1-भरोसा कोई अगर आंख बंद किए चल रहा है हाथ पकड़ कर तो उसके रास्ते के पत्थर देखना संभालना गिरने से पहले जब भी वह कुछ कहे तो सुनना देखना कि उसकी आंखें क्या देखना चाहती हैं सुनना उसकी हर आवाज जो कहने से पहले रुक जाए कंठ में बहुत मुश्किल से मिलता है वह […]
Read Moreकोरोना का कहर है और देश क्या पूरे संसार में बहुतई मारा मारी मची पड़ी है । ऐसा समय है कि जान पहचान वाले क्या दोस्त यार मां बाप- बेटे- बेटी से लेकर प्रेमी प्रेमिका तक मिल नहीं पा रहे । अब विदेशियों का क्या वो तो पहले ही परिवार से दूर रहते हैं, तकलीफ […]
Read Moreवे बोले, ”ठीक है। केवल इस बात का ध्यान रखना कि जो कुछ भी लिखो, वह अधिकतर तुम्हारे अपने ही अनुभवों के आधार पर हो। व्यर्थ की कल्पना के चक्कर में कभी न पड़ना।” (शरत के साथ बिताया कुछ समय – अमृतलाल नागर ) एक समय था जब अमृतलाल नागर को हिंदी कथा लेखन का आखिरी मुग़ल […]
Read Moreस्वयं प्रकाश हिन्दी साहित्य का चिरचरिचित नाम है । समाज को जड़ता से बाहर निकाल उसे प्रगतिशील मूल्यों की तरफ चलने को प्रेरित करती सामाजिकता के सरोकार से भरी उनकी कहानियाँ पढने में जितनी सरलता का बोध कराती है उतनी ही ज्यादा वे भीतर से झकझोरती हैं । स्वयं प्रकाश की कहानियाँ पूरे भारतीय समाज […]
Read More21 अप्रैल, 1923 को जन्मे साहित्यकार नंद चतुर्वेदी को लोग प्यार से नंद बाबू कहते थे । ब्रजभाषा से कविताई आरंभ करने वाले नंद बाबू एक कवि के साथ ही बहुत अच्छे गद्यकार भी थे। एक कवि के रूप में नंदबाबू की दृष्टि प्रगतिगामीऔर वैश्विक थी । निबंध संग्रह‘शब्द संसार की यायावरी’ और कविता संग्रह-यह समय मामूली नहीं जैसी […]
Read Moreमशहूर कहानीकार ओ. हेनरी की विश्वविख्यात कृति ‘ दी लास्ट लीफ ‘ का हिंदी रूपांतरण।यह कहानी एक शराबी, बूढ़े असफल चित्रकार की है जो अपनी अंतिम मास्टरपीस कलाकृति- आखिरी पत्ते को पेंट करके, एक मासूम लड़की की जान बचाता है। वाशिंगटन चौक में गलियां पागलों की तरह इधर-उधर दौड़ती हुई जमीन को छोटे-छोटे पट्टों में […]
Read Moreयह वर्ष फणीश्वरनाथ रेणु की जन्मशताब्दी वर्ष है। हमारी कोशिश होगी कि हम लगातार उनकी रचनाओं को आपके लिए लेकर आएं। आज पढिए कहानी – एक आदिम रात्रि की महक -(संपादक) .न …करमा को नींद नहीं आएगी। नए पक्के मकान में उसे कभी नींद नहीं आती। चूना और वार्निश की गंध के मारे उसकी कनपटी […]
Read Moreहर राज्य प्रमुख यानि मुख्य मंत्री को हर समुदाय , जमात और जमातियों के साथ मजबूती से खड़े होना ही चाहिए, हां ये ज़रूर है कि वो किसी भी समुदाय या जमात के उत्पातियों के साथ नहीं हो सकता। और ये तो सच है ही कि हर समुदाय और जमात में उत्पाती होते ही हैं। […]
Read Moreवोल्गा से गंगा’, भागो नहीं, दुनिया को बदलो , जैसी कई महत्वपूर्ण कृतियां रचने वाले पद्म विभूषण से सम्मानित महा पंडित राहुल सांकृत्यायन की आज जन्मतिथि है. यात्रा साहित्य के जनक ‘महापंडित’ के उपाधि से मशहूर राहुल सांकृत्यायन सच्चे अर्थों में जनता के लेखक कहे जाते हैं जो हमेशा जनता के संघर्षों में शामिल रहे. वे कई […]
Read Moreसारा विश्व कोरोना महामारी के चलते जिंदगी और मौत की सबसे कठिन लड़ाई लड़ रहा है। विश्व की सारी सरकारें अपने इस भयंकर महाहारी से मुकाबला करने पूरी ताकत से जूझ रही हैं। छत्तीसगढ़ में भी इस महामारी की दस्तक एकदम शुरुवाती दौर में ही सुनाई दे गई थी । मुख्य मंत्री भूपेश बघेल ने […]
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