहा है कि सेक्रेड गेम्स एक कल्ट बन गई.
लेकिन, सेक्रेड गेम्स की इसी सफलता ने हर किसी के लिए एक निश्चित रास्ता और सफलता का सूत्र भी लिख दिया. वेबसीरीज़ में सेक्स-गालियां-एक्शन का मिक्सचर डालकर हर किसी को हिट का फॉर्मूला मिल गया, जिसका नज़ारा कई वेबसीरीज़ में देखने को मिला.
सेक्रेड गेम्स के बाद जो वेबसीरीज़ सबसे अधिक हिट रही हैं उनमें मिर्ज़ापुर, फॉर मोर शॉट्स, पाताल लोक, अनदेखी, असुर जैसी वेबसीरीज़ हैं. हर सीरीज़ में कॉमन ये है कि ये या तो क्राइम बेस्ड हैं या फिर इनमें सेक्स, गालियों की भरमार है. इसी फॉर्मूले को कई अन्य डिजिटल चैनल ने भी आगे बढ़ाया और अल्ट बालाजी जैसी मोबाइल इन्हीं के सहारे चल रही है.
बंदिश बैंडिट्स इन सबके बीच कहां पर है?
बंदिश बैंडिट्स अमेजन प्राइम पर आई हुई एक सीरीज़ है, जो पूरी तरह से म्यूजिक पर बेस्ड है. इसमें शास्त्रीय संगीत का कलेवर है और कुछ नए किस्म के गानों का मिक्सचर भी है. राजस्थान में पूरा सेट है और उसी के एक संगीत घराने की कहानी है. इस पूरी संगीत में सिर्फ संगीत ही संगीत है, वो भी क्लासिकल जो आजकल किसी प्राइम सिनेमा में काफी कम देखने को मिलता है.
सीरीज़ के लीड किरदार नए नवेले एक्टर हैं तो नसीरुद्दीन शाह, राजेश तलंग, अतुल कुलकुर्णी, शीबा चड्ढा जैसे ऐसे कलाकार भी हैं, जो अपनी अदाकारी से दिल जीत लें. खास बात ये रही कि हर कोई अपने किरदार में जचा है और डायरेक्टर आनंद तिवारी ने अपनी बात सही तरीके से दर्शकों के सामने रखी है.
अब जिस भेड़चाल की चर्चा जारी है, उसके बीच बंदिश बैंडिट्स ने सारी लीक को तोड़ा है. क्योंकि पूरी सीरीज़ एक परिवार और संगीत घराने की कहानी दिखाती है, इस बीच नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी का संघर्ष, नया संगीत और क्लासिकल संगीत का मिक्सचर दिखाती है. सीरीज़ को इतने सही ढंग से बुना गया है कि आप एक बार में ही देखना चाहें.
यानी बिना किसी गाली गलौज़, सेक्स (सिर्फ कुछ किसिंग सीन हैं, जो आज के वक्त में सामान्य माने जाते हैं) एक्शन के भी पूरी सीरीज़ को बेहतरीन तरीके से बुना गया है. इनके बावजूद भी वेब सीरीज़ काफी शानदार बनी है जो एक नई लीक को खींचने का आश्वासन देती है.
सिर्फ अदाकारी ही नहीं बल्कि पूरी तरह से संगीत पर बेस्ड इस सीरीज में गाने और म्यूजिक ने कमाल कर दिया. जावेद अली, शंकर महादेवन, मामे खान, शिवम महादेवन समेत कई गायकों की आवाज़, शंकर-एहसान-लॉय की म्यूजिक तिकड़ी ने इसमें और भी चांद लगा दिए.
यानी बंदिश बैंडिट्स ने खुद को इतना दमदार बनाया है कि कोई भी व्यक्ति अपने परिवार के साथ वेबसीरीज़ भी देखना चाहे तो देख सकता है. वरना अभी तक वेबसीरीज़ को यूथ का ही कंटेंट माना जाता था, क्योंकि पता नहीं कब गाली या सेक्स सीन की एंट्री हो जाए. ऐसे में बंदिश बैंडिट्स एक नई बात ये भी सामने लाती है.
हर बार चौंकाती है सभी सीरीज़!
सेक्रेड गेम्स के बाद नेटफ्लिक्स सबसे धमाकेदार डिजिटल प्लेटफॉर्म बनकर उभरा. लेकिन इस सीरीज़ के बाद नेटफ्लिक्स कोई ऐसी देसी सीरीज़ या फिल्म नहीं ला सका जो हर किसी को चौंकाए या हैरान कर दे. इस बीच कई ऐसी सीरीज़ आईं जो अलग प्लेटफॉर्म पर रहीं. फिर चाहे वो मिर्ज़ापुर, पाताल लोक हो या फिर अनदेखी, असुर जैसी सीरीज़ हों जो आपको बांधकर रखती हैं.
साफ है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए हर किसी को किसी भी माध्यम से अपनी कहानी को कहने का मौका मिल रहा है और खास बात ये है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म किसी तरह के स्टारडम को नहीं देखता है. पूरी सीरीज़ में एक डायलॉग बोलने वाला कलाकार भी चंद मिनटों में सोशल मीडिया का स्टार बन जाता है.
सौज- आजतकहिन्दी