सुदर्शन न्यूज़ द्वारा सिविल सेवा में मुस्लिम समुदाय के लोगों की भर्ती के खिलाफ“ नौकरशाही जिहाद” पर चौतरफा विरोध

छद्म राष्ट्रवाद के नाम पर जहर उगलने वाले कुछ चैनल इस्लामोफोबिक और नफ़रती ख़बरें परोसने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। सांप्रदायिकता फैलाने के लिए कई बार फेक न्यूज़ का सहारा लेने के आरोपी सुदर्शन टीवी ने सिविल सेवा में मुस्लिम समुदाय के लोगों की भर्ती को टारगेट करते हुए एक प्रमोशनल वीडियो शेयर किया है। जिसे उन्होंने लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ कार्यपालिका के सबसे बड़े पदों पर मुस्लिम घुसपैठ बताया है। और इसे नौकरशाही जिहाद और यूपीएससी जिहाद का नाम दिया है।


सुरेश चव्हाणके ने एक दिन पहले सिविल सेवा में मुसलिम समुदाय के लोगों के जाने पर निशाना साधते हुए एक प्रोमोशनल वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा है कि वह सुदर्शन न्यूज़ पर ‘कार्यपालिका में मुसलिम घुसपैठ’ को 28 अगस्त से ‘पर्दाफ़ाश’ करेंगे। इस पोस्ट में उन्होंने मुसलिमों के लिए ‘नौकरशाही जिहाद’ और ‘UPSC Jihad’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है।

हालांकि इस वीडियो के सामने आते ही बड़ी संख्या में लोगों ने इसकी निंदा की है। आईपीएस एसोशिएशन ने इसे लेकर ट्वीट किया है, ‘सुदर्शन टीवी द्वारा धर्म के आधार पर नागरिक सेवाओं में उम्मीदवारों को चयनित करने वाले एक समाचार को प्रमोट किया जा रहा है। हम पत्रकारिता के सांप्रदायिक और गैरजिम्मेदाराना रवैये की निंदा करते हैं।’

इसको लेकर  उन्हें जमकर तलाड़ लगाई जा रही है। आईपीएस एसोसिएशन से लेकर देश के अन्य आईएएस अफसर और आईपीएस अफसर इसे शर्मनाक बता रहे हैं। सुरेश चव्हाणके की पोस्ट और कार्यक्रम को सामाजिक कार्यकर्ताओं से लेकर आईपीएस एसोसिएशन तक ने नफ़रत फैलाने वाला क़रार दिया है। दिल्ली पुलिस में तो इसकी शिकायत दी ही गई है, यूपीएससी के अध्यक्ष को पत्र लिखकर सख़्त कार्रवाई करने की माँग भी की गई है।

इंडियन पुलिस फाउंडेशन की तरफ से भी इस चैनल और सुरेश चव्हाणके की निंदा की गई है। साथ ही यूपी सरकार से मांग की गई है कि उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। गौरतलब है कि कोरोना आपदा के बाद जब देश बेरोजगारी, भुखमरी, बाढ़ और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल हालत समस्याओं से जूझ रहा है तो ऐसे न्यूज़ चैनल विष वमन में लगे हुए हैं।

कार्टून सौजन्य- न्यूजक्लिक

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