साहित्यकार उदय प्रकाश को रेत माफिया ने दी जान से मारने की धमकी

सुप्रसिद्ध साहित्यकार उदय प्रकाश को मध्य प्रदेश में रेत माफिया ने ट्रक से कुचलकर मार देने की धमकी दी है।  उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में रेत माफियाओं पर कोई कानून नहीं चलता। मंगलवार को उन्होंने रेत माफियाओं के वाहनों को रोका तो खनिज विभाग सहित माफिया के तमाम गुर्गे भी पहुंच गए। माफिया के गुर्गे उदय प्रकाश को धमकियां देने लगे। इस बीच एक युवा ने उन्हें ट्रक से कुचलकर मार देने की धमकी दी। 

जानकारों का कहना है कि इसमें स्थानीय नेताओं से लेकर प्रदेश के आला नेताओं का माफियाओं के साथ गठजोड़ काम करता है। मध्य प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान भी पूरी तरह रेत माफिया का राज रहा। जहां दुनिया वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से लड़ने और लोग अपनी जान बचाने की मुहिम में लगे हैं, वहीं मध्य प्रदेश में रेत माफिया लोगों की जान लेने पर तुले हैं। राज्य में पिछले 4 महीने के दौरान उप जिलाधिकारी, एसडीओपी, तहसीलदार, थानाध्यक्ष, सब इंसपेक्टर से लेकर सिपाही तक रेत माफिया के हमले के शिकार हो चुके हैं।

उदय प्रकाश सामान्यतया राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र के वैशाली इलाके में रहते हैं। कोरोनावायरस के प्रसार के पहले वह अपने पैतृक आवास अनूपपुर पहुंचे। उसके बाद हुए लॉकडाउन से वह गांव में ही फंस गए। वह सोन नदी के किनारे गांव में सुकून महसूस करते हैं। उनके मकान से सटे सोन नदी बहती है। वहीं से खनन माफिया बालू निकालते हैं। उदय प्रकाश का कहना है कि उनके घर के सामने बनी सड़क उनकी पुश्तैनी जमीन है। उन्होंने तत्कालीन जिला कलेक्टर अजय शर्मा को पत्र लिखकर वह जमीन जिला प्रशासन को सड़क के लिए दे दी थी, जिससे स्थानीय निवासियों की सुचारु आवाजाही सुनिश्चित हो सके। स्थानीय लोग रेत माफिया के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे उदय प्रकाश के साथ हैं, लेकिन राजनीति और अपराध जगत के कॉक्टेल के कारण वे विवश हैं।

उदय प्रकाश ने सड़क और उनके घर की बाउंड्री तोड़ रही रेत से भरी ट्रकों को रोकने की कोशिश की। रेत से लदे वाहनों ने उनके घर के बाहर से गुजरने वाली निजी सड़क की हालत बदतर कर दी है, जिसके सुधार के लिए उन्होंने स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया था। मंगलवार को उन्होंने रेत माफियाओं के वाहनों को रोका तो खनिज विभाग सहित माफिया के तमाम गुर्गे भी पहुंच गए। माफिया के गुर्गे उदय प्रकाश को धमकियां देने लगे। इस बीच एक युवा ने उन्हें ट्रक से कुचलकर मार देने की धमकी दी। उदय प्रकाश ने इस मसले पर कहा, “मैंने रेत से भरे ट्रकों की आवाजाही पर विरोध जताया, इसलिए माफिया के लोगों ने मुझे धमकी दी। अभी मैंने पुलिस में शिकायत नहीं की है।”

पहले भी मिल चुकी है परिवार को मारने की धमकी

मई 2018 में रेत माफियाओं ने उदय प्रकाश के बेटे शांतनु और उनकी पत्नी कुमकुम को रिवॉल्वर दिखाते हुए गोली मार देने की धमकी दी थी। उस समय अनूपपुर के एसपी सुनील जैन ने कहा था कि पहले क्या हुआ, मैं नहीं बता सकता, मैं उस वक्त ट्रेनिंग पर था। सोन नदी में अवैध खनन होने की शिकायत बिल्कुल गलत है। उस समय उदय प्रकाश के परिवार के खिलाफ मिली धमकियों को लेकर साहित्य जगत के लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किए थे। 2018 में मिली धमकियों के बाद जब उदय प्रकाश का परिवार प्रशासन को शिकायत की तो माफिया ने उनके खिलाफ भी शिकायत दर्ज करा दी। इस समय उदय प्रकाश के खिलाफ 4 मुकदमें दर्ज हैं, जो अपराधियों ने उनके खिलाफ दर्ज कराए हैं। साहित्य जगत की वैश्विक हस्ती उदय प्रकाश को भारत की प्रशासनिक व्यवस्था, कानून, नेता व माफियाओं के गठजोड़ ने मुकदमों में उलझा रखा है।

मध्य प्रदेश में रेत माफियाओं पर कोई कानून नहीं चलता। जानकारों का कहना है कि इसमें स्थानीय नेताओं से लेकर प्रदेश के आला नेताओं का माफियाओं के साथ गठजोड़ काम करता है।  जिसके चलते अधिकारी पूरी तरह बेबस नजर आते हैं और जो भी अधिकारी या पुसिल विभाग का व्यक्ति माफिया का विरोध करता है, उसे मारने पीटने से लेकर हत्या तक कर देने की घटनाएं सामने आ जाती हैं। कुछ घटनाओं से मध्य प्रदेश में माफिया राज के बारे में समझा जा सकता है।

एजेंसियां

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