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Year: 2021

भागवत जी! मुसलमान सबसे पहले व्यापारी बन कर आये थे!

रविकान्त रामधारी सिंह दिनकर ने अपनी चर्चित किताब ‘संस्कृति के चार अध्याय’ में लिखा है कि, “इसलाम जब  अपने निर्मल उत्कर्ष पर था, तब भी वह भारत में आ चुका था। किंतु, तब उसका आगमन मित्रता के नाते हुआ था। अरब, फ़लीस्तीन और मिस्र से भारत का प्राचीनतम व्यापारिक संबंध था। भारत और पश्चिम के…

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लघु पत्रिका दिवस पर संभावना द्वारा वेबिनार का आयोजन- मनुष्यधर्मी मूल्यों की स्थापना लघु पत्रिकाओं का उद्देश्यः डॉ राजीव रंजन गिरि

चित्तौड़गढ़। हिंदी साहित्य के अतीत और वर्तमान को पहचानने और विश्लेषित करने की कोई भी कोशिश, लघु-पत्रिकाओं की दुनिया पर नजर डाले बिना, पूरी नहीं हो सकती।  युवा अध्येता और दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी के सहायक आचार्य डॉ राजीव रंजन गिरि ने कहा कि छोटे  छोटे शहरों-कस्बों से निकलती रहीं लघु पत्रिकाओं ने साहित्य के…

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क्या सभी कट्टरपंथी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे होते हैं? -राम पुनियानी

अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापिसी ने उनके पिछले शासनकाल की यादें ताजा कर दी हैं. उस दौरान तालिबान ने शरिया का अपना संस्करण लागू किया था और महिलाओं का भयावह दमन किया था. उन्होंने पुरूषों को भी नहीं छोड़ा था. पुरूषों के लिए एक विशेष तरह की पोशाक और दाढ़ी अनिवार्य बना दी…

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वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि से इंकार, पूंजीपतियों पर देश न्यौछावर करती मोदी सरकार

प्रभात पटनायक केंद्र सरकार ने संसद में कहा है कि राष्ट्रीय सामाजिक सहायता योजना के अंतर्गत बुजुर्गों को दी जाने वाली मासिक पेंशन की राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। इस समय इस योजना के अंतर्गत 60 से 79 साल तक उम्र वालों के लिए 200 रु महीना और 80 वर्ष और उससे अधिक आयु…

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बहुजनहित की बात करने वाली मायावती अचानक ब्राह्मणों के मान-सम्मान लिए क्यों आवाज़ उठा रही हैं?

सोनिया यादव उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण मतदाता बीएसपी के जाटव और सपा के यादवों के बाद चुनाव का एक महत्वपूर्ण कारक हैं। ऐसे में क़रीब 14 साल बाद अब एक बार फिर बीएसपी दलित और ब्राह्मण ‘सोशल इंजीनियरिंग’ के जरिए अपने सियासी समीकरणों को सुधारना चाहती हैं। “राज्य में बीजेपी की सरकार के दौरान ब्राह्मणों…

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सरकार समर्थित मीडिया किसान आंदोलन को बदनाम कर रहा है!

रविकान्त सहारनपुर और मुज़फ़्फ़रनगर के बीच स्थित दो मदरसों में किसान महापंचायत में आने वाले आंदोलनकारियों के रुकने और खाने का इंतज़ाम किया गया था। इसी तरह मेरठ और मुज़फ़्फ़रनगर के बीच सड़क किनारे स्थित पाँच मसजिदों को आंदोलनकारियों के लिए खोल दिया गया था।  5 सितंबर, शिक्षक दिवस पर मोदी और योगी सरकार को…

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पांच सितम्बर शिक्षक दिवस उर्फ पोला दिवस – प्रभाकर चौबे

शीर्षक देखकर चौंकने की जरूरत नहीं है। दोनो की एक साथ याद यूं आई कि शिक्षक सरकार के सबसे बड़े पशुधन हैं। मराठी में बैल को पोल कहते हैं- हमारे यहां पोल आकर पोला हो गया। पोला है बैलों का त्यौहार। पोला के दिन बैलों को सजाते सँवारते हैं, उसकी पूजा करते हैं  कि हे…

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अमेरिकी साम्राज्यवाद की साजिश को उजागर करें अपनी आज़ाद नज़र से: सईद नक़वी

– हरनाम सिंह और विनीत तिवारी   सन 1947 में हम आजाद जरूर हुए लेकिन अंग्रेजी साम्राज्यवाद और दुनिया के साम्राज्यवाद ने अप्रत्यक्ष तरह से शुरू से ही हम पर और हमारी विदेश नीति पर यह दबाव बनाए रखा कि कहीं हम सही अर्थों में लोकतांत्रिक और समाजवादी देश न बन जाएँ। नेहरू के युग और…

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Return of the Taliban

Apratim Mukarji For the second time in twenty years the dreaded Islamist fundamentalist force, the Taliban, have returned to power, the first time in 1994-96 by waging war against the Afghanistan state then run by the Burhanuddin Rabbani-Ahmad Shah Massoud government and this time, in the August of 2021 through a machivellian combination of warfare…

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विशेष: कृष्ण को कुछ इस तरह भी देखिए

अनिल जैन नज़रिया: हर समाज, देश और युग में कोई न कोई महानायक हुआ है जिसने अन्याय और अत्याचार के तत्कालीन यथार्थ से जूझते हुए स्थापित व्यवस्था को चुनौती दी है और सामाजिक न्याय की स्थापना के प्रयास करते हुए न सिर्फ अपने समकालीन समाज को बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी गहरे तक प्रभावित किया…

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