किसानों के नेताओं ने खुलेआम घोषणा भी कर दी और कुल पांच फैसले लिए। पहला, किसानों ने अमित शाह के प्रस्ताव को अस्वीकार किया। दूसरा, किसान सड़क पर ही डटे रहेंगे। उन्होंने बुराड़ी मैदान को जेलखाना बताया है। दिल्ली के सभी पांच मुख्य रास्ते बंद करने का एलान किया है। इसके अलावा किसानों ने देश के सभी बुद्धिजीवियों की रिहाई की मांग भी की है।
किसान बिलों के खिलाफ राज्यों से उठकर दिल्ली पहुंचा किसानों का आंदोलन आज नाटकीय घटनाक्रम का गवाह रहा। बुराड़ी के निरंकारी मैदान में किसानों से जुटने की गृहमंत्री अमित शाह की अपील को खारिज करते हुए पंजाब-हरियाणा के किसान आंदोलनों ने एक बड़ी लकीर खींच दी।
उधर उत्तर प्रदेश के यूपी गेट बॉर्डर पर बैठे किसानों के साथ पुलिस की झड़प आज देर शाम हुई है। वहां राकेश टिकैत के नेतृत्व में बैठे किसानों ने दिन के वक्त बैरिकेड तोड़ दिए थे। इस समूह ने भी तय किया है कि यूपी गेट के बॉर्डर पर ही यह डेरा डालेगा, दिल्ली नहीं जाएगा।
एजेंसियां