केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 23 दिनों से जारी किसान आंदोलन के समर्थन में 21 दिसंबर को अखिल भारतीय किसान महासभा की अगुवाई में महाराष्ट्र के 20 जिलों के हजारों किसान नासिक से दिल्ली के लिए वाहन यात्रा शुरू करेंगे। 1266 किलोमीटर की यात्रा तय करते हुए हजारों किसान 24 दिसंबर को दिल्ली बॉर्डर पहुंचेंगे।
एआइकेएस ने शुक्रवार को नासिक में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर यह जानकारी देते हुए कहा कि, 21 दिसंबर की दोपहर में नासिक में हजारों किसान जमा होंगे, जहाँ एक आम सभा होगी और उसके बाद किसानों की यह ‘महा परिवहन यात्रा’ दिल्ली के लिए रवाना होगी।
ऑल इंडिया किसान सभा, महाराष्ट्र द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि नासिक से रवाना होने के बाद मध्यप्रदेश में घुसने से पहले ओजार, पिम्पलगांव, बसवंत, चंदवाड,उम्राने, मालेगांव, धुले और सिरपुर में रिलायंस के पेट्रोल पम्पों पर बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा।
एआइकेएस के नेता अजीत नवाले और अशोक धावले तथा सेंटर फोर इंडियन ट्रेड यूनियंस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. डी एम ददार और सुनील मालुसारे ने नासिक में यह घोषणा की।
धावले ने कहा, ‘‘तीनों कानूनों का लक्ष्य उद्योगपतियों को किसानों की कीमत पर मुनाफा कमाने की अनुमति देना है। उनका विरोध करने के लिए हम 21 दिसंबर को नासिक से रवाना होंगे और प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। हजारों किसानों के हमसे जुड़ने की संभावना है।’’
हजारों किसान तीन सप्ताह से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। गतिरोध दूर करने के लिए केंद्र और चार किसान संगठनों के बीच पांच दौर की औपचारिक वार्ता हो चुकी है लेकिन किसान संगठन इन कानूनों को वापस लेनेे का मांग कर रहे हैं।
धावले ने कहा कि एआईकेएस और संबद्ध संगठन विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2020 का भी विरोध करेंगे और उन्होंने दावा किया कि यह इस क्षेत्र के निजीकरण के लिए है जिससे लोगों का बिजली बिल बढ़ जाएगा।
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