राजस्थान शहरी निकाय चुनावः कॉग्रेस ने लहराया परचम , निर्दलीयों से भी पीछे रही भाजपा

राजस्थान में शहरी निकाय में कांग्रेस का प्रदर्शन शानदार रहा जबकि भाजपा को निर्दलियों के बाद तीसरे स्तान पर रहना पड़ा, इसको मीडिया में कोई चर्चा नहीं है जबकि पंचायत चुनाव में कॉंग्रेस के ख़राब प्रदशर्न पर ख़ूब स्पेस दिया और ट्रैंड किया या यूं कहें कि मीडिया के एक वर्ग द्वारा उसे जानबूझकर ख़ूब तवज्जो दी गई। 

राजस्थान के शहरी इलाक़ों के निकायों के जो नतीजे सामने आए हैं, उस पर बीजेपी ने मुंह बंद कर लिया है क्योंकि वह इसमें तीसरे नंबर पर आई है। शहरी निकायों में कांग्रेस पहले, निर्दलीय दूसरे और बीजेपी तीसरे नंबर पर रही है। राजस्थान के निकाय चुनाव की 50 परिषदों में आने वाली कुल 1,775 सीटों में से कांग्रेस को 620, निर्दलीयों को 595 और बीजेपी को 548 सीटें मिली हैं। इसके अलावा बीएसपी को 7, सीपीआई-सीपीआई(एम) को 2-2, आरएलपी को 1 सीट पर जीत मिली है।

बीजेपी और मोदी सरकार का कुप्रचार या प्रोपेगेंडा इतना जबरदस्त होता है कि लोग दूसरे पक्ष की बात ही नहीं सुन पाते, ऐसा ही इस मामले में भी हुआ है। कुछ दिन पहले राजस्थान की जिला परिषदों, पंचायत समिति के चुनाव के नतीजे सामने आए। इसमें बीजेपी को ज़्यादा बड़ी जीत तो नहीं मिली लेकिन उसने शोर ऐसा मचा दिया कि बस राजस्थान की जनता ने उसे अपना ख़ुदा मान लिया हो। किसान नेताओं की मांगों के आगे घुटने के बल बैठ चुकी बीजेपी और मोदी सरकार ने यह प्रचार करने में पूरा जोर लगा दिया कि किसान आंदोलन के बीच भी उसकी लोकप्रियता चरम पर है।  राजस्थान की जिला परिषदों, पंचायत समिति के चुनाव नतीजों को इस तरह दिल्ली में मीडिया के सामने पेश किया गया कि मोदी जी की क़यादत में चारों ओर लोग बेहद ख़ुश हैं और बिहार, हैदराबाद के बाद राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने भी इस पर मुहर लगा दी है। 

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने रविवार शाम को हुई प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि चुनाव नतीजे इस ओर इशारा करते हैं कि बीजेपी शहरी इलाक़ों में पीछे जा रही है, यहां तक कि वह निर्दलीयों से भी पीछे है। 

43 नगर पालिकाओं और 7 नगर परिषदों में कांग्रेस ने 17 जगहों पर जीत हासिल की है और जहां-जहां निर्दलीय जीते हैं, वहां भी अधिकांश कांग्रेस समर्थित हैं। विदित हो कि कई जगहों पर कांग्रेस के नेताओं ने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा। 

बीजेपी को उसकी सहयोगी आरएलपी ने धमकी दी है कि अगर कृषि क़ानून वापस नहीं हुए तो वह एनडीए को छोड़ देगी। ऐसे में पार्टी तमाम सियासी गुणा-भाग पर विचार कर रही है। लेकिन शहरी निकाय की सीटों पर निर्दलीयों से भी पीछे रह जाने का मतलब साफ है कि राजस्थान में उसकी लोकप्रियता लगातार घट रही है। लेकिन प्रचार ऐसा कर दिया गया है कि उसने राजस्थान में कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है। 

एजेंसियां

One thought on “राजस्थान शहरी निकाय चुनावः कॉग्रेस ने लहराया परचम , निर्दलीयों से भी पीछे रही भाजपा”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *