स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित

चित्तौड़गढ़ । साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान ’संभावना’ ने अपने संरक्षक और सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना के नाम पर दिए जाने वाले वार्षिक सम्मान के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं। ।उल्लेखनीय है कि वियोगी हरि, ठक्कर बापा और माणिक्यलाल वर्मा के निकट सहयोगी रहे रामचन्द्र नन्दवाना का यह जन्म शताब्दी वर्ष है। चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन निवासी रामचन्द्र नन्दवाना ने स्वतंत्रता आंदोलन तथा इसके बाद गांधीवादी आन्दोलनों में आजीवन सहयोग दिया। वे गांधी जी की संस्थाओं हरिजन सेवक संघ और चरखा संघ से जुड़े रहे तथा चित्तौड़गढ़ के गाड़ी लौहार सेवा समिति से भी उनका जुड़ाव रहा।

संभावना संस्थान के अध्यक्ष डॉ के सी शर्मा ने बताया कि संभावना के सहयोगी डॉ कनक जैन को ’स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान’ का संयोजक बनाया गया है, वे इस सम्मान से सम्बंधित समस्त कार्यवाही का संयोजन करेंगे। सम्मान के लिए प्रविष्टियाँ डॉ जैन को 30 जुलाई 2020 तक भिजवाई जा सकेगी। 

 डॉ के सी शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मान में स्वतंत्रता आंदोलन, प्राच्य विद्या या भारतीय मध्यकालीन साहित्य से सम्बंधित किसी एक कृति को चुना जाएगा। सम्मान के लिए तीन निर्णायकों की एक समिति बनाई गई है जो प्राप्त प्रस्तावों पर विचार कर किसी एक कृति का चुनाव करेगी। आयोजन चित्तौड़गढ़ में संभावना द्वारा किया जाएगा। सम्मान में ग्यारह हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट किये जाते हैं। 

वर्ष 2019 के इस सम्मान के लिए विख्यात आलोचक प्रो माधव हाड़ा की मीरां के जीवन पर लिखी गई कृति ‘पचरंग चोला पहर सखी री’ को चुना गया था।  

‘स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान’ – 2020 की  नियमावली निम्नानुसार है-

1 सम्मान किसी कृति को दिया जाएगा जो सम्मान के वर्ष से अधिकतम पांच वर्ष पूर्व प्रकाशित हुई हो।2020के सम्मान के लिए 1 जनवरी 2015से 31 दिसंबर 2019के मध्य प्रकाशित पुस्तकों पर विचार किया जाएगा। 

2 उपयुक्त कृति के विकल्प में सम्मान किसी व्यक्ति या संस्था को भी दिया जा सकता है।

3 सम्मान की राशि 11000 रुपये (अक्षरे ग्यारह हजार रुपये) है। 

4 सम्मान के लिए कृति की प्रति अथवा कृति का प्रस्ताव कोई भी पाठक कर सकता है। लेखक स्वयं अपनी कृति का प्रस्ताव न करे ऐसा आग्रह है।

5 सम्मान भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, प्राच्य विद्या अथवा भारतीयमध्यकालीनसाहित्य से सम्बंधित किसी साहित्यिक कृति को दिया जाएगा। यह कृति मौलिक साहित्य,आलोचना अथवा विश्लेषण के रूप में हो सकती है।

6 कृति न्यूनतम 150 पृष्ठों की होनी अपेक्षित है। 

7 प्राप्त कृतियों /प्रस्तावों के आधार पर चयन समिति द्वारा निर्णय की घोषणा की जाएगी।

8 इस वर्ष 30 जुलाई 2020तक प्रस्ताव लिए जा सकेंगे। 

9 प्रस्ताव भेजने का पता निम्न है – 

डॉ. कनक जैन 
3, ज्योति नगर,पुलिसलाइनकेनिकट,चित्तौडगढ़-312001

मो. +91-9413641775,ईमेल –  sambhawnachittorgarh@gmail.com

10 किसी भी विवाद की स्थिति में संभावना संस्थान के अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होगा। 

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