अनुराग शुक्ला अगर राग दरबारी न लिखा गया होता शिवपालगंज के आत्मविश्वास से भरे गंजहे न होते, तो किसानों को उन्नत कृषि सिखाने आए वैज्ञानिकों को मूर्ख मानने का साहस कौन जुटा पाता. अगर गंजहों का दिया सहज ज्ञान न होता तो यह ज्ञान कौन देता कि पुनर्जन्म का ईजाद भारत की दीवानी अदालतों से […]
Read Moreजेम्स जॉयस (02 फरवरी 1882, – 13 जनवरी 1941) – जेम्स ऑगस्टिन अलॉयसियस जॉयस एक आयरिश उपन्यासकार, लघु कहानी लेखक और कवि थे। 20 वीं शताब्दी के सबसे प्रभावशाली और महत्वपूर्ण लेखकों में से एक माना जाता है। यूलीसिस (1922) उनकी महत्वपूर्ण रचना है। इसके साथ ही शॉर्ट-स्टोरी संग्रह डबलिनर्स (1914), और उपन्यास ए पोर्ट्रेट ऑफ़ […]
Read Moreअंतोन पावलेविच चेखव (1860-1904) – रूसी कथाकार और नाटककार अंतोन पावलेविच चेखव विश्व के सबसे महत्वपूर्ण लेखकों में से एक हैं। चेखव के लेखन में अपने समय का जैसा गहन और मार्मिक वर्णन मिलता है। चेखव की संवेदना में मानवीयता का तत्व बहुत गहरा है । चेखव की कला में सादगी एक असाधारण शक्ति के रूप में उभरी है […]
Read Moreअनुराग भारद्वाज मजाज़ को हिंदुस्तानी शायरी का कीट्स कहा जाता है. क्यों? क्योंकि वह हुस्नो-इश्क़ का शायर था. पर जो बात दीगर है वह यह कि इसी हुस्नो-इश्क़ पर क़सीदे पढ़ते हुए उसने इस पर लगे प्रतिबंधों को भी अपनी शायरी में उठाया. और हुस्नो-इश्क़ की शायरी ही क्योंकर उसका तआरुफ़ होने लगा! वह तो लाल झंडे […]
Read Moreगेब्रियल गार्सिया मार्केज़ (6 मार्च 1927 – 17 अप्रैल 2014) विश्वविख्यात साहित्यकार. वामपंथी विचारधारा की ओर झुकाव रहा। इसके चलते उन पर अमेरिका और कोलम्बिया सरकारों द्वारा देश में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगया गया। प्रथम कहानी-संग्रह लीफ स्टार्म एंड अदर स्टोरीज 1955 में प्रकाशित: नो वन नाइट्, टु द कर्नल एंड अदर स्टोरीज और आइज़ ऑफ ए डॉग श्रेष्ठ कहानी संग्रह […]
Read Moreहिन्दी के मूर्धन्य कथाकार-उपन्यासकार शैलेश मटियानी(14 अक्टूबर 1931 – 24 अप्रैल 2001 )- अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना में को जन्मे थे. शैलेश मटियानी का रचनाकर्म बहुत बड़ा है. उन्होंने तीस से अधिक उपन्यास लिखे और लगभग दो दर्ज़न कहानी संग्रह प्रकशित किये. आंचलिक रंगों में पगी विषयवस्तु की विविधता उनकी रचनाओं में अटी पड़ी है. […]
Read Moreफणीश्वर नाथ ‘रेणु’ (4 मार्च 1921 – 11 अप्रैल 1977) – बिहार के अररिया जिले में फॉरबिसगंज के पास औराही हिंगना गाँव में जन्मे रेणु इन्टरमीडिएट के बाद स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। बाद में 1950 में उन्होने नेपाली क्रांतिकारी आन्दोलन में भी हिस्सा लिया । वे जे पी आंदोलन में भी शामिल रहे। उन्हें […]
Read Moreक्लिक क्लिक क्लिक! फोटोग्राफर्स डिलाइट, फोटोग्राफर्स डिलाइट…अक्षयवट सोचता जा रहा है। सोचता जा रहा है और धीरे-धीरे बुदबुदाता भी– वह बहुत तनाव में है। ठीक ही तो कहती है नीतू, ठीक ही लो कहती है, ठीक ही फोटोग्राफर्स डिलाइट, फोटोग्राफर्स डिलाइट … ही-ही-ही…..हू-हू-हू….. हा-हा-हा….. -नीतू ठीक ही तो कहती है, फोटोग्राफर्स डिलाइट । डिलाइट, खासकर […]
Read Moreकविता ‘निदा’ का अर्थ होता है आवाज और अपने लिए यह नाम चुनने वाले निदा फाजली ने अपनी रचनाओं से इस नाम को असल मायने दिए थे कहने-सुनने में यह भले ही आम सी बात लगती है लेकिन है नहीं. दोहा जैसी एक लोकविधा जो लगभग खत्म हो चुकी थी, उसे उन्होंने नए शब्द दिए, […]
Read Moreपिछले दो दशकों को देखें तो यह पुरस्कार 21 वर्ष में 19 कथा-लेखकों और सिर्फ़ 2 (बॉब डिलन को जोड़ा जाए तो 3) कवियों के हिस्से में आया है और यह धारणा भी बन गयी थी कि दुनिया में अब उपन्यास का ही बोलबाला है और कविता कहीं हाशिये पर चली गयी है, इसलिए नोबेल […]
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