आज के भारत की तुलना एक दशक पहले के भारत से करने पर हैरानी होती है. लोकसभा (2014) में भाजपा के बहुमत हासिल करने से राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक परिदृश्य में प्रतिकूल परिवर्तन हुए हैं. देश के नागरिकों के एक बड़े हिस्से में व्यापक असंतोष के बाद भी पार्टी न केवल केन्द्र में सत्ता पर […]
Read Moreप्रबीर पुरकायस्थ वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, अफ्रीका में 1 फीसद से भी कम लोगों का पूरी तरह से टीकाकरण हो पाया है और एशिया में 2.5 फीसद लोगों का, जबकि अमरीका तथा यूके के करीब 42 फीसद का। इस रफ्तार से अमीर देश तो अगले तीन से छ: महीने में अपनी पूरी आबादी का टीकाकरण […]
Read Moreप्रभात पटनायक टीके की कमी के चलते– एक बनावटी कमी जो निजी संपत्ति अधिकारों को बचाने के कारण से पैदा हुई है– एक वर्ग के लोगों की जिंदगी को दूसरे वर्ग के लोगों की ज़िंदगी के खिलाफ खड़ी कर दी गयी हैं। मौत के इस बढ़ते काफिले को एक ही तरीके से रोका जा सकता […]
Read Moreशिन्ज़नी जैन जी-7 देशों के वित्त मंत्रियों ने बड़े बहुराष्ट्रीय समूहों के कर परिहार से निबटने के लिए एक समझौते पर सहमति व्यक्त की है। इस समझौते पर जी-20 देशों की क्या प्रतिक्रिया होगी और इन योजनाओं को कैसे लागू किया जाएगा, यह देखना अभी बाकी है। प्रो-पब्लीका की हाल ही में जारी एक रिपोर्ट […]
Read Moreअहमदाबाद के नज़दीक एक गाँव में एक दलित युवक ने मूंछें रख लीं. उसकी जम कर पिटाई की गई और उसकी मूंछें साफ़ कर दी गईं. कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के गोनी बीडू पुलिस थाना क्षेत्र में एक दलित युवक को गाँववालों की शिकायत पर हिरासत में लिया गया. हवालात में उसे पीटा तो गया […]
Read Moreरविकान्त योगी पहले मुख्यमंत्री हैं जिनके ख़िलाफ़ उनकी पार्टी के 100 से अधिक विधायक विधानसभा में धरना दे चुके हैं। कई विधायक कैमरे पर अपना विरोध जता चुके हैं। अगर बीजेपी उन्हें हटाती है तो निश्चित तौर पर वे बगावत कर बैठेंगे। उनका इतिहास भी ऐसा ही रहा है। कोरोना आपदा के बीच बीजेपी का मिशन […]
Read Moreअनिल जैन केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन को छह महीने पूरे हो चुके हैं। यह आंदोलन न सिर्फ़ मोदी सरकार के कार्यकाल का बल्कि आज़ाद भारत का ऐसा सबसे बड़ा आंदोलन है जो इतने लंबे समय से जारी है। देश के कई राज्यों के किसान तीनों […]
Read Moreराज कुमार क्या गाइडलाइन भ्रामक जानकारी और फेक न्यूज़ को रोकने के लिए हैं या डिजिटल मीडिया पर अंकुश लगाने के लिए है? क्या ये डिजिटल मीडिया में हो रही सरकार की आलोचना और पूछे जा रहे कड़े सवालों को दबाने और सरकार की छवि को बचाने के लिए तो नहीं हो रहा?आप सुर्खियां देख […]
Read Moreप्रबीर पुरकायस्थ पूछा जा सकता है कि वह क्या है जो भारत को, जो हुआ है उससे अलग तरीके से करना चाहिए था? यही बता रहे हैं प्रबीर पुरकायस्थ- आत्मनिर्भरता की हमारी पहली परिकल्पना, हमारे देश की आज़ादी की लड़ाई में से निकली थी। इस आत्मनिर्भरता का अर्थ था, अपनी अर्थव्यवस्था पर औपनिवेशिक नियंत्रण के […]
Read Moreफ़लस्तीन की चौहद्दी क्या है? क्या उसका प्रधानमंत्री भी अपनी मर्जी से कहीं आ-जा सकता है, बाकी लोगों की बात ही छोड़ दीजिए? फ़लस्तीन की ज़मीन कहाँ है? किसके कब्जे में है? ये सरल प्रश्न हैं। लेकिन कोई पूछता नहीं। कहा जाता है, यह मामला ज़रा पेचीदा है। “देखो, पृथ्वी, हम सबसे ज़्यादा फिजूलखर्च निकले।” […]
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