उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल इन दिनों बेहद गर्म है। प्रियंका आज सहारनपुर के अलावा आगे भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होने वाली कांग्रेस की इन किसान महापंचायतों में शामिल हो सकती हैं। निश्चित रूप से कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ जिस तरह का माहौल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बन रहा है, उससे इस इलाक़े में बीजेपी को सियासी नुक़सान हो सकता है।
सहारनपुर में हो रही किसान महापंचायत में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी पहुंची हैं। प्रियंका का एक हफ़्ते के भीतर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह दूसरा दौरा है। इससे पहले वह ट्रैक्टर रैली के दौरान मारे गए नवरीत सिंह के परिजनों से मिलने के लिए रामपुर स्थित उनके घर गई थीं।
प्रियंका ने इस मौक़े पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ‘जय जवान जय किसान’ अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान 10 दिन तक 27 जिलों में चलेगा और इसमें पार्टी के कई बड़े नेता शामिल होंगे। इन जिलों में सहारनपुर, शामली, मुज़फ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बाग़पत, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़ सहित अन्य जिले शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश की प्रभारी होने के नाते भी कांग्रेस को यहां फिर से जिंदा करने की जिम्मेदारी प्रियंका पर ही है। प्रियंका ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान भी आगे बढ़कर कांग्रेस का नेतृत्व किया था और उसके बाद से वह जनहित के मुद्दों पर योगी सरकार पर लगातार हमलावर रही हैं।
लंबे वक़्त तक उत्तर प्रदेश में एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस राम मंदिर आंदोलन के बाद से हाशिए पर चली गई है। 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद भी उसे कोई फ़ायदा नहीं हुआ। अब जब यह लगभग तय है कि कांग्रेस 2022 का विधानसभा चुनाव प्रदेश में अकेले ही लड़ेगी, ऐसे में प्रियंका के सामने बड़ी जिम्मेदारी है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जिस तरह सियासी माहौल बदल रहा है, ऐसे में वह ज़मीन पर उतरकर यहां कांग्रेस को मजबूत कर सकती हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट