विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि स्पीकर के पास पूरा अधिकार है कि वो शो-कॉज़ नोटिस भेज सके. उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने वकीलों से कहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करें.’
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी बागी विधायकों को जारी कारण बताओ नोटिस पर हाई कोर्ट द्वारा तात्कालिक रोक लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहे हैं. विदित हो कि स्पीकर द्वारा जारी किए नोटिस को सचिन पायलट खेमे के बागी विधायकों ने प्रदेश के हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसपर अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कहा था कि वो 24 जुलाई को इसपर फैसला सुनाएगी. लेकिन इसके अगले ही दिन स्पीकर ने शीर्ष अदालत का रुख करने का फैसला किया है.
सीपी जोशी ने कहा कि स्पीकर के पास पूरा अधिकार है कि वो शो-कॉज़ नोटिस भेज सके. उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने वकीलों से कहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करें.’
राजस्थान में पिछले कई दिनों से चला आ रहा सियासी संकट अब राज्य के हाई कोर्ट से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा, ‘स्पीकर की जिम्मेदारियों को सुप्रीम कोर्ट और संविधान द्वारा अच्छी तरह से परिभाषित किया गया है. अध्यक्ष के रूप में मुझे एक आवेदन मिला और इस पर जानकारी लेने के लिए, मैंने कारण बताओ नोटिस जारी किया. यदि कारण बताओ नोटिस प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाएगा, तो प्राधिकरण का काम क्या है.’
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी कि इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है, इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किया था. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जा चुका है. पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो.