छत्तीसगढ़ से शुरु हार का सिलसिला दिल्ली तक

 

साल 2018 के दिसंबर से शुरू हुआ बीजेपी के विधानसभा चुनाव में हार का सिलसिला 2020 में भी जारी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी  को करारी मात दी है. दिल्ली की हार के साथ ही  बीजेपी को 2018 के बाद हुए विधानसभा चुनावों में से अब तक सात राज्यों  में हार का मुंह देखना पड़ा है।

साल 2018 के दिसंबर से शुरू हुआ बीजेपी का   विधानसभा चुनाव में हार का सिलसिला 2020 में भी जारी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव की जंग जीतने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और  अमित शाह से लेकर जेपी नड्डा सहित पार्टी नेताओं की तमाम कोशिशें धरी की धरी रह गईं. दिल्ली की हार के साथ पिछले 14 महीनों में बीजेपी को सात राज्यों में हार का मुंह देखना पड़ा है जिसमें से पांच राज्यों में उसे अपनी सत्ता गवांनी पड़ी है.

बीजेपी की हार का सिलसिला 2018 के आखिर में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ. इन तीनों राज्यों में बीजेपी सत्ता पर काबिज थी, जिनमें राजस्थान में पांच साल से, बाकी दोनों राज्यों में 15 साल से सत्ता में थी. बीजेपी को इन तीनों राज्यों में कांग्रेस के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा. इन तीनों राज्यों के चुनाव से ऐन पहले बीजेपी को दक्षिण भारत के कर्नाटक चुनाव में भी झटका लगा था, जब नतीजे आने के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बना लिया था. हालांकि पिछले साल कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों की बगावत के बाद बीजेपी सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हो गई.

दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश में बीजेपी और टीडीपी की गठबंधन सरकार थी, लेकिन 2018 में दोनों का गठबंधन टूट गया. इसके चलते बीजेपी को चंद्रबाबू नायडू की सरकार से अलग होना पड़ा. 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ-साथ ओडिशा, अरुणाचल और आंध्र प्रदेश में चुनाव हुए, जिनमें से बीजेपी को महज अरुणाचल में ही जीत मिली बाकी दो राज्यों में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा.

साल 2019 के आखिर में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव हुए. इन तीनों राज्यों की सत्ता पर बीजेपी काबिज थी, जिनमें से बीजेपी महज हरियाणा में जेजेपी के समर्थन से सरकार बना सकी. इसके अलावा में महाराष्ट्र में शिवसेना ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना लिया. झारखंड में बीजेपी को करारी हार का मुंह देखना पड़ा और सत्ता भी गवांनी पड़ी.

साल 2020 की शुरुवात भी अच्छी नहीं रही ।  दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल 70 सीटों में से आम आदमी पार्टी को 62 और बीजेपी को महज 8 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस खाता भी नहीं खोल सकी. इस तरह से बीजेपी की दिल्ली में 22 साल के सत्ता के वनवास को खत्म करने की कोशिशें रंग नहीं ला पाईं और अब उसमें 5 साल का इजाफा और हो गया है. हालांकि   बीजेपी  जीत के अनुमान के साथ सत्ता में आने की उम्मीद अंतिम क्षणों तक लगाए हुए थी, जो पूरी नहीं हो सकी और बीजेपी के लिए देश का सियासी नक्शा नहीं बदल सका.  

उल्लेखनीय है कि केंद्र  में नरेंद्र मोदी के आने के बाद बीजेपी का ग्राफ देश भर में बढ़ा. 2014 में बीजेपी की सरकार सिर्फ 7 राज्यों में थी. मोदी लहर के चलते केंद्र की सत्ता में आने के बाद बीजेपी एक के बाद एक राज्य जीतती गई. 2015 में वह 13 राज्यों तक पहुंची, 2016 में वह 15 राज्यों तक पहुंची, 2017 में 19 राज्यों तक बीजेपी फैली और 2018 के मध्य तक भाजपा 21 राज्यों में अपना परचम लहराने में सफल हुई थी, लेकिन पार्टी की उलटी गिनती यहीं से शुरू हुई, जो दिल्ली में भी बरकरार रही. अब इस साल आगे बिहार का चुनाव है जो अब भाजपा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा ।

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