विलिए दि ल’आइल-एदम. ( 7 नवंबर 1838 – 19 अगस्त 1889) फ्रेंच. लेखक । कहानी, उपन्यास एवं नाटक की रचना । सूरज डूब चुका था। सारागोसा का वयोवृद्ध धर्माधिकारी पेड्रो अर्बुएज डि’एस्पिला अँधेरी सीढ़ियों से उतर रहा था। उसके पीछे-पीछे एक जल्लाद और आगे-आगे लालटेनें लिए हुए दो सेवक चल रहे थे। वह एक गुप्त…
शुभांगी मिश्रा गुलज़ार ने अपनी नई किताब ‘ अ पोएम अ डे ‘ के बारे में बात की, जो भारत की 34 भाषाओं में 279 कवियों द्वारा 365 कविताओं का एक संकलन है.कवि और लेखक गुलजार का कहना है कि मौजूदा राजनीतिक माहौल में अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदियां बढ़ गई हैं. गुलजार ने कहा…
किसान नेताओं और सरकार के बीच बुधवार की वार्ता के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक में किसान यूनियन के नेताओं ने जो चार विषय चर्चा के लिए रखे थे, उनमें से दो विषयों पर आपसी सहमति सरकार और किसान यूनियनों के बीच हो गई है. अगली बैठक 4 जनवरी…
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर कृषि कानूनों और इसके किसानों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला ने इंडियन करेंट्स (Indian Currents) के अनुज ग्रोवर को एक साक्षात्कार दिया है। वे सरकार के साथ वार्ता कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल है। इस साक्षात्कार का हिंदी…
जेएनयू के छात्र आंदोलन पर बनी मलयालम फिल्म ‘वर्तमानम’ को सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के क्षेत्रीय कार्यालय ने स्क्रीनिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. इस फिल्म का निर्देशन प्रतिष्ठित फिल्मकार सिद्धार्थ शिवा ने किया है और पुरस्कार विजेता अभिनेत्री पार्वती तिरुवोत ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई है. इस फिल्म की कहानी…
अनिल जैन विदा ले रहे साल 2020 में कोरोना महामारी को छोड़ दें तो सबसे बडा ट्रेंड क्या माना जाए? कुछ लोग कोरोना को रोकने के नाम पर लगे देशव्यापी लॉकडाउन को 2020 की सबसे बड़ी त्रासद घटना बता सकते हैं। कुछ लोग लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक घर वापसी को साल की सबसे बड़ी…
विश्वप्रसिद्ध रचना ‘रॉबिन्सन क्रूसो’ के लेखक डैनियल डेफो, (1660 -1731) बहुआयामी किस्म के व्यक्ति थे, व्यापारी थे, पत्रकार थे, लेखक थे, पर्चे भी लिखते थे। लंदन के निवासी रहे डैफो ने उनके जमाने में आए प्लेग की महामारी – जिसमें हजारों लोग मर गए थे – पर बाकायदा एक लम्बा पर्चा लिखा है- ‘ए जर्नल आफ द…
नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा है कि राजनीतिक दलों के पास व्यक्तिगत हितों को साधने के लिए निश्चित तौर पर अच्छे कारण हैं, लेकिन सांप्रदायिकता को खारिज करना साझा मूल्य होना चाहिए जिसके बिना ‘हम टैगोर और नेताजी के योग्य उत्तराधिकारी नहीं बन पाएंगे.’ नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा है कि…
36 साल की छोटी सी उम्र में वतन के लिए सीमा पर लड़कर शहीद होने वाले ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान की क्रब पर तोड़फोड़ की गई है। उनकी कब्र दक्षिणी दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इसलामिया विश्वविद्यालय के कैंपस में है। ब्रिगेडियर उस्मान ने भारत-पाकिस्तान के 1947-48 के युद्ध में शहादत दी थी। ब्रिगेडियर उस्मान के बारे…
भारत का संविधान हम सब को अपने धर्म में आस्था रखने, उसका आचरण करने और उसका प्रचार करने का हक़ देता है. यदि कोई नागरिक किसी भी धर्म का पालन करना नहीं चाहता तो इसका अधिकार भी उसे है. इन दिनों देश एक कठिन दौर से गुज़र रहा है. कोरोना महामरी का तांडव जारी है,…
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