वंशवादी राजनीति, आज़ादी के नारों के बीच ‘तांडव’

दीपाली श्रीवास्तव

ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेज़ॉन प्राइम वीडियो पर पॉलिटिकल ड्रामा वेब सीरीज़ ‘तांडव’ रिलीज़ हो चुकी है, जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार था। सीरीज़ की कहानी दो तरह की राजनीति के ईर्द-गिर्द घूमती है। एक तरफ़ प्रधानमंत्री की कुर्सी को पाने के लिए दांव-पेंच लगाये जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी राजनीति कॉलेज कैंपस में होने वाले चुनाव को लेकर चल रही है। वेब सीरीज़ ‘तांडव’ का निर्देशन अली अब्बास जफर ने किया है और लीड रोल में सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, तिग्मांशू धूलिया, सुनील ग्रोवर, जीशान अयूब जैसे कई स्टार्स हैं। तो आइए जानते हैं क्या है ‘तांडव’ की कहानी-

वेब सीरीज़- तांडव ,निर्देशक- अली अब्बास जफर ,स्टार कास्ट- सैफ अली खान, तिग्मांशू धूलिया, डिंपल कपाड़िया, मोहम्मद जीशान अयूब, कृतिका कामरा, सुनील ग्रोवर, सारा जेन डायस, कुमद मिश्रा

स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म- अमेजॉन प्राइम वीडियो ———– रेटिंग- 3/5

‘तांडव’ में क्या है ख़ास?

कहानी शुरू होती है किसान आंदोलन से, दिल्ली में किसान अपनी ज़मीन को वापिस पाने के लिए प्रोटेस्ट कर रहे हैं। तो दूसरी तरफ़ चुनाव जीतने के बाद तीसरी बार देवकी नंदन (तिग्मांशू धूलिया) प्रधानमंत्री बनने की तैयारी कर रहे होते हैं, लेकिन शपथ लेने से एक दिन पहले उनकी मौत हो जाती है। पीएम के बेटे समर प्रताप सिंह (सैफ अली खान) पीएम बनना चाहता है, लेकिन सत्ता की कमान अपने हाथ में लेने के लिए देवकी नंदन की खास अनुराधा किशोर (डिंपल कपाड़िया) और दोस्त गोपाल दास (कुमुद मिश्रा) भी लाइन में लगे हैं। सभी को लगता है कि राजा का बेटा ही अगला राजा बनेगा यानी प्रधानमंत्री बनेगा, लेकिन समर राजनीति का अलग दांव चलते हुए इस पद को ठुकरा देता है। समर के इस फैसले से सियासत गर्मा जाती है और पार्टी में खलबली मच जाती है। 

दूसरी तरफ़ विवेकानंद नेशनल यूनिवर्सिटी में छात्रों की पार्टी के बीच चुनाव होने वाले हैं, इसी बीच युवा नेता शिवा शेखर (जीशान अयूब) आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन करके रातोंरात मशहूर हो जाता है। कॉलेज कैंपल की राजनीति में भी गर्माहट होती है और ‘भुखमरी से, भेदभाव से, पक्षपात से आज़ादी’ वाले नारे लगाये जाते हैं। इसकी गूंज प्रधानमंत्री ऑफ़िस तक पहुँचती है और यहाँ से शुरू होता है, राजनीति का असल ‘तांडव’। बनने वाले पीएम की मौत कैसी हुई? अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा? कॉलेज की राजनीति से किसे क्या फायदा होगा? ये सब जानने के लिए आपको 9 एपिसोड की वेब सीरीज़ ‘तांडव’ अमेजॉन प्राइम वीडियो पर देखनी पड़ेगी।

‘तांडव’ में आपको दिल्ली में हुआ किसान आंदोलन दिखाई देगा और जेएनयू जैसे ही यहाँ वीएनयू है। जिसमें ‘आजादी’ के नारे सुनाई देंगे और कॉलेज कैंपस के अंदर छात्र गुटों के बीच मारपीट भी देखने को मिलेगी। दिल्ली के एम्स की तरह ही सीरीज़ में भी अस्पताल देखने को मिलेगा। टीआरपी के लिए कुछ भी चलाने वाले चैनल्स के मालिकों को भी दिखाया गया है। साथ ही मीडिया के बिके होने की लाइन भी कई बार दोहराई गई है। इसके अलावा राजनीति के कई रंग देखने को मिलेंगे। किस तरह से राजनीति में आगे रहने के लिए लोग दांव पेंच खेलते हैं। तो वहीं देश के पूर्व पीएम और उनकी राजनीति पर भी तंज कसे गये हैं। 

निर्देशन

कई हिट फ़िल्में दे चुके डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने पॉलिटिकल ड्रामा सीरीज़ भी बना डाली। राजनीति को लेकर बनने वाली फ़िल्मों और सीरीज़ से दर्शकों को ज़्यादा उम्मीदें होती हैं, भले ही इसमें आधा सच और आधा झूठ होता हो। लोगों को ‘तांडव’ का काफ़ी दिनों से इंतज़ार था पर इसे देखने के बाद सीरीज़ की कहानी आपको निराश कर सकती है। निर्देशक ने स्टार कास्ट बेहतरीन चुनी लेकिन कहानी के लेखक गौरव सोलंकी इसमें कसावट नहीं डाल पाये। जिसकी वजह से कहानी थोड़ी स्लो है और इसे देखने के लिए आपको धैर्य रखना पड़ेगा। हालाँकि, सीरीज़ के संवाद अच्छे हैं।

अभिनय

परफॉर्मेंस की बात करें तो तिग्मांशू धूलिया और डिंपल कपाड़िया ने अच्छा अभिनय किया है। तिग्मांशू के छोटे रोल से दर्शकों को निराशा हो सकती है लेकिन उनका किरदार दमदार है। सैफ अली खान एक चालाक नेता के रोल में हैं और यहाँ उनकी एक्टिंग में थोड़ी सी कमी दिखती है। इसके अलावा सुनील ग्रोवर, जिन्होंने वफादार व्यक्ति गुरपाल का किरदार निभाया है। इस सीरियस रोल में उनकी परफॉर्मेंस काफी दमदार है। जीशान अयूब बेहद शानदार कलाकार हैं और एक बार फिर उन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय के ज़रिये साबित किया है। कुमुद मिश्रा और अनूप सोनी ने अपने किरदार को बख़ूबी निभाया है। इसके अलावा सीरीज़ के अन्य स्टार्स जैसे गौहर खान, कृतिका कामरा, सारा जेन डायस, नेहा हिंजे, अमायरा दस्तूर, संध्या मृदुल, सुखमनी सडाना, शोनाली नागरानी, राजीव गुप्ता, डिनो मोरिया, हितेन तेजवानी सभी ने अच्छा अभिनय किया है।

‘तांडव’ एक पॉलिटिकल ड्रामा वेब सीरीज़ है और इसमें भले ही हाल-फ़िलहाल में हुई घटनाओं को डाला गया हो लेकिन फिर भी कुछ खास नयापन नहीं है। हालाँकि, सीरीज़ में स्टार्स की परफॉर्मेंस और संवाद काफी मज़बूत हैं, जिनके दम पर आप इसे एक बार देख सकते हैं। साथ ही ‘तांडव’ का सेकेंड सीज़न भी आयेगा, इसलिए भी आप इसे देख सकते हैं। लेकिन अगर आप राजनीति में जरा भी दिलचस्पी नहीं रखते हैं, तो यह आपको बोर करेगी।

सौज- सत्यहिन्दी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *