नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती (23 जनवरी) के अवसर पर देश भर में अनेक आयोजन हुए. राष्ट्रपति भवन में उनके तैल चित्र का अनावरण किया गया. केंद्र सरकार ने घोषणा की कि नेताजी का जन्मदिन हर वर्ष ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जायेगा. रेलमंत्री ने कहा कि हावड़ा-कालका मेल को अब नेताजी एक्सप्रेस […]
Read Moreफरीद खान हर दिल अजीज रंगकर्मी सफदर हाशमी के जिक्र से कई सियासी सूत्र खुलते हैं” जब लोकतांत्रिक अधिकारों पर कई तरह के पहरे मढ़े जा रहे हों तो हर दिल अजीज रंगकर्मी सफदर हाशमी के जिक्र से कई सियासी सूत्र खुलते हैं। रंगकर्मी, सफदर के अभिन्न मित्र और उनकी हत्या के चश्मदीद गवाह सुधन्वा […]
Read Moreअरुण कुमार त्रिपाठी किसानों के धरना स्थल पर गांधी की चाक्षुष उपस्थिति न के बराबर है या बहुत कम है। क्योंकि उन्हें ज़रूरत नहीं गांधी के नाम पर दिखावा करने की। फिर भी शांतिपूर्वक धरने पर बैठे किसानों ने 30 जनवरी यानी महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर एक दिन का उपवास रखा।किसानों ने गांधी […]
Read Moreअव्यक्त 31 जनवरी, 1948 को दिए इस वक्तव्य में विनोबा भावे बताते हैं कि क्यों जब गांधीजी जैसा पुरुष देह छोड़कर जाता है तो वह रोने का प्रसंग नहीं होता अभी इस समय दिल्ली में जमुना नदी के किनारे पर एक महान पुरुष की देह अग्नि में जल रही है. हम यहां जिस तरह प्रार्थना […]
Read Moreमुकेश कुमार क्या गुंडों की ये टोलियाँ फासीवादी अभियान के शुरुआती दस्ते हैं? अभी इस तरह की भविष्यवाणी को अनुचित और जल्दबाज़ी कहा जाएगा। बहुत से लोगों को यक़ीन है कि भारत के लोगों का सामूहिक विवेक अभी उस हद तक नहीं गिरा है जहाँ हम मान लें कि लोकतांत्रिक व्यवस्था ढह जाएगी और फासीवाद […]
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