संजय कुमार सिंह एक तरफ तो अखबार अपना काम नहीं कर रहे हैं और दूसरी तरफ प्रचारक राम को नरेन्द्र मोदी से यह कहते हुए दिखा रहे हैं, 2022 तक तुम सभी को घर देने वाले थे, मुझे नहीं पता था मेरा भी घर हो जाएगा। पर मुद्दा यह है कि भगवान को भी घर […]
Read Moreकुछ दशक पहले तक साम्राज्यवादी ताकतें ‘मुक्त दुनिया बनाम एकाधिकारवादी शासन व्यवस्था (समाजवाद)’ की बात करतीं थीं. 9/11 के बाद से ‘इस्लामिक आतंकवाद’ उनके निशाने पर है. इस समय पूरी दुनिया में अलग-अलग किस्म के कट्टरपंथियों का बोलबाला है. वे प्रजातंत्र और मानव अधिकारों को कमज़ोर कर रहे हैं. पिछले तीन दशकों में वैश्विक राजनैतिक […]
Read Moreप्रमोद रंजन “2018 में जब केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आरक्षण रोस्टर में बदलाव कर दिया गया, जिससे दलित व अन्य पिछड़ा वर्ग की हजारों सीटें कम हो गईं तो उसके विरोध को व्यवस्थित करने में हैनी बाबू का बहुत बड़ा योगदान था। इन संघर्षों ने उन्हें आरक्षण संबंधी जटिल नियमों का […]
Read More“मोदी सरकार की यही ख़ूबी है। उनकी समर्थक जनता हर फ़ैसला का समर्थन करती है। वरना 23 सरकारी कंपनियों के विनिवेश का फ़ैसला हंगामा मचा सकता था। अब ऐसी आशंका बीते दिनों की बात हो गई है। सरकार की दूसरी खूबी है कि अपने फ़ैसले वापस नहीं लेती है। सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों में भी मोदी […]
Read Moreनामवर सिंह के जन्मदिवस पर पूर्व प्रकाशित लेखः साहित्य अकादमी पुरस्कार, शलाका सम्मान (हिंदी अकादमी, दिल्ली), , शब्दसाधक शिखर सम्मान, महावीरप्रसाद द्विवेदी सम्माम आदिआदि कई सम्मानें के ऊपर हिन्दी साहित्य प्रमियों और पाठकों के दिलों में लगातार सम्मान पाना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि रही।आज उनके जन्मदिवस पर उन्हे याद करना प्रगतिशील आंदोलन के स्वर्णिम युग […]
Read Moreअयोध्या का राम मंदिर और तिरुअनंतपुरम का पद्मनाभस्वामी मंदिर अलग-अलग कारणों से पिछले हप्ते समाचारों की सुर्ख़ियों में रहे हैं. यह भारत में ही संभव है कि महामारी के इस भयावह काल में भी हम स्वास्थ्य सेवाओं और मानव जीवन से अधिक मंदिरों की चिंता में डूबे हैं. भारत की कार्यपालिका और न्यायपालिका के केंद्र […]
Read Moreअजय कुमार केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और उसकी संपत्तियों के अधिकारी को लेकर 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया और मंदिर के प्रबंधन का अधिकार त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार को दिया है। इतिहास को सपाट तौर पर समझने वाले कहेंगे कि मंदिर राजाओं ने बनवाई थी। लेकिन असलियत यह है […]
Read Moreसत्यम श्रीवास्तव अब गर्भ गृह में भी पुरुषों का कब्ज़ा होगा। यह ‘साभ्यतिक और सांस्कृतिक शिफ्ट’ है। कौन कहता है कि सत्ता केवल जनमानस की भावनाओं से जुड़कर ही पायी जा सकती है। उनसे भरपूर खिलवाड़ करके भी आप सत्ता हथियाते रह सकते हैं। ख़बर है कि 5 अगस्त 2020 को संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष लोकतान्त्रिक गणराज्य के प्रधानमंत्री नरेंद्र […]
Read MoreBy Akshit Sangomla अपने नागरिकों की निगरानी एक बुरी नजीर है और हो सकता है कि यह इस स्वास्थ्य संकट के खत्म होने के बाद भी जारी रहे ।कोविड-19 के मरीजों के नाम जारी करने से लेकर, मोबाइल ऐप के माध्यम से लोगों को उनकी निजी जानकारी साझा करने तक, केंद्र और राज्य सरकारें इस स्वास्थ्य […]
Read Moreएम. के. भद्रकुमार हमारा नेतृत्व इस संकट के समय में भी घुमा फिराकर बातें कर रहा है, वीडियो कॉन्फ़्रेंस और ट्विटर के ज़रिये अपनी बातें सामने रखते हुए किसी कुलीन वर्ग की तरह पेश आ रहा है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि राज्य के कुछ तटीय […]
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