कैटरीना वेंडेन ह्यूवेल 9/11 की बरसी पर हमें दशकों से असफल हो रही अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की तरफ़ ध्यान देने की जरूरत है। अमेरिकी विदेशी नीति के सतत सैन्यीकरण ने वास्तविक सुरक्षा चिंताओं से निपटने में अमेरिका की क्षमता को नुकसान पहुंचाया है। यह वह समस्याएं हैं, जिनसे ना केवल अमेरिका, बल्कि पूरे ग्रह […]
Read Moreराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हाल में कहा था कि भारत में इस्लाम खतरे में नहीं है; कि कलह करने से काम नहीं चलने वाला है और देश में शांति के लिए हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच संवाद की ज़रुरत है. उन्होंने यह भी कहा था कि, “जो व्यक्ति कहता है […]
Read Moreआरएसएस चिंतक और राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने ‘दैनिक जागरण’ को दिए एक साक्षात्कार (जुलाई 2021) में कहा कि अब समय आ गया है कि हम ‘ईसाई मिशनरी भारत छोड़ो’ अभियान शुरू करें. उनके अनुसार, ईसाई मिशनरियां आदिवासी संस्कृति को नष्ट कर रही हैं और भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का दुरूपयोग करते हुए […]
Read Moreचेला के साथ चांटी लगे रहते हैं, इसलिए कहा जाता है – गुरु के चेला चांटी बहुत हैं। चेला का मतलब तो समझ मे आया। चांटी का क्या अर्थ। खींच-कींचकर अर्थ निकाला छत्तीसगढ़ी मे चींटी के चांटी कहते हैं। तो चेला का मतलब प्रमुख चेला और उसके साथ-साथ जो छोटे-छोटे लोग आएं, वे चांटी, इसका […]
Read Moreपहले वाले दौर के फासीवादी आंदोलनों ने अपनी शुरूआत बड़ी पूंजी के खिलाफ आंदोलनों के रूप में की थी। लेकिन अब के नव-फासीवादी तथा धुर-दक्षिणपंथी आंदोलन शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ–जो जनता को बेरोजगार बनाए रखती है-जायज गुस्से को भुनाने का कोई प्रयास करती नहीं दिखाई देती हैं। पिछले कुछ अर्से में दुनिया भर में धुर-दक्षिणपंथी, […]
Read Moreयूसुफ़ अंसारी इस तरह की टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट कई बार कर चुका है। यह पहली बार है कि वह राजद्रोह के क़ानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट पहले कई बार राजद्रोह क़ानून को ख़त्म करने संबंधी याचिकाओं को खारिज कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने […]
Read Moreसन 2019 के पांच अगस्त को राष्ट्रपति ने एक अध्यादेश जारी कर कश्मीर को स्वायत्तता प्रदान करनी वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया. यह अनुच्छेद कश्मीर के भारत में विलय का आधार था और कश्मीर को रक्षा, संचार, मुद्रा और विदेशी मामलों के अतिरिक्त अन्य सभी क्षेत्रों में स्वात्तता प्रदान करता था. […]
Read Moreसुप्रसिद्ध लेखक डॉ.आलम शाह ख़ान की कहानियाँ वर्तमान समय में बहुत प्रासंगिक हो गई हैं। भारतीय सामाजिक जीवन का गहराई से अनुसंधान करके, पाठक की जड़ता को तोड़ते हुए उसे परिवर्तन के लिए उद्वेलित करती हैं I यही उनकी विशिष्टता है जो उनको ‘वक्त से आगे का रचनाकार’ बनाती है तथा उनकी रचनाओं को कालजयी […]
Read Moreगोविंद पंत राजू भारत के धर्म, इतिहास और साहित्य में हर जगह फलों का राजा आम अपने अलग-अलग अंदाज में मौजूद दिखता है.रस, गंध, रंग और स्वाद. आम के पास सब कुछ मौजूद है. इसीलिए आम होते हुए भी यह खास है. इतना खास कि भारत के धर्म, इतिहास और साहित्य में हर जगह यह […]
Read Moreविकास बहुगुणा | भारत के संविधान में अल्पसंख्यक की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है और इस मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग कानून भी उतना ही अस्पष्ट है. ‘हम अल्पसंख्यक नहीं हैं. यह शब्द अंग्रेजों ने दिया था. वे चले गए. अब इसे भी विदाई दी जाए.’ बिहार के वरिष्ठ नेता तजम्मुल हुसैन ने यह बात संविधान […]
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