राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हाल में कहा था कि भारत में इस्लाम खतरे में नहीं है; कि कलह करने से काम नहीं चलने वाला है और देश में शांति के लिए हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच संवाद की ज़रुरत है. उन्होंने यह भी कहा था कि, “जो व्यक्ति कहता है…
वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह, पहुंची दिल्ली के नांगल गांव में 9 साल की दलित बच्ची के साथ हुई बर्बर हिंसा के विरोध में चल रहे विरोध प्रदर्शन में, जिसे हटाने के लिए दिल्ली पुलिस दबाव बना रही है। वाल्मीकि समाज की बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार और फिर लाश को जलाने की बर्बर…
आर्थिक मोर्चे पर संकट से जूझ रही सरकार के सामने आगे और भी मुश्किलें आने वाली हैं। लोगों की नौकरियाँ ख़त्म होने की रिपोर्टों के बीच अब नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर जीडीपी पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। उन्होंने कहा है कि भारत की विकास दर…
भारत ने 41 वर्षों बाद आखिर हॉकी मं पदकों के सूखेसे निजात पाते हुए टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। हर भारतीय के लिए एक लम्बे अरसे के बाद मिला यह कांसा भी स्वर्ण से कम नहीं है और हर हॉकी प्रेमी को इस जीत के साथ ही एक अरसे बाद जीत के नशे का…
जाने-माने मार्क्सवादी इतिहासकार का कहना है कि अपने विषय को वास्तविक रूप से पेश किये जाने को लेकर प्रतिबद्ध सभी इतिहासकारों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से इसे तत्काल वापस लेने की मांग को उठाने में शामिल हो जाना चाहिए। यह लेख इस साल मार्च में जाने-माने मार्क्सवादी इतिहासकार प्रोफ़ेसर इरफ़ान हबीब के लिखे एक लेख…
भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) द्वारा ख़्वाजा अहमद अब्बास के रचनाकर्म पर केंद्रित ऑनलाइन कार्यक्रमों की श्रृंखला की चौथी कड़ी में “आवारा” एवं “अनहोनी” फिल्म पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में थप्पड़, गुलाम, द्रोहकाल, आरक्षण जैसी प्रसिद्ध फिल्मों के लेखक अंजुम रजबअली ने ख़्वाजा अहमद अब्बास की कहानियों के पीछे रही उनकी सोच…
दिल्ली। ‘हम भी इस घृणा, नफरत, छोटेपन और ओछेपन से बाहर निकल आएंगे और हम उस सफर को जारी रख सकेंगे जो मनुष्यता का सच्चा सफर है। किन्तु प्रेमचंद की बातों को याद रखें कि इंसान होने का भरपूर आनंद तभी ले पाएंगे जब यह आनंद समूचे समाज और समूह को मिले।’ महान कथाकार प्रेमचंद…
आरएसएस चिंतक और राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने ‘दैनिक जागरण’ को दिए एक साक्षात्कार (जुलाई 2021) में कहा कि अब समय आ गया है कि हम ‘ईसाई मिशनरी भारत छोड़ो’ अभियान शुरू करें. उनके अनुसार, ईसाई मिशनरियां आदिवासी संस्कृति को नष्ट कर रही हैं और भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का दुरूपयोग करते हुए…
भोपाल/ हमारे समय में परिस्थितियाँ बदलती रहती है। बदली हुई परिस्थितियों में चुनौतियाँ आती रहती है। उन चुनौतियों के समाधान को लेकर हम प्रेमचंद या किसी और रचनाकार के साहित्य के माध्यम से साहित्य या सामाजिक शोध को अपनाते है। किसी भी शोध के लिये बेहतर, सम्यक एवं सही दृष्टि का होना बहुत जरूरी होता…
प्रेमचंद की 141 वीं जयंती पर उनके गांव लमही में दीपावली मनाने की तैयारी है। लगभग 51 सौ दीयों से जयंती की शाम प्रेमचंद का लमही गांव जगमग होगा। प्रेमचंद के आवास स्मारक और शोध केंद्र को दीपों से सजाया जाएगा।लमही महोत्सव-2021 के आयोजन की जिम्मेदारी इस बार पुरातत्व विभाग को सौंपी गई है। प्रेमचंद…
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