
अमेरिकी कमीशन ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ पर विदेशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है.. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति खराब हो रही है।इस रिपोर्ट में 16 देशों को कंट्रीज ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न यानी ऐसे देश कहा गया है जहां धार्मिक स्वतंत्रता की हालत बहुत ज्यादा खराब है. इन देशों में नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान के साथ, भारत, चीन, रूस और ईरान जैसे देशों को भी शामिल किया गया है.इस रिपोर्ट पर भारत की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है. भारत के विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट में कही गई बातों को पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित बताया है.
धार्मिक आजादी पर रिपोर्ट जारी करने वाला अमेरिकी कमीशन, अमेरिकी सरकार की एक सलाहकार संस्था है. यह दुनियाभर में धार्मिक आजादी पर नजर रखता है और अपने अध्ययन के हिसाब से अमेरिकी सरकार को नीतिगत सलाह देता है. अमेरिकी कमीशन ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ पर विदेशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी पर अमेरिकी कमीशन की एक रिपोर्ट में यह आरोप लगाते हुए रॉ पर कठोर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति खराब हो रही है.
यह रिपोर्ट 2024 में दुनिया भर में धार्मिक आजादी पर पड़े असर के बारे में बात करती है. मंगलवार को जारी की गई इस रिपोर्ट में 16 देशों को कंट्रीज ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न यानी ऐसे देश कहा गया है जहां धार्मिक स्वतंत्रता की हालत बहुत ज्यादा खराब है. इन देशों में नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान के साथ, भारत, चीन, रूस और ईरान जैसे देशों को भी शामिल किया गया है.
इससे निचली श्रेणी स्पेशल वॉच लिस्ट में 12 देश शामिल किए गए हैं. स्पेशल वॉच लिस्ट में ऐसे देश हैं, जिनमें धार्मिक आजादी पर काफी खतरा है लेकिन यह खतरा कंट्रीज ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न जितना नहीं है. इन 12 देशों में अल्जीरिया, मिस्र और इंडोनेशिया जैसे देश हैं. देशों के अलावा कुछ संगठनों को भी धार्मिक आजादी के लिए गंभीर खतरा बताया गया है. एंटिटीज ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न की इस लिस्ट में अल-शबाब, बोको हराम और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों के नाम हैं.
भारत की बेहद कड़ी प्रतिक्रिया
भारत इससे पहले भी इस रिपोर्ट की कंट्रीज ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न लिस्ट में शामिल था. आयोग का कहना है कि 2024 में भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव वाली सरकारी नीतियों में इजाफा हुआ. रिपोर्ट में 2024 में भारत में हुए आम चुनावों का भी जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक चुनावों में धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया. इस दौरान मुसलमान समुदाय के खिलाफ हेट स्पीच और हिंसा के मामले भी सामने आए.
इन चीजों के अलावा रिपोर्ट में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए), एंटी कंवर्जन लॉ और यूएपीए को भी अल्पसंख्यक विरोधी गतिविधियों से जोड़ा गया है. इस रिपोर्ट पर भारत की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस रिपोर्ट में कही गई बातों को पक्षपातपूर्ण और राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने भारत को लोकतंत्र और सहिष्णुता का चमकता सितारा बताते हुए कहा है कि देश को नीचा दिखाने की कोशिशें कामयाब नहीं होंगी. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी पर अमेरिकी कमीशन यानी यूएससीआईआरएफ पर बरसते हुए कहा, “उल्टा यूएससीआईआरएफ को ही ‘एंटिटी ऑफ कंसर्न‘ घोषित किया जाना चाहिए.”
ट्रंप की क्रिप्टो समिट का भी जिक्र
दुनिया में धार्मिक आजादी से जुड़ी इस रिपोर्ट में ट्रंप की क्रिप्टो समिट का भी जिक्र किया गया है. यह समिट 7 मार्च, 2025 में आयोजित की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिप्टो नीतियां बदलने का असर धार्मिक ग्रुपों को मिलने वाली फंडिंग पर पड़ सकता है.
दरअसल कई धार्मिक समूह अभी बिना कोई टैक्स चुकाए, गुपचुप तरीके से क्रिप्टो करंसी में डोनेशन ले रहे थे. समिट के बाद क्रिप्टो से जुड़े जिन नए कानूनों के बनने की संभावना है, उनके आने के बाद गुपचुप तरीके से क्रिप्टो में डोनेशन लेना मुश्किल हो जाएगा. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि कानून आने के बाद अमेरिका ब्लॉकचेन पर मौजूद हर वॉलेट और होने वाले हर पेमेंट को चेक करने का सिस्टम बनाएगा. इसके बाद कई धार्मिक संस्थाओं को गुपचुप तरीके से क्रिप्टो में लिए दान पर टैक्स चुकाने के लिए मजबूर भी किया जा सकता है.
डी डब्लू/ से साभार