परन्जॉय गुहा ठाकुरता – जी सी मुर्मू के भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के तौर पर नियुक्ति ने इस संवैधानिक प्राधिकार में मौजूद उच्च विभागों के क्रम को कुछ हद तक बिखेर देने का काम किया है। कई लोग इसे राजनीतिक नियुक्ति के तौर पर देख रहे हैं जिसमें उन्हें प्रधानमंत्री के साथ की […]
Read Moreअबान रज़ा इस संविधान में भारत के विचार को औपचारिक रूप दिया गया था और इसका उद्देश्य प्रगति का होना था। एक असाधारण दस्तावेज़ जिस पर ग़ैर-काल्पनिक ढंग से हमले किए गए और इसके बचाव में सबको कूदना पड़ा, क्योंकि इसे बचाने की ज़िम्मेदारी हम में से हर एक की है। 5 अगस्त को भारतीय […]
Read Moreअनिल चमड़िया अंग्रेजी शासनकाल में बाल गंगाघर तिलक ने जिस तरह से प्लेग को धर्म से जोड़ा था वैसा ही कुछ हम आज कोरोना के मामले में देख रहे हैं. कोरोना पहली ऐसी महामारी नहीं है जब उसके बहाने साम्प्रदायिकता का माहौल बनाया गया हो. एक सौ चौबीस साल पहले प्लेग के बहाने साम्प्रदायिकता […]
Read Moreप्रभाकर चौबे—( 1 अक्टूबर 1935- 21 जून 2018) : आज सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार व संपादक रहे प्रभाकर चौबे की दूसरी बरसी है……वे अंतिम समय तक लगातार बौद्धिक रूप से सजग व सक्रिय रहे । मृत्यु के ठीक 3 दिन पूर्व 18 जून 2018 को उनका अंतिम नियमित आलेख प्रकाशित हुआ था। यह आलेख आज भी […]
Read Moreसुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र लेखन को प्रकाशित कर सकें […]
Read Moreसुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र लेखन को प्रकाशित कर सकें […]
Read Moreसुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र लेखन को प्रकाशित कर सकें […]
Read Moreसुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र लेखन को प्रकाशित कर सकें […]
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