प्रवासी मजदूरों के पलायन के बीच एक और चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है कि देश में करोड़ों शिक्षित युवा बेरोजगार हो गए हैं जिनकी उम्र 20 से 30 साल के बीच हैं, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमीकी रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल महीने में देश के 2.7 करोड़ युवाओं की नौकरी चली गई, ये युवा 20…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस आर्थिक पैकेज की घोषणा की, उसकी विस्तृत जानकारी की उत्सुकता से प्रतीक्षा हो रही थी. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि ये पैकेज चार एल पर आधारित होगा – लैंड यानी भूमि, लेबर यानी श्रमिक, लॉ यानी कानून और लिक्विडिटी यानी नकदी. मगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की…
सुप्रसिद्ध साहित्यकार,प्रतिष्ठित व्यंग्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । उनके व्यंग्य लेखन का ,उनके व्यंग्य उपन्यास, उपन्यास, कविताओं एवं ससामयिक विषयों पर लिखे गए लेखों के संकलन बहुत कम ही प्रकाशित हो पाए । हमारी कोशिश जारी है कि हम उनके समग्र लेखन को प्रकाशित कर सकें…
मेरे लिए यह अबूझ पहेली है कि सत्ता के ये सारे अंग, जिनके लिए विकास और सभ्यता का अर्थ हमेशा विध्वंस रहा है भला कैसे वायरस द्वारा बरपी तबाही को रोकने के लिए आज दिन-रात एक किये हुए हैं. विध्वंस का विचार परमाणु, रसायनिक, और जैविक हथियारों का अम्बार खड़ा करते समय भी उनके दिमागों…
1- चाहत है तो ज़रा बता वरना मेरी खता बता बगुला बहुत मज़े में है ज़रा हंस की व्यथा बता काम नियम से ही होगा नोट न मुझको बड़ा बता सज़ा मुकर्रर भी कर दी अब तो मेरी खता बता गज़लें उनकी बेहतर पर हम सा ग़ज़ल-सरा बता 2 – ग़लत सवालों में उलझे हैं …
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद कांग्रेस ने कहा कि मोदी ने मीडिया को सिर्फ ‘हेडलाइन’ दी, इसमें प्रवासी श्रमिकों के दुख-दर्द के लिए कोई ‘हेल्पलाइन’ नहीं है. वहीं भाजपा ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा ‘समग्र राहत पैकेज’ बताया. माकपा ने…
हरजिंदर प्लेग की महामारी 1896 में जब मुंबई पहुंची तो शुरुआत में इसका कारण हांगकांग से आए मालवाहक जहाज को माना गया। यह मानने के बहुत से कारण थे। एक तो शुरू में इस महामारी का प्रकोप बंदरगाह के पास मांडवी इलाक़े में ही सबसे पहले दिखाई दिया था। मांडवी इलाक़े में ही गोदामों में…
‘हम भारत के लोग’- यहां से शुरू होने वाली भारतीय संविधान की प्रस्तावना में यह ‘हम’ कौन है? यह सवाल कुछ वैसा ही है जैसा रघुवीर सहाय ने अपनी मशहूर कविता में पूछा था- ‘जन गण मन में भला कौन यह भारत भाग्य विधाता है / फटा सुथन्ना पहने जिसके गुण हरचरना गाता है।’ लेकिन…
(सुरेन्द्र कुमार) वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के जुड़वां टावरों पर 11 सितंबर, 2001 को हुए भयानक आतंकवादी हमले के बाद से 2018 तक इराक और अफगानिस्तान में चलाए गए अभियानों में अमेरिका ने अपने 7, 000 जवान खोए। विश्व बैंक के पूर्व प्रमुख अर्थशास्त्री और नोबेलजयी जोसेफ स्टिग्लिट्ज और लिंडा बेम्स ने अपनी पुस्तक में लिखा…
अमेय प्रताप सिंह भारत की बिगड़ती व्यापक आर्थिक स्थिति के मद्देनज़र देश के तीन राज्यों ने श्रम कानूनों में अनेक तात्कालिक परिवर्तनों की घोषणा की है, और उम्मीद है कि अन्य राज्य भी ऐसा ही करेंगे. उदाहरण के लिए, कोविड-19 से बाधित औद्योगिक विकास में जान फूंकने के लिए योगी आदित्यनाथ और विजय रूपानी के…
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