रिलायंस खेती के धंधे मेंः किसानों से हुई चावल खरीद की डील

रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने कर्नाटक के रायचूर जिले में सिंधनूर तालुक के किसानों से 1,000 क्विंटल सोना मंसूरी धान की खरीद का करार किया है। हालांकि इस डील से हर कोई खुश नहीं है। कर्नाटक राज्य रैथा संघ के अध्यक्ष चमारासा मालिपाटिल ने कहा कि कॉर्पोरेट कंपनियां पहले तो किसानों को एमएसपी से ज्यादा दाम की पेशकश कर लालच देंगी फिर बाद में किसानों का उत्पीड़न शुरू होगा। हमें इस प्रकार की चाल से सतर्क रहना चाहिए।

कर्नाटक में एपीएमसी ऐक्ट में संशोधन के बाद किसी बड़ी कॉर्पोरेट कंपनी और किसानों के बीच पहली बार बड़ी डील हुई है। रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने रायचूर जिले में सिंधनूर तालुक के किसानों से 1,000 क्विंटल सोना मंसूरी धान की खरीद का करार किया है।

विदित हो कि रिलायंस के रजिस्टर्ड एजेंट्स ने एक पखवाड़े पहले स्वास्थ्य फार्मर्स प्रोड्यूसिंग कंपनी (एसएफपीसी) के साथ समझौता किया था। पहले सिर्फ तेल का व्यापार करने वाली कंपनी ने अब धान की खरीद-बिक्री भी शुरू की है। लगभग 1100 धान किसान इसके साथ रजिस्टर्ड हैं। रिलायंस रिटेल के अनुबंध के मुताबिक फसल में 16 फीसदी से भी कम नमी रहनी चाहिए।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार , कंपनी ने सोना मंसूरी के लिए 1950 रुपये दाम ऑफर किया है, जो कि सरकार के तय एमएसपी रेट (1868 रुपये) से 82 रुपये ज्यादा है। एसएफपीसी और किसानों के बीच समझौते के मुताबिक प्रति 100 रुपये के ट्रांजैक्शन पर एसएफपीसी को 1.5 प्रतिशत कमीशन मिलेगा। किसानों को फसल को पैक करने के लिए बोरे के साथ ही सिंधनौर स्थित वेयरहाउस तक ट्रांसपॉर्ट का खर्च भी वहन करना होगा।

हालांकि इस डील से हर कोई खुश नहीं है। कर्नाटक राज्य रैथा संघ के अध्यक्ष चमारासा मालिपाटिल ने बताया कि कॉर्पोरेट कंपनियां पहले तो किसानों को एमएसपी से ज्यादा दाम की पेशकश कर लालच देंगी। इससे एपीएमसी मंडियों का नुकसान होगा। फिर बाद में किसानों का उत्पीड़न शुरू होगा। हमें इस प्रकार की चाल से सतर्क रहना चाहिए।

Agency

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *