नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की र शपथ ग्रहण के अगले दिन 18 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में अनुसूचित जाति के आरक्षण में उप-वर्गीकरण का फ़ैसला लिया. कैबिनेट के इस फ़ैसले के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की और कहा कि हमारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान किया है.
नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की र शपथ ग्रहण के अगले दिन 18 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में अनुसूचित जाति के आरक्षण में उप-वर्गीकरण का फ़ैसला लिया. कैबिनेट के इस फ़ैसले के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की और कहा कि हमारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान किया है.
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने हरियाणा सरकार के इस फ़ैसले को दलितों को आपस में लड़ाने का षड्यंत्र करार देते हुए इसे दलित विरोधी बताया है.
इसी साल अगस्त के महीने में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद चुनाव से पहले अनुसूचित जाति में उप-वर्गीकरण की बात उठी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस साल एक अगस्त को अपने फ़ैसले में कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में उप-वर्गीकरण या सब-क्लासिफिकेशन किया जा सकता है.
अभी अनुसूचित जाति को 15 फ़ीसदी आरक्षण मिलता है और अनुसूचित जनजाति को 7.5 फ़ीसदी. इनकी सूची राष्ट्रपति बनाते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के छह जजों ने कहा था कि इस लिस्ट में राज्य सरकार सिर्फ़ उप-वर्गीकरण कर सकती है, और कुछ सीटों को एक अनुसूचित जाति या जनजाति के लिए अंकित कर सकती है. तब नायब सिंह सैनी के कहा था कि राज्य मंत्रिमंडल ने हरियाणा अनुसूचित आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है.
उन्होंने कहा था, “राज्य में अनुसूचित जातियों के लिए सरकारी नौकियों में 20 फ़ीसदी कोटा आरक्षित किया जाएगा. आयोग की सिफ़ारिश के हिसाब से इस कोटे का आधा (50 फ़ीसदी) और कुल कोटे में 10 फ़ीसदी वंचित अनुसूचित जातियों को दिया जाएगा.”
हरियाणा में आधिकारिक रूप से कुल 36 जातियां ‘वंचित अनुसूचित जातियों’ की लिस्ट में शामिल हैं.
बीएसपी प्रमुख मायावती ने इस फै़सले को ‘फूट डालो-राज करो’ से जोड़कर बताया है.
मायावती ने एक्स पर लिखा, “हरियाणा सरकार को ऐसा करने से रोकने के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के आगे नहीं आने से भी यह साबित है कि कांग्रेस की तरह बीजेपी भी आरक्षण को पहले निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने और अन्ततः इसे समाप्त करने के षडयंत्र में लगी है, जो घोर अनुचित है. बीएसपी इसकी घोर विरोधी है.”
उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने व्यक्तिगत तौर से हरियाणा सरकार के इस फ़ैसले का स्वागत किया है.
केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, “सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के फैसले के तहत, मैं व्यक्तिगत तौर से हरियाणा सरकार द्वारा एससी/एसटी में उप-वर्गीकरण लागू करने का स्वागत करता हूँ. आरक्षण का लाभ उन वंचितों तक पहुँचना जरूरी है, जो 75 साल बाद भी हमारे ही समाज का एक बड़ा हिस्सा है और जो बहुत पीछे रह गया था. उसे आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी सभी दलों की है. इसका विरोध अस्वीकार्य है.”
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