27 जनवरी 1945 को सोवियत सैनिकों ने आउशवित्स यातना शिविर को आजाद कराया था. लेकिन इससे पहले वहां अनुमानित दस लाख लोगों की हत्या हुई, उनमें से ज्यादातर यहूदी थे. कैंप को आजाद कराए जाने के दिन वहां सोवियत सैनिकों को सात हजार लोग मिले थे. इनमें से ज्यादातर कुछ समय बाद ही भूख, बीमारी […]
Read Moreलोकतंत्र सूचकांक में भारत 10 नंबर गिरकर 165 देशों की सूची में 51वें स्थान पर पहुंच गया है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना, एनआरसी और सीएए के चलते भारत की लोकतंत्र सूचकांक में रैकिंग गिरी है. इस सूचकांक के मुताबिक 2019 में नॉर्वे 9.87 स्कोर के साथ पहले पायदान पर रहा. यह वैश्विक सूची 165 […]
Read Moreइटली, फ्रांस और यूरोप के कई देशों की पार्लियामेंट के चुनिंदा और आम तौर पर दक्षिण-धुर दक्षिणपंथी सदस्यों का जो समूह कश्मीर के दौरे पर पहुंचा है, वह यूरोपीय संघ का संसदीय प्रतिनिधिमंडल नहीं है। उसके ईयू के डेलेगेशन होने की बात उतनी ही झूठ है, जितनी पिछले मार्च में सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे […]
Read Moreएक बात जो उनके संदर्भ में ज्यादा प्रकाश में नहीं लाई जाती वो है उनका पत्रकार के रूप में लिखा गया महत्वपूर्ण गद्य,कहा जा सकता है ये उनका अल्प पठित गद्यांश है जिस पर हिन्दी जगत में कभी भी ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई। मुक्तिबोध ने अपनी दीगर रचनाओं के मुकाबले अखबारी लेखन कम ही […]
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