आलेख

साम्प्रदायिक हिंसा का धर्म से कितना सम्बन्ध है -राम पुनियानी

March 24, 2020

दिल्ली में हुए खून-खराबे, जिसे मुसलमानों के खिलाफ हिंसा कहना बेहतर होगा, ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. विभिन्न टिप्पणीकार और विश्लेषक यह पता लगाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं कि इस हिंसा के अचानक भड़क उठने के पीछे क्या वजहें थीं. भारत में साम्प्रदायिक हिंसा के विश्लेषण में जिस एक […]

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आंतरिक मसले और संयुक्त राष्ट्र संघ के मापदंड -राम पुनियानी

March 17, 2020

संयुक्त राष्ट्रसंघ मानवाधिकार उच्चायोग (यूएनएचसीआर) की उच्चायुक्त मिशेल बैशेलेट ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की संवैधानिकता को चुनौती दी है. मिशेल द्वारा सीएए के विरुद्ध इस कार्यवाही पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूएनएचसीआर की आलोचना की और कहा कि यह अन्तर्राष्ट्रीय […]

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लार्ड डेनिंग: जिन्हें पत्नियों को अधिकार दिलाने के लिए पतियों का कोपभाजन बनना पड़ा

March 6, 2020

कानून को बदलते समाज के साथ बदलने में ही सार्थक माना जा सकता है. उदाहरण के लिए बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने व्यभिचार कानून पर अहम फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया. करीब 157 साल पुराने इस कानून के मुताबिक एक शादीशुदा पुरुष का किसी दूसरे शादीशुदा पुरुष की पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना […]

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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कश्मीर के हालात पर चिंता जताई

February 18, 2020

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस चार दिन की पाकिस्तान यात्रा के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से इस्लामाबाद में मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जम्मू कश्मीर की स्थिति तथा नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव पर ‘‘गहरी चिंता’’ जताई । संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के लिए […]

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चेतना पर हावी हो रही है निर्ममता – कथाकार अखिलेश

February 6, 2020

दिल्ली। कहानियों के मार्फ़त हम अपने समय के यथार्थ को समझ सकें यह हमारे साहित्य के लिए भी आवश्यक है। हमें भूलना नहीं चाहिए कि इतिहासकार की तुलना में तमस और झूठा सच जैसे उपन्यास अधिक सच्ची और मानवीय दृष्टि से विभाजन जैसी घटना को समझने में हमारे लिए सहायक हैं। सुप्रसिद्ध कथाकार और ‘तद्भव’ […]

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पहले पास्को, अब जिंदल : ढिंकिया के ग्रामीण अब भी अपनी जमीन बचाने के लिए सघर्षरत

February 4, 2020

पास्को विरोधी आंदोलन के सदस्य  पोस्को से अपनी लड़ाई जितने के बाद फिलहाल जिंदल की जेएसडब्ल्यू कंपनी द्वारा प्रस्तावित पांच परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि जेएसडब्ल्यू द्वारा प्रस्तावित परियोजनाएं आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी के मानकों पर अधूरी हैं। सबरंग इंडिया से साभार रिपोर्ट जिसका हिंदी अनुवाद विभांशु केशव ने किया है; मैसर्स जेएसडब्ल्यू उत्कल स्टील […]

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बर्लिन दीवार गिराने के 30 साल बाद- इनेस पोल

January 29, 2020

जिस किसी ने भी सोचा था कि बर्लिन की दीवार और सलाखों के पहरे हटाने से सीमाएं हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगी, वह गलत साबित हुआ है. दीवार गिरने के 30 साल बाद, आज हमें उसका उल्टा दिखाया जा रहा है और सीमा की दीवारें वापसी कर रही हैं. सिर्फ अमेरिका-मेक्सिको की सीमा पर ही […]

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Women-led Revolutions: The Shaheen Bagh Protests- Rushda Siddiqui

January 28, 2020

Heading the anti-CAA/NPR/NRC protest are the women of Shaheen Bagh of Delhi, who came out on the night of December 15—when a protest by students of Delhi’s Jamia Millia Islamia ended with the police entering the hostels, library and residences of students to break their protest movement. The standoff between the students and the police […]

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क्यों ज़रूरी हो गया है सबके लिए गांधी विमर्श—-जीवेश चौबे

December 5, 2019

एक दौर था जब गांधी की आलोचना वामपंथी या क्रान्तिकारी रुझान  होने का प्रथम प्रमाण माना जाता था और गांधी से घृणा करना दक्षिणपंथी होने की ज़रूरी शर्त। लम्बे समय तक गांधी व उनके विचारों को लेकर जहां लेफ्ट पार्टियों में वैचारिक असहमति का वातावरण बना रहा और दक्षिणपंथियों के बीच गांधी हमेशा से घृणा और […]

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