एम. के. भद्रकुमार यदि आज एक जनमत संग्रह होता है, तो तुर्की के लोग निस्संदेह एर्दोगन के फ़ैसले का समर्थन करेंगे। जब यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्रियों ने 13 जुलाई को एक वर्चुअल बैठक की थी, जिसका एजेंडा तुर्की के साथ इस समूह के रिश्ते को लेकर था, तो दरअस्ल यह एक निर्णायक […]
Read Moreबर्बरीक कांग्रेस एक पार्टी नहीं आयडिया का नाम है जिसके तहत भारत को एक समावेशी, धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र बनाने की जद्दोजह हुई। इस विचार को आज़ादी के पहले से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चुनौती देता रहा है। पहले जनसंघ और फिर बीजेपी बनाकर उसने इसी राह को उलटने की कोशिश की। यह बात पुराने कांग्रेसी अच्छी तरह […]
Read Moreतुर्की हो या पाकिस्तान, जहाँ अभी एक मंदिर के निर्माण पर विवाद खड़ा किया जा रहा है या भारत, अतीत के प्रेत जगाए जा रहे हैं। लेकिन प्रेत तो अनेक हैं और सबके जागने का मतलब वर्तमान के लिए क्या होगा, अंदाज़ करना मुश्किल नहीं है। हाया सोफ़िया इसलिए पूरी दुनिया की चिंता का विषय […]
Read Moreपिछले दिनों उसने अपने सोशल मीडिया पेज पर भीम आर्मी के बिहार प्रमुख गौरव सिराज और एक अन्य कार्यकर्ता वेद प्रकाश को खुलेआम धमकाया है. उसने अपने ‘सैनिकों’ को आदेश दिया है कि उन्हें ‘जिन्दा या मुर्दा’ गिरफ्तार करें. बताया जाता है कि इस युवा अम्बेडकरवादी ने ब्रह्मेश्वर मुखिया- जो रणवीर सेना के प्रमुख थे और 2012 […]
Read Moreपिछले कुछ महीनों से केरल ख़बरों में है. मीडिया में राज्य की जम कर तारीफ हो रही है. केरल ने कोरोना वायरस का अत्यंत मानवीय, कार्यकुशल और प्रभावी ढंग से मुकाबला किया. इसके बहुत अच्छे नतीजे सामने आये और लोगों को कम से कम परेशानियाँ भोगनी पडीं. केरल एक ऐसा राज्य है जहाँ सार्वजनिक स्वास्थ्य […]
Read Moreअजय कुमार “सिलेबस को कभी भी केवल क्लास पास करने या फेल करने को आधार बनाकर नहीं देखना चाहिए। सिलेबस कट करने के नाम पर सरकार अपना एजेंडा थोपने की कोशिश कर रही है।” कोविड-19 महामारी की वजह से सब कुछ प्रभावित है। स्वास्थ्य और रोज़गार के अलावा इसका शिक्षा पर भी बहुत बड़ा असर […]
Read Moreरिचर्ड डी. वोल्फ़ ट्रंप का राष्ट्रवाद साफ़ है, लेकिन क्या अमेरिका का पूंजीवाद राष्ट्रवादी चोला पहन सकता है? ट्रंप प्रशासन बड़े स्तर पर ”आर्थिक राष्ट्रवाद” की तरफ़ मुड़ चुका है। ट्रंप प्रशासन, विश्व व्यापार संगठन, नाटो और संयुक्त राष्ट्र पर हमले करता है और उन्हें कमज़ोर बना रहा है। ट्रंप और उनके दूसरे अधिकारी दुनिया […]
Read Moreप्रज्ञा पारिजात सिंह अगर पत्नी का सिंदूर ना लगाना पति पर क्रूरता की निशानी है, तो अदालतों को हजारों पेटिशन झेलने के लिए तैयार रहना होगा. हिन्दू मैरिज एक्ट में कहीं सिंदूर या मंगलसूत्र का उल्लेख नहीं है. गुवाहाटी हाई कोर्ट ने इस हफ्ते एक विचित्र ऑर्डर पास किया जिसे मैं कई बार पढ़ चुकी […]
Read Moreचीन के सम्पूर्णबहिष्कार का नारा देने वाले चीन न बन पाने के दुःख से क्यों भरे हुए हैं? क्या यह अवसरवादी राष्ट्रवाद की वजह से है? इस अवसरवादी और कायर राष्ट्रवाद की चर्चा की प्रासंगिकता इतनी ही है कि इसे मालूम है कि चीन के मामले में वह पराक्रम का जोखिम नहीं ले सकता। लेकिन […]
Read Moreज्योति यादव नताशा नारवाल को ‘दिल्ली हिंसा और अमूल्य लीना को’ हिंदुस्तान ज़िंदाबाद, पाकिस्तान ज़िंदाबाद कहने की साजिश के लिए गिरफ्तार किया गया था. लेकिन उनके पिताओं ने बेटी पर कैसी प्रतिक्रिया दी, आज भारत के बारे में बहुत कुछ बताता है. इस साल दिल्ली दंगों और सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों की कहानियों के मद्देनजर […]
Read More