व्यंग्य में प्रभाकर चौबे एक सुपरिचित और प्रतिष्ठित नाम रहा है। देश के प्रतिष्ठित व्यंग्यकार, सुप्रसिद्ध साहित्यकार व संपादक रहे श्री प्रभाकर चौबे लगभग 6 दशकों तक अपनी लेखनी से लोकशिक्षण का कार्य करते रहे । लगभग 25 वर्षों तक देशबंधु समाचार पत्र में उनका नियमित व्यंग्य कॉलम “हंसते हैं रोते हैं ”प्रकाशित होता रहा।आज होली के अवसर…
एजाज़ अशरफ़ जिस तरह हिंदू कार्ड हिंदुत्व को ख़त्म करने का हथियार नहीं हो सकता, उसी तरह उदार मक़सदों को हासिल करने की लड़ाई को वित्तीय पूंजी के सहारे नहीं लड़ा जा सकता। सत्तावाद के बढ़ते उफ़ान ने दो नए शिकार बनाए,भले ही इन दोनों को दोनों फ़र्ज़ी मामलों में उस तरह जेल नहीं भेजा…
कई अर्थों में महादेवी वर्मा हिंदी की विलक्षण कवयित्री हैं। उनमें निराला की गीतिमयता मिलती है, प्रसाद की करुण दार्शनिकता और पंत की सुकुमारता- लेकिन इन सबके बावजूद वे अद्वितीय और अप्रतिम ढंग से महादेवी बनी रहती हैं। उनके गीतों से रोशनी फूटती है, संगीत झरता है। शब्द उनके यहाँ जैसे कांपते हुए फूल हो…
स्मृति कोप्पिकर अंबानी के खिलाफ कथित साजिश का मकसद क्या है, इससे आखिर में किसे फायदा हुआ है? ‘मुंबई क्राइम’ नाम की कोई दिलचस्प रोमांचक सीरीज किसी स्ट्रीमिंग सर्विस में अब तक नहीं है, जिसके सलीके से बने एपिसोड्स को लगातार देखा जा सके जैसा कि दिल्ली के नाम पर है. मुंबई की ये एक…
भाषा सिंह राजनीतिक मर्यादा की तमाम सीमाओं को तोड़ते हुए, जिस तरह से भाजपा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला, उन्हें साड़ी छोड़ बरमूडा पहनने की ओछी सलाह दी, इससे उसका स्त्री विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ। आप पूरी रिपोर्ट नीचे दी गई लिंक पर सुन भी सकते हैं-…
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर अकसर हमलावर रहने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरूवार को एक बार फिर तीख़े शब्दों में इस संगठन पर हमला बोला। राहुल ने ट्वीट कर कहा, “आरएसएस व इससे संबंधित संगठनों को संघ परिवार कहना सही नहीं है क्योंकि परिवार में महिलाएं होती हैं, बुजुर्गों के लिए सम्मान होता है, करुणा…
बीजेपी और आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी के सदस्यों ने चलती ट्रेन से चार ईसाई महिलाओं को ज़बरन उतरवा दिया। उन पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया गया। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने इस पर गहरी आपत्ति जताते हुए गृह मंत्री अमित शाह को कड़ी चिट्ठी लिखी…
केपी सेथुनाथ इस चुनाव में कॉंग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ खेमे का लस्तपस्त हाल देखकर तो यही लगता है कि उसके नेताओं ने अपनी चुनावी रणनीति बनाने का काम जमात-ए-इस्लामी और आरएसएस के नेतृत्व वाले संघ परिवार को सौंप दिया है. केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाला युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) जब भी चुनाव जीतता…
पुष्यमित्र कई सवाल हैं जो एक दूसरे से पूछने की जरूरत है कि क्या जिस बिहार सशस्त्र पुलिस बल विधेयक को 23 मार्च को पास कराया गया उसे पास कराने से पहले विपक्ष की आपत्तियों का समाधान नहीं होना चाहिये था? विपक्ष ने बहस से बदले सदन को अराजक बनाने का रास्ता क्यों चुना? क्या…
सत्ता में आने के बाद संघीय सहकार जैसे चतुर शब्दों का जाप करने के बाद सरकार ने एक के बाद एक ऐसे कदम उठाए हैं जिनसे संघीय भावना धीरे-धीरे क्षरित होती गई है। बीजेपी की “साम्राज्यवादी” और “विस्तारवादी” विचारधारा हर प्रदेश को अपने उपनिवेश में बदल देना चाहती है। दिल्ली को पूरी तरह अपने अँगूठे…
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